जयपुर. कोरोना महामारी के साथ शुरू हुआ साल 2020 का अंतिम माह दिसंबर एक अच्छी खबर लेकर आया है. राजस्थान में कोरोना वायरस को मात देने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. कोविड-19 वैक्सीन को लेकर राजस्थान सरकार की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी है. ऐसे में अब वो दिन दूर नहीं, जब लोगों को कोरोना के टीके लगाए जाएंगे. चिकित्सा विभाग वैक्सीन के स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी तमाम तैयारियों में जुटा है. इन तैयारियों के बीच ईटीवी भारत उस स्थान पर पहुंचा, जहां सबसे पहले वैक्सीन को स्टोर किया जाएगा. यहीं से सभी जिलों में वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भेजा जाएगा.
जयपुर के सीएमएचओ कार्यालय में 3 स्टोरेज सेंटर बनाए गए हैं. जहां 10 लाख वैक्सीन को स्टोर किया जा सकता है. इसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से माइनस 15 से 25 डिग्री तापमान वाले स्टोरेज सेंटर तैयार किए गए हैं, जहां वैक्सीन को रखा जाएगा. इसके अलावा 2 से 8 डिग्री तापमान के कुछ बॉक्स भी तैयार किए गए हैं, जिनमें वैक्सीन रखने के साथ ही, उन्हें ट्रांसपोर्ट के माध्यम से अन्य जिलों में भेजा जाएगा. वैक्सीन स्टोरेज से जुड़ा काम देख रहे जयपुर सीएमएचओ प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि वैक्सीन को कम तापमान पर रखने के लिए तीन बड़े स्टोरेज सेंटर बनाए गए हैं.
सबसे पहले किसे लगेगा टीका ?
डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि सबसे पहले वैक्सीन फ्रंटलाइन वॉरियर्स को लगाई जाएगी. अब तक पांच लाख ऐसे लोगों का डाटा तैयार हो चुका है, जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी. इसमें निजी और सरकारी क्षेत्र के चिकित्सक नर्सिंगकर्मी, पैरामेडिकल स्टाफ आदि शामिल है.
छोटे बॉक्स में वैक्सीन होगी ट्रांसपोर्ट...
हालांकि, वैक्सीन के स्टोरेज को लेकर बड़े सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट करने की है. जिसके तहत छोटे-छोटे ऐसे बॉक्स तैयार किए गए हैं, जिसमें वैक्सीन को लंबे समय तक एक निश्चित तापमान पर रखा जा सकता है. इन्हीं बॉक्स के माध्यम से अन्य जिलों में वैक्सीन की सप्लाई की जाएगी. इसके अलावा कुछ ऐसे जनरेटर पर आधारित फ्रिज भी बनाए गए हैं. जिसके माध्यम से भी लंबी दूरी पर इस वैक्सीन को आसानी से भेजा जा सकता है.
बूथ बनाकर होगा वैक्सीनेशन...
डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि जिन लोगों को वैक्सीन लगनी है, उनके लिए बूथ तैयार किए जाएंगे. इन बूथ पर तीन कक्ष आरक्षित किए गए हैं, जहां चिकित्सकों की टीम तैनात रहेगी और वैक्सीनेशन का काम करेगी. इसके अलावा कुछ समय के लिए वैक्सीन लगाने वाले व्यक्तियों पर नजर भी रखी जाएगी, ताकि किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट वैक्सीन का नजर आए तो तुरंत इलाज उपलब्ध हो सके. इसके अलावा जिन लोगों को वैक्सीन लगनी है, उनके मोबाइल पर ऑटोजेनरेट मैसेज आएगा और किस सेंटर पर कब वैक्सीन लगाई जाएगी, इसकी जानकारी मौजूद रहेगी. चिकित्सा विभाग की ओर से एक पोर्टल भी तैयार किया गया है, जहां वैक्सीनेशन से जुड़ा डाटा एकत्रित होगा.