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Etv Bharat ने निभाई जिम्मेदारी, देह व्यापार में फंसी लड़की को कराया 'आजाद' - Prostitution in Rajasthan

देह व्यापार में फंसी किशोरी को दरिंदों के जाल से बचाकर ईटीवी भारत ने एक बार फिर सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी निभाई है (Etv Bharat rescues Girl trafficked in Jaipur). 3 महीने पहले कोटा से जयपुर आई बच्ची को जबरन नशे में डूबो कर देह व्यापार में धकेला गया. हैवान, लड़की को 5 लाख में बेचने वाले थे. तभी उसे ईटीवी भारत ने पुलिस और सामाजिक संगठन के सहयोग से रेस्क्यू किया. पेश है वरिष्ठ संवाददाता जसवंत सिंह की ये एक्सक्लुसिव रिपोर्ट.

Girl trafficking in Rajasthan
Etv Bharat ने निभाई जिम्मेदारी
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Published : Sep 3, 2022, 8:29 AM IST

Updated : Sep 3, 2022, 8:55 AM IST

जयपुर. अपनी राह भटक अनजाने रास्ते पर निकल पड़ी नाबालिग की कहानी किसी हॉरर फिल्म सरीखी है. उसने 3 महीनों में दुनिया का वो बदरंग चेहरा देखा, जिससे वो अब बच तो निकली है, लेकिन शायद इसकी छाप उसके जेहन से सालों तक नहीं जा पाएगी. 3 महीने तक दैहिक शोषण का शिकार रही किशोरी से जब बात हुई तो उसका दर्द आंखों के रस्ते छलक आया. वो हर उस पल को खुरच कर फेंकना चाह रही है, जिसने उसको नरक में धकेल दिया. नरक ही कहती है वो! बोली- नरक ऐसा ही होता होगा. जहां अपनी बात कहने सुनने और सुनाने के कोई मायने नहीं होंगे. बस हाड़ मांस का मतलब होगा. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. न मेरी मर्जी पूछी गई. न मुझे मौका दिया गया. बस इधर से उधर किसी सामान की तरह फेंका जाता रहा. दुख इस बात का भी है कि मेरा लगातार शोषण एक महिला के हाथों हुआ. नहीं जानती थी कि नाराज होकर घर से निकलने के बाद ऐसी दुर्गति होगी. अब लगता है मां-बाप के पास, घर में ही महफूज थी (Etv Bharat rescues Girl trafficked in Jaipur).

दरअसल, 3 महीने पहले नाबालिग (अब बालिग) पढ़ने का सपना पाले, परिवार की बंदिशों को तोड़ घर छोड़कर निकल गई (Girl trafficking in Rajasthan). बताती है कि घर में आए दिन झगड़े होते थे. मुझे पसंद नहीं था. मैं सबकुछ छोड़-छाड़कर जयपुर आ गई. जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड पर उसे एक लड़का मिला. उसने अपनी बातों के जाल में फंसा उसे दलाल सुनीता जाटव से मिलवाया. किशोरी को लगा कि उसे मां की ममता मिल गई. एकाध दिन तक सब ठीक रहा. दलाल की बेटियां भी थीं. धीरे-धीरे इन तीनों की हकीकत मासूम के सामने खुलने लगी. सुनीता इसे अपने साथ भरतपुर ले गई. यहीं से बर्बादी की दास्तां शुरू हुई.

Etv Bharat ने निभाई जिम्मेदारी.

भरतपुर से लिखी गई बर्बादी की कहानी: सुनीता जाटव इस नाबालिग बच्ची को भरतपुर में छोटू नाम के शख्स के पास ले गई, जहां उसने इसके साथ जबरन शारीरिक सम्बंध बनाए. फिर सुनीता उसे जयपुर लेकर आ गई. टॉर्चर का गंदा और बेहद घिनौना खेल जारी रहा. वेश्यावृत्ति के दलदल में उसे धकेल दिया गया. दलाल सुनीता ने पीड़िता को शराब पिलाई, नशे की हालत में महेंद्र नाम के शख्स से संबंध बनवाए. फिर एक-एक कर कइयों के सामने इसे परोसती रही.

पढ़ें-माउंट आबू में होटल में देह व्यापार पर कार्रवाई, तीन युवतियों के साथ दो युवक गिरफ्तार

18 साल की हुई तो...: लगातार दैहिक शोषण होता रहा. ऐसा नहीं है कि उसने इस नरक से पीछा नहीं छुड़ाना चाहा या बचने की कोशिश नहीं की. कई बार की, लेकिन हर बार नाकाम रही. खुद को कोसती रही... पिटती और बर्बाद होने को अपनी नियति मान बैठी. हर दिन एक नए शख्स का शिकार बनती रही. 5 जुलाई को 18 साल की हुई. नाबालिग से बालिग होने के हक क्या होते हैं, ये समझ पाती इससे पहले इसका सौदा कर दिया गया. कीमत लगाई गई 5 लाख.

ईटीवी का मिला साथ हुई आजाद: जब चारों ओर से आजादी के रास्ते बंद हो गए. ना उम्मीदी ने घर कर लिया. 18 साल की किशोरी ने बिकना अपनी तकदीर समझ लिया तब ईटीवी भारत का साथ मिला. स्नेह आंगन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट संग मिलकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को असल मायने दिए. रेस्क्यू हुई तो काउंसलिंग में दिल का मवाद बह गया. महीनों बाद अपनी किस्मत पर और खुद पर विश्वास पैदा हो गया. ईटीवी भारत को सूचना मिली कि एक बच्ची को 5 लाख में बेचने की तैयारी है. हमने सकारात्मकता के साथ काम किया.

ऐसे किया ट्रैप: मानव तस्करी विरोधी यूनिट के सीआई धनराज मीणा, हेड कांस्टेबल रमेश मीणा , कांस्टेबल वंदना, स्नेह आंगन के विजय गोयल और ईटीवी भारत ने इनपुट के आधार पर प्लान तैयार किया. योजना के अनुसार एक टीम पहले सुनीता से मिली. बातों में उलझाया. उसे ट्रैप किया और धीरे-धीरे सच उगलवा लिया. जब कन्फर्म हो गया कि मुखबिर की सूचना सही है तो ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस के सहयोग से सुनीता को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची को दरिंदों के चंगुल से मुक्त करा दिया.

पढ़ें-Etv Bharat Impact: नागौर के जालिम आचार्य को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गुरुकुल मैनेजर बोले- गुस्से में 'कुछ ज्यादा' हो गया

पढ़ें-Police Action on Spa Center In Barmer : स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार, 2 लड़कियों सहित 4 गिरफ्तार...पहले ही लीक हो गई कार्रवाई की सूचना

अब तक 4 दरिंदे गिरफ्त में: पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व) डॉ. राजीव पचार ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर महेन्द्र और अन्य 4-5 लोगों पर सामूहिक बलात्कार का केस दर्ज हुआ है. इनमें बच्ची को देह व्यापार के अंधे कुएं में धकेलने वाली दलाल सुनीता जाटव भी शामिल है. पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना खोह नागोरियान पर केस दर्ज कर आरोपी महेन्द्र कुमार, सुनीता और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों से गहन अनुसंधान जारी है. प्रकरण में और कौन-कौन शामिल हैं, इसकी पड़ताल जारी है.

पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग: सामाजिक संगठन स्नेह आंगन की सदस्य लता सिंह कहती हैं- छोटू नाम का आरोपी जिसने सबसे पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, उसको नामजद कर जांच की जा रही है. कहती हैं कि छोटू पर पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज होना चाहिए. क्योंकि तीन महीने पहले पीड़िता नाबालिग थी, जब उसका रेप किया गया. बाकी जयपुर में जिन्होंने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया, उन पर जबरन बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है. लता ने बताया कि पीड़िता का अभी मेडिकल हो रहा है इसके बाद 164 के बयान होंगे.

ETV भारत शुक्रिया: पीड़िता को रेस्क्यू करने की इस पूरी कार्रवाई में ETV भारत ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई. सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल ने इस पूरी कार्रवाई पर ETV भारत का शुक्रिया अदा किया. वे कहते हैं ये यह पूरा मामला सेंसेटिव था, लेकिन जिस तरह से ETV भारत ने अपनी भूमिका निभाई उसके लिए आभार. लता कहती हैं इस पूरे मामले में मानवीय दृष्टिकोण जरूरी थी. इस घटना की मीडिया ट्रायल करने की बजाए पीड़िता को इस ट्रॉमा से बाहर निकालने तक ध्यान रखा जाए इस पर काम किया गया.

कहानी के मुख्य किरदार: पीड़िता को रेस्क्यू करने की रणनीति पर एक सप्ताह काम किया गया. स्नेह आंगन के प्रभारी विजय गोयल ने मुखबिर की सूचना को कन्फर्म किया. विजय गोयल की ओर से सूचना कन्फर्म होने के बाद पुलिस आयुक्त जयपुर पूर्व राजीव पचार को सूचना दी. राजीव पचार के निर्देशों के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इसमें रेस्क्यू का चक्रव्यूह मानव तस्करी विरोधी यूनिट के जयपुर पूर्व के प्रभारी धनराज मीणा ने रचा. धनराज ने अपने साथ हेड कांस्टेबल रमेश मीणा के साथ पहले से ही मौका मुआयना किया गया. संबंधित थाने को सूचना दी गई. फिर बारीकी से तह तक पहुंचा गया. प्लानिंग अनुसार धनराज मीणा और रमेश मीणा ने आरोपी सुनीता के कमरे में दबिश दी और पीड़िता को सुरक्षित बाहर निकाला.

डरी सहमी पीड़िता का सहारा बनी लता: पीड़ित पूरी तरह से डरी हुई थी, सहमी हुई थी. ऐसे में स्नेह आंगन की लता सिंह ने पीड़िता को सहारा दिया. लगातार पीड़िता को विश्वाश में लेकर उसकी कांउन्सलिंग की. लता के सफल कांउन्सलिंग से ही पीड़ित अपनी आप बीती बताने में सफल हो सकी. लता अभी भी पीड़िता के साथ लगातार साथ खड़ी है. मेडिकल जांच सहित अन्य कागजी कार्रवाई को पूरा कर रही है.

जयपुर. अपनी राह भटक अनजाने रास्ते पर निकल पड़ी नाबालिग की कहानी किसी हॉरर फिल्म सरीखी है. उसने 3 महीनों में दुनिया का वो बदरंग चेहरा देखा, जिससे वो अब बच तो निकली है, लेकिन शायद इसकी छाप उसके जेहन से सालों तक नहीं जा पाएगी. 3 महीने तक दैहिक शोषण का शिकार रही किशोरी से जब बात हुई तो उसका दर्द आंखों के रस्ते छलक आया. वो हर उस पल को खुरच कर फेंकना चाह रही है, जिसने उसको नरक में धकेल दिया. नरक ही कहती है वो! बोली- नरक ऐसा ही होता होगा. जहां अपनी बात कहने सुनने और सुनाने के कोई मायने नहीं होंगे. बस हाड़ मांस का मतलब होगा. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ. न मेरी मर्जी पूछी गई. न मुझे मौका दिया गया. बस इधर से उधर किसी सामान की तरह फेंका जाता रहा. दुख इस बात का भी है कि मेरा लगातार शोषण एक महिला के हाथों हुआ. नहीं जानती थी कि नाराज होकर घर से निकलने के बाद ऐसी दुर्गति होगी. अब लगता है मां-बाप के पास, घर में ही महफूज थी (Etv Bharat rescues Girl trafficked in Jaipur).

दरअसल, 3 महीने पहले नाबालिग (अब बालिग) पढ़ने का सपना पाले, परिवार की बंदिशों को तोड़ घर छोड़कर निकल गई (Girl trafficking in Rajasthan). बताती है कि घर में आए दिन झगड़े होते थे. मुझे पसंद नहीं था. मैं सबकुछ छोड़-छाड़कर जयपुर आ गई. जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड पर उसे एक लड़का मिला. उसने अपनी बातों के जाल में फंसा उसे दलाल सुनीता जाटव से मिलवाया. किशोरी को लगा कि उसे मां की ममता मिल गई. एकाध दिन तक सब ठीक रहा. दलाल की बेटियां भी थीं. धीरे-धीरे इन तीनों की हकीकत मासूम के सामने खुलने लगी. सुनीता इसे अपने साथ भरतपुर ले गई. यहीं से बर्बादी की दास्तां शुरू हुई.

Etv Bharat ने निभाई जिम्मेदारी.

भरतपुर से लिखी गई बर्बादी की कहानी: सुनीता जाटव इस नाबालिग बच्ची को भरतपुर में छोटू नाम के शख्स के पास ले गई, जहां उसने इसके साथ जबरन शारीरिक सम्बंध बनाए. फिर सुनीता उसे जयपुर लेकर आ गई. टॉर्चर का गंदा और बेहद घिनौना खेल जारी रहा. वेश्यावृत्ति के दलदल में उसे धकेल दिया गया. दलाल सुनीता ने पीड़िता को शराब पिलाई, नशे की हालत में महेंद्र नाम के शख्स से संबंध बनवाए. फिर एक-एक कर कइयों के सामने इसे परोसती रही.

पढ़ें-माउंट आबू में होटल में देह व्यापार पर कार्रवाई, तीन युवतियों के साथ दो युवक गिरफ्तार

18 साल की हुई तो...: लगातार दैहिक शोषण होता रहा. ऐसा नहीं है कि उसने इस नरक से पीछा नहीं छुड़ाना चाहा या बचने की कोशिश नहीं की. कई बार की, लेकिन हर बार नाकाम रही. खुद को कोसती रही... पिटती और बर्बाद होने को अपनी नियति मान बैठी. हर दिन एक नए शख्स का शिकार बनती रही. 5 जुलाई को 18 साल की हुई. नाबालिग से बालिग होने के हक क्या होते हैं, ये समझ पाती इससे पहले इसका सौदा कर दिया गया. कीमत लगाई गई 5 लाख.

ईटीवी का मिला साथ हुई आजाद: जब चारों ओर से आजादी के रास्ते बंद हो गए. ना उम्मीदी ने घर कर लिया. 18 साल की किशोरी ने बिकना अपनी तकदीर समझ लिया तब ईटीवी भारत का साथ मिला. स्नेह आंगन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट संग मिलकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को असल मायने दिए. रेस्क्यू हुई तो काउंसलिंग में दिल का मवाद बह गया. महीनों बाद अपनी किस्मत पर और खुद पर विश्वास पैदा हो गया. ईटीवी भारत को सूचना मिली कि एक बच्ची को 5 लाख में बेचने की तैयारी है. हमने सकारात्मकता के साथ काम किया.

ऐसे किया ट्रैप: मानव तस्करी विरोधी यूनिट के सीआई धनराज मीणा, हेड कांस्टेबल रमेश मीणा , कांस्टेबल वंदना, स्नेह आंगन के विजय गोयल और ईटीवी भारत ने इनपुट के आधार पर प्लान तैयार किया. योजना के अनुसार एक टीम पहले सुनीता से मिली. बातों में उलझाया. उसे ट्रैप किया और धीरे-धीरे सच उगलवा लिया. जब कन्फर्म हो गया कि मुखबिर की सूचना सही है तो ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस के सहयोग से सुनीता को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची को दरिंदों के चंगुल से मुक्त करा दिया.

पढ़ें-Etv Bharat Impact: नागौर के जालिम आचार्य को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गुरुकुल मैनेजर बोले- गुस्से में 'कुछ ज्यादा' हो गया

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अब तक 4 दरिंदे गिरफ्त में: पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व) डॉ. राजीव पचार ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर महेन्द्र और अन्य 4-5 लोगों पर सामूहिक बलात्कार का केस दर्ज हुआ है. इनमें बच्ची को देह व्यापार के अंधे कुएं में धकेलने वाली दलाल सुनीता जाटव भी शामिल है. पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना खोह नागोरियान पर केस दर्ज कर आरोपी महेन्द्र कुमार, सुनीता और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों से गहन अनुसंधान जारी है. प्रकरण में और कौन-कौन शामिल हैं, इसकी पड़ताल जारी है.

पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग: सामाजिक संगठन स्नेह आंगन की सदस्य लता सिंह कहती हैं- छोटू नाम का आरोपी जिसने सबसे पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, उसको नामजद कर जांच की जा रही है. कहती हैं कि छोटू पर पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज होना चाहिए. क्योंकि तीन महीने पहले पीड़िता नाबालिग थी, जब उसका रेप किया गया. बाकी जयपुर में जिन्होंने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया, उन पर जबरन बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है. लता ने बताया कि पीड़िता का अभी मेडिकल हो रहा है इसके बाद 164 के बयान होंगे.

ETV भारत शुक्रिया: पीड़िता को रेस्क्यू करने की इस पूरी कार्रवाई में ETV भारत ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई. सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोयल ने इस पूरी कार्रवाई पर ETV भारत का शुक्रिया अदा किया. वे कहते हैं ये यह पूरा मामला सेंसेटिव था, लेकिन जिस तरह से ETV भारत ने अपनी भूमिका निभाई उसके लिए आभार. लता कहती हैं इस पूरे मामले में मानवीय दृष्टिकोण जरूरी थी. इस घटना की मीडिया ट्रायल करने की बजाए पीड़िता को इस ट्रॉमा से बाहर निकालने तक ध्यान रखा जाए इस पर काम किया गया.

कहानी के मुख्य किरदार: पीड़िता को रेस्क्यू करने की रणनीति पर एक सप्ताह काम किया गया. स्नेह आंगन के प्रभारी विजय गोयल ने मुखबिर की सूचना को कन्फर्म किया. विजय गोयल की ओर से सूचना कन्फर्म होने के बाद पुलिस आयुक्त जयपुर पूर्व राजीव पचार को सूचना दी. राजीव पचार के निर्देशों के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इसमें रेस्क्यू का चक्रव्यूह मानव तस्करी विरोधी यूनिट के जयपुर पूर्व के प्रभारी धनराज मीणा ने रचा. धनराज ने अपने साथ हेड कांस्टेबल रमेश मीणा के साथ पहले से ही मौका मुआयना किया गया. संबंधित थाने को सूचना दी गई. फिर बारीकी से तह तक पहुंचा गया. प्लानिंग अनुसार धनराज मीणा और रमेश मीणा ने आरोपी सुनीता के कमरे में दबिश दी और पीड़िता को सुरक्षित बाहर निकाला.

डरी सहमी पीड़िता का सहारा बनी लता: पीड़ित पूरी तरह से डरी हुई थी, सहमी हुई थी. ऐसे में स्नेह आंगन की लता सिंह ने पीड़िता को सहारा दिया. लगातार पीड़िता को विश्वाश में लेकर उसकी कांउन्सलिंग की. लता के सफल कांउन्सलिंग से ही पीड़ित अपनी आप बीती बताने में सफल हो सकी. लता अभी भी पीड़िता के साथ लगातार साथ खड़ी है. मेडिकल जांच सहित अन्य कागजी कार्रवाई को पूरा कर रही है.

Last Updated : Sep 3, 2022, 8:55 AM IST
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