जयपुर. गहलोत सरकार की ओर से बजट पेश होने के बाद अब शहरी सरकार भी अपने बीते 1 साल के काम को रिवाइस करने के साथ-साथ नए बजट को लेकर तैयारी कर रही है. इससे पहले ग्रेटर नगर निगम की एक्जीक्यूटिव कमेटी (Executive Committee of Greater Municipal Corporation) कई प्रमुख एजेंडों पर चर्चा करेगी. मार्च के पहले सप्ताह में होने वाली इस मीटिंग में BVG कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाने के साथ-साथ JCTSL के चेयरमैन पद पर ग्रेटर निगम की महापौर को नियुक्त करने के संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने पर भी विचार विमर्श (GMC Will Discuss Several key Agendas) किया जाएगा.
ग्रेटर नगर निगम की एग्जीक्यूटिव कमेटी की अब तक एक ही मीटिंग हुई है. और अब मार्च के पहले सप्ताह में ये मीटिंग प्रस्तावित है. इससे पहले 16 एजेंडा तय किए गए हैं जिन पर इस मीटिंग में चर्चा की जाएगी. एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग को लेकर ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि निगम के सभी चेयरमैन ने आपस में विचार-विमर्श कर एजेंडे तय किए हैं. इसमें जयपुर के विकास के सभी पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कार्य योजना तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि लंबे समय से मीटिंग नहीं होने की वजह से विकास कार्यों में शिथिलता आई है. जिसे दूर करने के लिए इस मीटिंग की आवश्यकता थी.
उन्होंने बताया कि बीवीजी कंपनी का जाना अब तय है. ऐसे में उसके विकल्प की व्यवस्था करना, बेहतर सफाई व्यवस्था देना, यूडी टैक्स जमा कराने को लेकर लोगों में जागृति लाने, पार्क, सर्किल, तिराहे, मोक्ष धाम, सामुदायिक केंद्रों का पब्लिक पार्टिसिपेशन के साथ विकास करने की कार्य योजना भी एग्जीक्यूटिव कमिटी की मीटिंग में बनने वाली है. साथ ही जयपुर नगर निगम स्वच्छता अभियान में कैसे बेहतर कर सकता है ताकि उसकी रैंक सुधरे इस पर भी विस्तृत विचार विमर्श किया जाएगा.
ये होंगे एजेंडे -
- बीवीजी कंपनी के कारण बिगड़ी सफाई व्यवस्था और स्वच्छता सर्वेक्षण के बारे में कार्य योजना
- 150 वार्डों में एनकैप फंड से चल रहे 50-50 लाख की राशि के विकास कार्य और 5 लाख की राशि के नवीन सुधार कार्यों की प्रगति में आ रही समस्या
- प्रशासन शहरों के संग अभियान में अपेक्षा अनुरूप पट्टों के वितरण नहीं होने, उसमें आ रही समस्या, उनका समाधान और अभियान में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता
- यूडी टैक्स की वसूली में आ रही समस्याओं और उसे गति देने की कार्य योजना
- स्ट्रीट लाइट और पार्कों की लाइट के रखरखाव में आ रही समस्याओं, बिना मीटर के चल रही रोड लाइटों को मीटर से जुड़वाने
- नगर निगम की संपत्तियों को नीलामी कर आय बढ़ाने
- फायर एनओसी को जारी करने में प्रशासनिक शिथिलता और उसमें सुधार कर लक्ष्य निर्धारित करने
- कच्ची बस्तियों के सर्वेक्षण और उनके पुनर्वास के संबंध में कार्य योजना
- उद्यान, सर्किल, तिराहा, सामुदायिक केंद्र, मोक्षधाम के रखरखाव में स्थानीय विकास समितियों, सामाजिक, व्यवसायिक संस्थाओं के सहयोग से संधारण/ विकास करने की कार्य योजना
- डेयरी बूथ आवंटन हमेशा लाइसेंस समिति की ओर से किए जाने, राज्य सरकार के अनावश्यक हस्तक्षेप को रोकने, लाइसेंस समिति के अधिकार सुनिश्चित करने के संबंध में
- राज्य सरकार की ओर से संसाधनों के आवंटन में नगर निगम ग्रेटर के साथ किए जा रहे भेदभाव के संबंध में
- केंद्र सरकार की योजनाओं के संबंध में नगर निगम के स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन
- आउटडोर होल्डिंग के संबंध में डीएलबी के एकतरफा निर्णय से ग्रेटर निगम को हुए 40 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई
- जर्जर हो चुकी सीवर लाइनों के मरम्मत और नई सीवर लाइन डालने के लिए राज्य सरकार से विशेष वित्तीय सहायता या अनुदान मांगने
- नगर निगम ग्रेटर में कचरा परिवहन और लीगेसी वेस्ट से जुड़ी समस्याओं के कारण बदहाल व्यवस्था को सुचारू बनाने
- जेसीटीएसएल के चेयरमैन पद पर ग्रेटर निगम की महापौर को नियुक्त करने के संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने
इसके अलावा कर्णावट ने राज्य सरकार की भेदभाव पूर्ण नीति पर भी खुली चर्चा कर सरकार को आगाह किए जाने की बात कही. इसके साथ ही एक्टिविटी कमेटी की मीटिंग में एक प्रमुख एजेंडा जेसीटीएसएल से जुड़ा होगा. जिसमें जेसीटीएसएल चेयरमैन ग्रेटर नगर निगम की मेयर हो, इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा.