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स्कूल से लापता सगी बहनों का 40 दिन बाद भी पुलिस को नहीं मिला सुराग, परिजनों ने दिया Ultimatum- 3 दिन में ढूंढो नहीं तो सड़क पर होगा आंदोलन

राजधानी के एक निजी स्कूल में पढ़ने गई 2 सगी बहनें पिछले 40 दिनों से लापता है. परिवार परेशान है. अपनी बच्चियों की तलाश कई शहरों में कर चुका है. अब पुलिस को 3 दिन का अल्टीमेटम (Ultimatum To Police By Missing Girls Family) दिया है.

Ultimatum Of Missing Girls Family
पुलिस को पीड़ित परिजनों का अल्टीमेटम
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Published : Mar 16, 2022, 9:29 AM IST

जयपुर. राजधानी के महेश नगर थाना इलाके के करतारपुर में स्थित एक निजी स्कूल की 12 वीं और 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाली दो सगी बहने 3 फरवरी से लापता हैं, जिनका 40 दिन बाद भी पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं जुटा (Ultimatum To Police By Missing Girls Family) सकी है. वहीं लापता बालिकाओं के परिजन लखनऊ, दिल्ली और इंदौर में पिछले 1 महीने से अपनी दोनों बेटियों को ढूंढने का काम (Jaipur School Girls Missing for 40 days) कर रहे हैं.

अनेक प्रयास करने के बावजूद भी जब दोनों बेटियों का कोई सुराग परिजनों के हाथ नहीं लगा तो परिजनों ने पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात कर उनके सामने बच्चियों को ढूंढने की गुहार लगाई. डीजीपी और मुख्यमंत्री ने भी परिजनों को जल्द से जल्द बच्चियों को ढूंढ कर लाने का आश्वासन दिया है लेकिन परिजन आश्वासन से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.

पढ़ें- Girl Missing Case in Jaipur : 13 जनवरी से लापता बच्ची का नहीं मिला कोई सुराग, परिजनों ने थाने पर किया प्रदर्शन

परिजनों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 3 दिन के भीतर उनकी बच्चियों को ढूंढ कर नहीं लाया गया तो राजपुरोहित समाज के लोग सड़कों पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसके पूरे जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे.

3 फरवरी को पिता ने छोड़ा था स्कूल: लापता हुई दोनों बच्चियों के पिता ने बताया कि वह 3 फरवरी को अपनी दोनों बेटियों को करतारपुरा स्थित स्कूल छोड़कर आए थे. जहां से दोनों बच्चियां अपनी एक टीचर के घर जाकर नीट के पेपर के लिए इंपोर्टेंट क्वेश्चन नोट करने की बात कह कर निकल गई. जब दोनों बच्चियां शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उनकी तलाश की और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला तो दोनों बच्चियां स्कूल से बाहर निकलते हुए दिखाई दीं.

इसके बाद परिजनों ने महेश नगर थाने में दोनों बच्चियों के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई. जिस टीचर के घर जाने की बात कहकर बच्चियां स्कूल से निकली थी उस टीचर के घर पर भी बच्चियां नहीं पहुंची. 4 फरवरी को दोनों बच्चियों ने लखनऊ से अपनी टीचरको फोन कर खुद के लखनऊ होने की जानकारी दी, जिस पर चांद कंवर ने यह जानकारी स्कूल के डायरेक्टर को दी गई.

रिश्तेदारों को लेकर लखनऊ पहुंचा पीड़ित परिवार: पिता ने बताया कि जब बच्चियों के लखनऊ पहुंचने की जानकारी मिली तो वह अपने रिश्तेदारों को लेकर लखनऊ पहुंचे और तकरीबन 1 महीने तक लखनऊ की अनेक गलियों में अपनी दोनों बच्चियों की तलाश की लेकिन उनका कोई भी सुराग नहीं मिला. अवधेश ने जयपुर पुलिस पर ढिलाई बरतने के आरोप लगाए हैं और साथ ही स्कूल प्रशासन पर उनकी दोनों बच्चियों का ब्रेनवाश कर उन्हें जयपुर से भगाने के आरोप भी लगाए हैं.

पीड़ित पिता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी एमएल लाठर से भी मुलाकात की है. वो पेशे से वकील हैं जिसके चलते उन्होंने कोर्ट में भी बच्चियों को तलाश करने की याचिका लगाई है. जिस पर कोर्ट ने भी जयपुर पुलिस से इस पूरे प्रकरण को लेकर जवाब तलब किया है और बच्चियों को जल्द से जल्द ढूंढने के आदेश दिए हैं. बड़ी बच्ची 17 साल की है जो 12वीं की छात्रा है तो वहीं छोटी 16 वर्षीय 11वीं कक्षा की छात्रा है.

यह भी पढ़ें- अलवर के मालाखेड़ा से 13 साल की विमंदित बालिका लापता, पुलिस कर रही तलाश

दादा ने कहा करेंगे आंदोलन सीएम होंगे जिम्मेदार: लापता बच्चियों के दादा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रशासन द्वारा काफी ढिलाई बरती जा रही है. अनेक बार कहने के बावजूद भी इस ओर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते उनका समाज काफी आक्रोश है. उन्होंने कड़े शब्दों में पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 3 दिन के अंदर पुलिस बच्चियों को ढूंढ कर नहीं लाती है और स्कूल प्रशासन के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया जाता है तो जयपुर की सड़कों पर राजपुरोहित समाज के लोग उतरेंगे. एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसके लिए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार होंगे.

पुलिस बोली कर रहे हम अपना काम: वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि जिस दिन से बच्चियां लापता हुई है उस दिन से ही जयपुर पुलिस बच्चियों को ढूंढने के पूरे प्रयास कर रही है. जैसे ही बच्चियों के लखनऊ पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली वैसे ही एक स्पेशल टीम का गठन कर उन्हें लखनऊ भेजा गया. जहां लखनऊ पुलिस के साथ मिलकर जयपुर पुलिस ने दोनों बच्चियों की कई जगह पर तलाश भी की.

दोनों बच्चियां अकेली ही जयपुर से लखनऊ पहुंची और वहां पर अनेक पीजी में जाकर खुद के रहने के लिए जगह भी देखी है. कई पीजी वालों को बच्चियों ने लखनऊ में रहकर नौकरी करने और पढ़ाई करने की बात भी कही है. बच्चियों के इंदौर, भोपाल और दिल्ली में होने की सूचना पर पुलिस की टीम ने उन शहरों में जाकर भी काफी तलाश की है लेकिन बच्चियों का कोई भी सुराग पुलिस के अब तक हाथ नहीं लग सका है.

कमिश्नर के मुताबिक पुलिस इस पूरे प्रकरण (Jaipur School Girls Missing for 40 days) में बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरत रही है और लगातार दूसरे राज्यों की पुलिस व बच्चियों के परिजनों के संपर्क में है. बच्चों की तलाश में 40 पुलिसकर्मियों की स्पेशल टीम दिन-रात जुटी हुई है. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा के सुपर विजन में डीसीपी साउथ मृदुल कच्छावा के नेतृत्व में पुलिस की टीम पिछले 40 दिनों से लगातार बच्चियों को ढूंढने में लगी हुई है.

जयपुर. राजधानी के महेश नगर थाना इलाके के करतारपुर में स्थित एक निजी स्कूल की 12 वीं और 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाली दो सगी बहने 3 फरवरी से लापता हैं, जिनका 40 दिन बाद भी पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं जुटा (Ultimatum To Police By Missing Girls Family) सकी है. वहीं लापता बालिकाओं के परिजन लखनऊ, दिल्ली और इंदौर में पिछले 1 महीने से अपनी दोनों बेटियों को ढूंढने का काम (Jaipur School Girls Missing for 40 days) कर रहे हैं.

अनेक प्रयास करने के बावजूद भी जब दोनों बेटियों का कोई सुराग परिजनों के हाथ नहीं लगा तो परिजनों ने पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात कर उनके सामने बच्चियों को ढूंढने की गुहार लगाई. डीजीपी और मुख्यमंत्री ने भी परिजनों को जल्द से जल्द बच्चियों को ढूंढ कर लाने का आश्वासन दिया है लेकिन परिजन आश्वासन से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.

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परिजनों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 3 दिन के भीतर उनकी बच्चियों को ढूंढ कर नहीं लाया गया तो राजपुरोहित समाज के लोग सड़कों पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसके पूरे जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे.

3 फरवरी को पिता ने छोड़ा था स्कूल: लापता हुई दोनों बच्चियों के पिता ने बताया कि वह 3 फरवरी को अपनी दोनों बेटियों को करतारपुरा स्थित स्कूल छोड़कर आए थे. जहां से दोनों बच्चियां अपनी एक टीचर के घर जाकर नीट के पेपर के लिए इंपोर्टेंट क्वेश्चन नोट करने की बात कह कर निकल गई. जब दोनों बच्चियां शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उनकी तलाश की और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला तो दोनों बच्चियां स्कूल से बाहर निकलते हुए दिखाई दीं.

इसके बाद परिजनों ने महेश नगर थाने में दोनों बच्चियों के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई. जिस टीचर के घर जाने की बात कहकर बच्चियां स्कूल से निकली थी उस टीचर के घर पर भी बच्चियां नहीं पहुंची. 4 फरवरी को दोनों बच्चियों ने लखनऊ से अपनी टीचरको फोन कर खुद के लखनऊ होने की जानकारी दी, जिस पर चांद कंवर ने यह जानकारी स्कूल के डायरेक्टर को दी गई.

रिश्तेदारों को लेकर लखनऊ पहुंचा पीड़ित परिवार: पिता ने बताया कि जब बच्चियों के लखनऊ पहुंचने की जानकारी मिली तो वह अपने रिश्तेदारों को लेकर लखनऊ पहुंचे और तकरीबन 1 महीने तक लखनऊ की अनेक गलियों में अपनी दोनों बच्चियों की तलाश की लेकिन उनका कोई भी सुराग नहीं मिला. अवधेश ने जयपुर पुलिस पर ढिलाई बरतने के आरोप लगाए हैं और साथ ही स्कूल प्रशासन पर उनकी दोनों बच्चियों का ब्रेनवाश कर उन्हें जयपुर से भगाने के आरोप भी लगाए हैं.

पीड़ित पिता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी एमएल लाठर से भी मुलाकात की है. वो पेशे से वकील हैं जिसके चलते उन्होंने कोर्ट में भी बच्चियों को तलाश करने की याचिका लगाई है. जिस पर कोर्ट ने भी जयपुर पुलिस से इस पूरे प्रकरण को लेकर जवाब तलब किया है और बच्चियों को जल्द से जल्द ढूंढने के आदेश दिए हैं. बड़ी बच्ची 17 साल की है जो 12वीं की छात्रा है तो वहीं छोटी 16 वर्षीय 11वीं कक्षा की छात्रा है.

यह भी पढ़ें- अलवर के मालाखेड़ा से 13 साल की विमंदित बालिका लापता, पुलिस कर रही तलाश

दादा ने कहा करेंगे आंदोलन सीएम होंगे जिम्मेदार: लापता बच्चियों के दादा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रशासन द्वारा काफी ढिलाई बरती जा रही है. अनेक बार कहने के बावजूद भी इस ओर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते उनका समाज काफी आक्रोश है. उन्होंने कड़े शब्दों में पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 3 दिन के अंदर पुलिस बच्चियों को ढूंढ कर नहीं लाती है और स्कूल प्रशासन के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया जाता है तो जयपुर की सड़कों पर राजपुरोहित समाज के लोग उतरेंगे. एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसके लिए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार होंगे.

पुलिस बोली कर रहे हम अपना काम: वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि जिस दिन से बच्चियां लापता हुई है उस दिन से ही जयपुर पुलिस बच्चियों को ढूंढने के पूरे प्रयास कर रही है. जैसे ही बच्चियों के लखनऊ पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली वैसे ही एक स्पेशल टीम का गठन कर उन्हें लखनऊ भेजा गया. जहां लखनऊ पुलिस के साथ मिलकर जयपुर पुलिस ने दोनों बच्चियों की कई जगह पर तलाश भी की.

दोनों बच्चियां अकेली ही जयपुर से लखनऊ पहुंची और वहां पर अनेक पीजी में जाकर खुद के रहने के लिए जगह भी देखी है. कई पीजी वालों को बच्चियों ने लखनऊ में रहकर नौकरी करने और पढ़ाई करने की बात भी कही है. बच्चियों के इंदौर, भोपाल और दिल्ली में होने की सूचना पर पुलिस की टीम ने उन शहरों में जाकर भी काफी तलाश की है लेकिन बच्चियों का कोई भी सुराग पुलिस के अब तक हाथ नहीं लग सका है.

कमिश्नर के मुताबिक पुलिस इस पूरे प्रकरण (Jaipur School Girls Missing for 40 days) में बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरत रही है और लगातार दूसरे राज्यों की पुलिस व बच्चियों के परिजनों के संपर्क में है. बच्चों की तलाश में 40 पुलिसकर्मियों की स्पेशल टीम दिन-रात जुटी हुई है. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा के सुपर विजन में डीसीपी साउथ मृदुल कच्छावा के नेतृत्व में पुलिस की टीम पिछले 40 दिनों से लगातार बच्चियों को ढूंढने में लगी हुई है.

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