जयपुर. नागौर जिले की दुष्कर्म पीड़िता ने गुरुवार रात को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया. आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर परिजनों ने शव उठाने से इनकार (Family angry over death of Nagaur rape victim) कर दिया है. पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं.
डीडवाना थाना इलाके के एक गांव से दलित महिला कुछ दिन पहले लापता हो गई थी. करीब 6 दिन बाद वह अचेत हालात में मिली. गंभीर हालत में उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां गुरुवार रात को उसने दम तोड़ दिया. इस पूरे मामले में लापरवाही की बात सामने आने पर डीडवाना थानाधिकारी और एक सिपाही को निलंबित किया गया है.
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परिजनों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया. यहां तक कि जानबूझकर मामला नहीं दर्ज किया था. बाद में एसपी के दखल के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई. उनका कहना है कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलता है, वे शव नहीं उठाएंगे.
इधर, भीम आर्मी और भीम सेना के साथ ही कई अन्य संगठन भी शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए हैं. दलित संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि पीड़िता को न्याय मिलने तक वे संघर्ष करेंगे. उनकी मांग है कि आरोपी और इस वारदात में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाए. मामले में जिन पुलिसकर्मियों ने लापरवाही बरती है, उनके खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज करने की भी मांग की जा रही है.