जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप तो हो गया, लेकिन इस दौरान विपक्ष के रूप में सरकार को घेर रहे भाजपा के भीतर की गुटबाजी भी परवान चढ़ने लगी. जिसके खात्मे के लिए अब बीजेपी विधायक दल की बैठक में तीन केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेजा जा रहा है. 13 अगस्त को होने वाली इस बैठक में यह पदाधिकारी पार्टी विधायकों से बात कर सब कुछ ठीक करने की कोशिश करेंगे.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में गुरुवार सुबह होने वाली ये बैठक इसलिए भी खास है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लंबे अरसे के बाद जयपुर पहुंचकर इस बैठक में शामिल होंगी. मौजूदा परिस्थितियों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश, राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव और प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना का बीजेपी विधायक दल की बैठक में भेजा जाना इस बात का संकेत है कि पार्टी के भीतर चल रही उठापटक से पार्टी आलाकमान नाराज है और इसको थामने के लिए यह पूरी कवायद की जा रही है.
यह रहे विवाद के कारण
प्रदेश में पिछले दिनों चले सियासी घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसुंधरा राजे की चुप्पी को लेकर सहयोगी दल के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा आरोप लगाना और इस मामले में राजीव को जबरन घसीटा जाना प्रमुख है. इसके बाद राजे समर्थक विधायक भी नाराज हैं. वहीं कुछ विधायकों को बाड़ेबंदी के तहत गुजरात भेजे जाने के मामले में भी राजे समर्थक विधायकों की नाराजगी है.
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खुद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौजूदा परिस्थितियों में खुद की अनदेखी और जबरन के विवादों में उन्हें घसीटे जाने की बात पर पार्टी आलाकमान के समक्ष नाराजगी जता चुकी हैं. संभवत विधायकों के भीतर इन तमाम प्रकरणों को लेकर कोई खेमेबाजी ना हो और भविष्य में सब एकजुट रहे, इसी के कारण राष्ट्रीय नेताओं को बीजेपी विधायक दल की बैठक में भेजा जा रहा है.
वसुंधरा राजे के दिल्ली प्रवास का रहा अहम रोल
बीते 1 सप्ताह से वसुंधरा राजे दिल्ली प्रवास पर हैं. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी मुलाकात की. ऐसे में जयपुर में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भेजे जा रहे इन राष्ट्रीय नेताओं को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है.
संभवत जो बातें वसुंधरा राजे ने राष्ट्रीय नेताओं के समक्ष रखी. उसके बाद पार्टी आलाकमान इस बात को लेकर चिंतित नजर आया कि कहीं राजस्थान भाजपा में भी गुटबाजी ना हो जाए, इसलिए समय रहते इसे थाम लिया जाए.