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सरकार की 'नो बैग डे' की घोषणा के बाद राजधानी में खिले बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के चेहरे

सरकार ने अपने बजट में 'नो बैग डे' की घोषणा की है. अब शनिवार को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियां करवाई जाएगी. इस घोषणा के बाद राजस्थान में बच्चों से लेकर शिक्षकों और अभिभावकों के चेहरे खिल उठे हैं.

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'नो बैग डे' की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया
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Published : Feb 20, 2020, 8:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार ने अपना बजट पेश कर दिया है. सरकार के बजट से सभी वर्गों को सौगात मिली है और इस बीच मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को भी बड़ी सौगात दी है. अब स्कूली बच्चे शनिवार को बिना बैग के स्कूल पहुचेंगे. सरकार ने अपने बजट में 'नो बैग डे' की घोषणा की है. अब शनिवार को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियां करवाई जाएगी. इस घोषणा के बाद बच्चों से लेकर शिक्षकों और अभिभावकों के चेहरे खिल उठे.

'नो बैग डे' की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया

बच्चों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए कहा कि इस घोषणा से एक दिन पढ़ाई से आराम मिलेगा और हम सभी अपने टैलेंट को खुलकर मंच के सामने रख पाएंगे. बच्चों ने कहा कि रोजना पढ़ाई करके बोरियत महसूस होने लग जाती है, इसलिए ये घोषणा बहुत सहरानीय है. दूसरी ओर, सरकार ने नो बैग डे की घोषणा को शिक्षकों ने भी सराहा और अपनी मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी.

पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर सरकार संवेदनशील, PM स्वयं कर रहे निगरानी : ओम बिरला

वहीं, शिक्षकों ने कहा कि इस दिन बच्चे अपनी प्रतिभाओं को खुलकर सामने रखेंगे. साथ ही शिक्षक और अभिभावक भी बच्चों से खुलकर बातचीत कर पाएंगे. लेकिन, सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि सरकारी स्कूल में अधिकतर बच्चे स्कूल के बाद मजदूरी करने जाते हैं और अगर शनिवार को नो बैग डे मनाया जाता है तो कई बच्चे स्कूल ही नहीं पहुंचेंगे और छुट्टी कर लेंगे. इसलिए सरकार को बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य करनी चाहिए, तब ही ये पहल सफल हो पाएगी. लेकिन, शिक्षक रामप्रकाश का कहना है कि ऐसा नहीं है कि बच्चें नहीं आएंगे. बच्चों की मानसिकता रहती है कि वो सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले, इसलिए बच्चें पहुंचेंगे.

ये हुई घोषणा

प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में शनिवार को नो बैग डे रहेगा. इस दिन पीटीएम, हैप्पीनेस थेरेपी, सांस्कृतिक गतिविधियां, जीवन मूल्य एवं नैतिक शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, खेलकूद, बाल सभाएं, भाषा एवं कौशल विकास और निरोगी राजस्थान से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएगी.

जयपुर. राजस्थान सरकार ने अपना बजट पेश कर दिया है. सरकार के बजट से सभी वर्गों को सौगात मिली है और इस बीच मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को भी बड़ी सौगात दी है. अब स्कूली बच्चे शनिवार को बिना बैग के स्कूल पहुचेंगे. सरकार ने अपने बजट में 'नो बैग डे' की घोषणा की है. अब शनिवार को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियां करवाई जाएगी. इस घोषणा के बाद बच्चों से लेकर शिक्षकों और अभिभावकों के चेहरे खिल उठे.

'नो बैग डे' की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया

बच्चों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए कहा कि इस घोषणा से एक दिन पढ़ाई से आराम मिलेगा और हम सभी अपने टैलेंट को खुलकर मंच के सामने रख पाएंगे. बच्चों ने कहा कि रोजना पढ़ाई करके बोरियत महसूस होने लग जाती है, इसलिए ये घोषणा बहुत सहरानीय है. दूसरी ओर, सरकार ने नो बैग डे की घोषणा को शिक्षकों ने भी सराहा और अपनी मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी.

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वहीं, शिक्षकों ने कहा कि इस दिन बच्चे अपनी प्रतिभाओं को खुलकर सामने रखेंगे. साथ ही शिक्षक और अभिभावक भी बच्चों से खुलकर बातचीत कर पाएंगे. लेकिन, सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि सरकारी स्कूल में अधिकतर बच्चे स्कूल के बाद मजदूरी करने जाते हैं और अगर शनिवार को नो बैग डे मनाया जाता है तो कई बच्चे स्कूल ही नहीं पहुंचेंगे और छुट्टी कर लेंगे. इसलिए सरकार को बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य करनी चाहिए, तब ही ये पहल सफल हो पाएगी. लेकिन, शिक्षक रामप्रकाश का कहना है कि ऐसा नहीं है कि बच्चें नहीं आएंगे. बच्चों की मानसिकता रहती है कि वो सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले, इसलिए बच्चें पहुंचेंगे.

ये हुई घोषणा

प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में शनिवार को नो बैग डे रहेगा. इस दिन पीटीएम, हैप्पीनेस थेरेपी, सांस्कृतिक गतिविधियां, जीवन मूल्य एवं नैतिक शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, खेलकूद, बाल सभाएं, भाषा एवं कौशल विकास और निरोगी राजस्थान से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएगी.

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