ETV Bharat / city

राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट, ऐलान से ज्यादा अमल की दरकार

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. गहलोत सरकार 23 फरवरी को विधानसभा में अलग से कृषि बजट (Rajasthan Farm Budget) पेश करेगी. ये पहली बार है जब राज्य में अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि पहली बार आ रहे कृषि बजट का दायरा बड़ा होगा और इसमें किसानों से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं शामिल होंगी. पढ़िये ईटीवी भारत राजस्थान के ब्यूरो चीफ अश्विनी पारीक की ये रिपोर्ट...

Rajasthan Farm Budget
राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट
author img

By

Published : Feb 22, 2022, 12:58 PM IST

Updated : Feb 22, 2022, 11:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार 23 फरवरी को अपना बजट पेश करेगी. अशोक गहलोत सरकार 3 साल पूरे कर चुकी है और चौथा साल उनके लिए खासा अहम होने वाला है. जाहिर है कि चौथा बजट साल 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी इस बजट में काफी कुछ संभावनाएं देखी जा रही है. लिहाजा अशोक गहलोत की कोशिश होगी कि राजस्थान की आवाम उनसे जो उम्मीद कर रही है, वह पूरी हो.

किसी भी राजनीतिक दल के लिए किसान भी एक बड़ा वोट बैंक होता है और हर चुनाव का मुद्दा भी. इसी कारण से यह अब देखा जा रहा है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अलग से कृषि बजट (Rajasthan Farm Budget) लाने का जो ऐलान किया था, उस पर इस मर्तबा अमल होने वाला है. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी यह कहा गया था कि अन्नदाता के बेहतर भविष्य और उनके हितों का संरक्षण करने के लिए साल 2022-23 के राज्य बजट में अलग से कृषि बजट को पेश किया जाएगा. इस दौरान महात्मा गांधी की ओर से लिखे गए एक लेख जो कि 12 जनवरी 1945 को मुंबई क्रॉनिकल में छपा था, का हवाला देते हुए कहा था कि किसान के पास राजनीतिक सत्ता के साथ हर किस्म की सत्ता होनी चाहिए.

राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट

पढ़ें- CM On Krishi Budget 2022: गहलोत बोले- पहली बार आ रहा है अलग कृषि बजट, जो चाहो वो मांग लो... ऐसा मौका फिर नहीं आएगा

अभिभाषण में सहकारी बैंकों के 8181 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए जाने की बात कही गई तो 3 सालों में 36 हजार 357 करोड़ रुपए से ज्यादा के अल्पकालीन ऋण, 846 करोड़ रुपए से ज्यादा के मध्यकालीन लोन और 362 करोड़ 70 लाख रुपए के दीर्घकालीन ऋण बांटने की भी बात हुई है. अभिभाषण के जरिए इशारा किया गया कि हर पंचायत मुख्यालय पर नई सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा ताकि किसान को उपज का सही मूल्य हासिल हो सके. किसान के लिए बिजली के कनेक्शन, दुग्ध उत्पादक संबल योजना, नए पशु चिकित्सा केंद्र और फसल बीमा पॉलिसी केटीएम यूरिया की उपलब्धता कृषि व्यवसाय और निर्यात के प्रोत्साहन के लिए सरकार के मानस का हवाला भी यहां पर दिया गया. यह दावा किया गया कि साल 2021-22 में रिकॉर्ड 23 लाख 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद 2 लाख 2 हजार किसानों के माध्यम से की गई.

पढ़ें- Rajasthan Agriculture Budget 2022 : कृषि बजट से आदिवासी किसानों को हैं बड़ी उम्मीदें..वाग्धारा संस्था ने दिये ये सुझाव

हम बना रहे हैं इतिहास: राजस्थान में पहली बार कृषि के लिए अलग से पेश किए जाने वाली बजट को लेकर अशोक गहलोत ने बड़ी उम्मीद जाहिर की है. उन्होंने किसान आयोग के अध्यक्ष महादेव सिंह के पदभार ग्रहण के मौके पर भी इस बात का जिक्र किया और कहा था कि किसानों के हित में राजस्थान सरकार की यह पहल बड़ी असरकारी और ऐतिहासिक साबित होगी. गहलोत ने कहा कि किसानों की परेशानी पर अगर गौर करना है तो इसके लिए उनको विशेष तवज्जो दिए जाने की भी जरूरत है. आने वाली कृषि बजट में यह काम आसानी से पूरा हो जाएगा. हालांकि, गहलोत MSP की बात अक्सर उठाते हैं पर इस मर्तबा उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया.

किसान आयोग करेगा काश्तकार की राय से काम : राजस्थान में किसान आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला ने आने वाले बजट को लेकर कहा कि किसान आयोग खेती से जुड़े लोगों और सरकार के बीच सेतु का काम करेगा. किसान आयोग जमीनी सुझावों को सीधे सरकार तक पहुंचाएगा, ताकि खेती से जुड़े वर्ग की समस्या को तत्काल प्रभाव से हल किया जा सके. उन्होंने भी बजट की रूप रेखा को लेकर किसान के हक में काम करने का भरोसा दिया.

पढ़ें- Rajasthan Agriculture Budget 2022: कृषि बजट से अन्नदाता को उम्मीदें... MSP पर खरीद और किसान को कर्ज मुक्त बनाने को लेकर हों घोषणाएं

क्या कहते हैं किसान संगठन: प्रदेश के किसान संगठन भी कृषि बजट को लेकर सक्रिय हो चुके हैं. बीते दिनों किसान महापंचायत की जयपुर जिले के नरेना में हुई बैठक के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले पर सरकारी मंशा को लेकर एक बैठक हुई. इस दौरान कृषि बजट से पहले एमएसपी की गारंटी को लागू किए जाने की भी मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई. किसानों ने कहा कि यह किसानों का हक है और सरकार को इसके लिए कानून बनाकर आने वाले बजट में काश्तकारों को राहत देने की राह तैयार करनी चाहिए.

सिर्फ घोषणा से काम नहीं चलेगा: अलग से कृषि बजट को पेश किए जाने के मसले पर पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता प्रभु लाल सैनी ने इस पहल को सराहनीय बताया. साथ ही प्रभु लाल सैनी ने सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए. सैनी ने कहा कि अहम बात यह होगी कि सरकार जिन घोषणाओं को पूरा करती है, उनको क्या तय मियाद में पूरा कर पाएगी? उन्होंने पिछले बजट में सोलर पंप योजना के सरकारी दावे को खोखला बताया और कहा कि 1 लाख सोलर पंप कृषि कनेक्शन के बदले सरकार महज 500 से 700 कनेक्शन किसानों को दे पाई है.

सरकार के सहयोगी संगठन भी उठा रहे हैं सवाल: प्रदेश के अशोक गहलोत सरकार ने सहयोगी संगठन के रूप में राष्ट्रीय लोक दल ने अपना समर्थन दिया और उच्च शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग मंत्री बने. लेकिन राष्ट्रीय लोक दल ने किसान के मसले पर सरकार की नीति और नियति में फर्क महसूस किया है. आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार सहारण ने कृषि बजट की घोषणा को स्वागत योग्य कदम बताया तो बीते दिनों किसान आयोग में की गई नियुक्तियों को लेकर हुई देरी पर भी सवाल खड़े किए.

पढ़ें- Rajasthan Agriculture Budget 2022 : प्रदेश में पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट से किसानों को खासी उम्मीद, सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज माफी

आरएलडी के मुताबिक प्रदेश में किसान आज पानी की समस्या से जूझ रहा है. शेखावटी में यमुना का पानी लाने का सपना सालों पुराना है. ऐसे में सरकार के प्रयास होने चाहिए कि इस बजट में यमुना के पानी के लिए नहर बनाने को लेकर अलग से बजट प्रस्ताव लाए जाए ताकि किसान को राहत मिले.

किसानों की कर्जमाफी करे सरकारः हनुमान बेनीवाल

राजस्थान विधानसभा में पेश होने वाले आगामी बजट से ठीक पहले आरएलपी सांसद और संयोजक हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र और ट्वीट के जरिए किसानों की कर्ज माफी की मांग की है. बेनीवाल ने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी की घोषणा करने के साथ ही कृषि के लिए मुफ्त बिजली देने और बूंद बूंद सिंचाई के कृषि कनेक्शनों को 1 वर्ष में ही सामान्य श्रेणी में तब्दील करने की मांग की है.

जयपुर. राजस्थान सरकार 23 फरवरी को अपना बजट पेश करेगी. अशोक गहलोत सरकार 3 साल पूरे कर चुकी है और चौथा साल उनके लिए खासा अहम होने वाला है. जाहिर है कि चौथा बजट साल 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी इस बजट में काफी कुछ संभावनाएं देखी जा रही है. लिहाजा अशोक गहलोत की कोशिश होगी कि राजस्थान की आवाम उनसे जो उम्मीद कर रही है, वह पूरी हो.

किसी भी राजनीतिक दल के लिए किसान भी एक बड़ा वोट बैंक होता है और हर चुनाव का मुद्दा भी. इसी कारण से यह अब देखा जा रहा है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अलग से कृषि बजट (Rajasthan Farm Budget) लाने का जो ऐलान किया था, उस पर इस मर्तबा अमल होने वाला है. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी यह कहा गया था कि अन्नदाता के बेहतर भविष्य और उनके हितों का संरक्षण करने के लिए साल 2022-23 के राज्य बजट में अलग से कृषि बजट को पेश किया जाएगा. इस दौरान महात्मा गांधी की ओर से लिखे गए एक लेख जो कि 12 जनवरी 1945 को मुंबई क्रॉनिकल में छपा था, का हवाला देते हुए कहा था कि किसान के पास राजनीतिक सत्ता के साथ हर किस्म की सत्ता होनी चाहिए.

राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट

पढ़ें- CM On Krishi Budget 2022: गहलोत बोले- पहली बार आ रहा है अलग कृषि बजट, जो चाहो वो मांग लो... ऐसा मौका फिर नहीं आएगा

अभिभाषण में सहकारी बैंकों के 8181 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए जाने की बात कही गई तो 3 सालों में 36 हजार 357 करोड़ रुपए से ज्यादा के अल्पकालीन ऋण, 846 करोड़ रुपए से ज्यादा के मध्यकालीन लोन और 362 करोड़ 70 लाख रुपए के दीर्घकालीन ऋण बांटने की भी बात हुई है. अभिभाषण के जरिए इशारा किया गया कि हर पंचायत मुख्यालय पर नई सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा ताकि किसान को उपज का सही मूल्य हासिल हो सके. किसान के लिए बिजली के कनेक्शन, दुग्ध उत्पादक संबल योजना, नए पशु चिकित्सा केंद्र और फसल बीमा पॉलिसी केटीएम यूरिया की उपलब्धता कृषि व्यवसाय और निर्यात के प्रोत्साहन के लिए सरकार के मानस का हवाला भी यहां पर दिया गया. यह दावा किया गया कि साल 2021-22 में रिकॉर्ड 23 लाख 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद 2 लाख 2 हजार किसानों के माध्यम से की गई.

पढ़ें- Rajasthan Agriculture Budget 2022 : कृषि बजट से आदिवासी किसानों को हैं बड़ी उम्मीदें..वाग्धारा संस्था ने दिये ये सुझाव

हम बना रहे हैं इतिहास: राजस्थान में पहली बार कृषि के लिए अलग से पेश किए जाने वाली बजट को लेकर अशोक गहलोत ने बड़ी उम्मीद जाहिर की है. उन्होंने किसान आयोग के अध्यक्ष महादेव सिंह के पदभार ग्रहण के मौके पर भी इस बात का जिक्र किया और कहा था कि किसानों के हित में राजस्थान सरकार की यह पहल बड़ी असरकारी और ऐतिहासिक साबित होगी. गहलोत ने कहा कि किसानों की परेशानी पर अगर गौर करना है तो इसके लिए उनको विशेष तवज्जो दिए जाने की भी जरूरत है. आने वाली कृषि बजट में यह काम आसानी से पूरा हो जाएगा. हालांकि, गहलोत MSP की बात अक्सर उठाते हैं पर इस मर्तबा उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया.

किसान आयोग करेगा काश्तकार की राय से काम : राजस्थान में किसान आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला ने आने वाले बजट को लेकर कहा कि किसान आयोग खेती से जुड़े लोगों और सरकार के बीच सेतु का काम करेगा. किसान आयोग जमीनी सुझावों को सीधे सरकार तक पहुंचाएगा, ताकि खेती से जुड़े वर्ग की समस्या को तत्काल प्रभाव से हल किया जा सके. उन्होंने भी बजट की रूप रेखा को लेकर किसान के हक में काम करने का भरोसा दिया.

पढ़ें- Rajasthan Agriculture Budget 2022: कृषि बजट से अन्नदाता को उम्मीदें... MSP पर खरीद और किसान को कर्ज मुक्त बनाने को लेकर हों घोषणाएं

क्या कहते हैं किसान संगठन: प्रदेश के किसान संगठन भी कृषि बजट को लेकर सक्रिय हो चुके हैं. बीते दिनों किसान महापंचायत की जयपुर जिले के नरेना में हुई बैठक के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य के मसले पर सरकारी मंशा को लेकर एक बैठक हुई. इस दौरान कृषि बजट से पहले एमएसपी की गारंटी को लागू किए जाने की भी मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई. किसानों ने कहा कि यह किसानों का हक है और सरकार को इसके लिए कानून बनाकर आने वाले बजट में काश्तकारों को राहत देने की राह तैयार करनी चाहिए.

सिर्फ घोषणा से काम नहीं चलेगा: अलग से कृषि बजट को पेश किए जाने के मसले पर पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता प्रभु लाल सैनी ने इस पहल को सराहनीय बताया. साथ ही प्रभु लाल सैनी ने सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए. सैनी ने कहा कि अहम बात यह होगी कि सरकार जिन घोषणाओं को पूरा करती है, उनको क्या तय मियाद में पूरा कर पाएगी? उन्होंने पिछले बजट में सोलर पंप योजना के सरकारी दावे को खोखला बताया और कहा कि 1 लाख सोलर पंप कृषि कनेक्शन के बदले सरकार महज 500 से 700 कनेक्शन किसानों को दे पाई है.

सरकार के सहयोगी संगठन भी उठा रहे हैं सवाल: प्रदेश के अशोक गहलोत सरकार ने सहयोगी संगठन के रूप में राष्ट्रीय लोक दल ने अपना समर्थन दिया और उच्च शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग मंत्री बने. लेकिन राष्ट्रीय लोक दल ने किसान के मसले पर सरकार की नीति और नियति में फर्क महसूस किया है. आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार सहारण ने कृषि बजट की घोषणा को स्वागत योग्य कदम बताया तो बीते दिनों किसान आयोग में की गई नियुक्तियों को लेकर हुई देरी पर भी सवाल खड़े किए.

पढ़ें- Rajasthan Agriculture Budget 2022 : प्रदेश में पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट से किसानों को खासी उम्मीद, सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज माफी

आरएलडी के मुताबिक प्रदेश में किसान आज पानी की समस्या से जूझ रहा है. शेखावटी में यमुना का पानी लाने का सपना सालों पुराना है. ऐसे में सरकार के प्रयास होने चाहिए कि इस बजट में यमुना के पानी के लिए नहर बनाने को लेकर अलग से बजट प्रस्ताव लाए जाए ताकि किसान को राहत मिले.

किसानों की कर्जमाफी करे सरकारः हनुमान बेनीवाल

राजस्थान विधानसभा में पेश होने वाले आगामी बजट से ठीक पहले आरएलपी सांसद और संयोजक हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र और ट्वीट के जरिए किसानों की कर्ज माफी की मांग की है. बेनीवाल ने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी की घोषणा करने के साथ ही कृषि के लिए मुफ्त बिजली देने और बूंद बूंद सिंचाई के कृषि कनेक्शनों को 1 वर्ष में ही सामान्य श्रेणी में तब्दील करने की मांग की है.

Last Updated : Feb 22, 2022, 11:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.