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ऑनलाइन क्लास शुरू करने से पहले ऑनलाइन के दुष्परिणाम बताएं शिक्षक: संगीता बेनीवाल

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Published : Jun 30, 2020, 7:30 PM IST

बाल संरक्षण आयोग की ओर से ऑनलाइन क्लास को लेकर 10 से अधिक नियमों की गाइड लाइन जारी की गई है. जिसे सभी स्कूलों को मानना जरूरी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के दुष्परिणामों को देखते हुए यह गाइडलाइन जारी की गई है.

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बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से खास बातचीत

जयपुर. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को अपनी जद में ले लिया है. देश में लागू लॉकडाउन ने हालातों में बदलाव कर दिए हैं, फिर चाहे वह व्यापार हो, शिक्षा हो, योगाभ्यास हो या फिर संगीत. लॉकडाउन ने इन सब की परिभाषा बदल दी है. ऐसे में राजस्थान में बाल संरक्षण आयोग ने किस तरीके से बाल अधिकारों के लिए काम किया. इस पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ईटीवी से खास बातचीत की.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से खास बातचीत

उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से लगातार संवाद करके फीडबैक लिया. जहां से भी शिकायत आ रही थी, उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चाहे प्रवासी बाल श्रमिकों का मामला हो या बच्चियों को सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने का मामला हो. इन सभी मामलों में लॉकडाउन के दौरान भी बाल संरक्षण आयोग ने पूरी तत्परता के साथ अपना काम किया.

ऑनलाइन क्लास के दुष्परिणाम

संगीता बेनीवाल ने कहा कि खासतौर से इन दिनों स्कूली बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उनके पास जनसुनवाई में शिकायत आ रही है. ऑनलाइन क्लास से आंखों पर, मस्तिष्क पर, बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. ऑनलाइन क्लासेस की वजह से बच्चों में चिड़चिड़ापन और गुस्सा नजर आ रहा है. इस तरह की शिकायतें भी लगातार पेरेंट्स और सामाजिक संगठनों के जरिए की जा रही है. इन सबको देखते हुए बाल संरक्षण आयोग ने ऑनलाइन क्लासेस के लिए अपनी ओर से गाइडलाइन जारी की है.

ऑनलाइन क्लासेस के लिए गाइडलाइन जारी

उन्होंने बताया कि यह गाइडलाइन बीकानेर निदेशक को भेजी गई है और उन्हें निर्देशित किया गया है कि वह इसकी पालना सभी स्कूलों से कराएं. ऑनलाइन स्कूल के लिए जो गाइडलाइन जारी की गई है. उसमें खासतौर से आयु वर्ग के हिसाब से कक्षाएं लेने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने से पहले कविता और योग कराने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन क्लासेस के शुरुआत में ऑनलाइन के दुष्परिणामों के बारे में स्कूल प्रशासन बच्चों और परिजनों को बताएं. बेनीवाल ने यह भी कहा कि 30 मिनट से अधिक लगातार कोई भी ऑनलाइन क्लास नहीं ली जाए. हर 30 मिनट के बाद में कम से भी कम 15 मिनट का ब्रेक लेना अनिवार्य है.

बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि इस तरह के करीब 10 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की गई है. इसकी पालना अगर कोई भी स्कूल प्रशासन नहीं करता है और उसकी शिकायत बाल संरक्षण आयोग तक पहुंचती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा बेनीवाल ने कहा कि फीस वृद्धि को लेकर भी लगातार शिकायतें आ रही हैं. बच्चों की पढ़ाई नहीं होने के बावजूद भी स्कूल प्रशासन की ओर से फीस का दबाव बनाया जा रहा है. इसको लेकर भी आयोग ने निर्देशित किया है कि अभी कोई भी स्कूल प्रशासन फीस जमा कराने का दबाव नहीं बनाए. हालांकि, उन्होंने फीस माफी को लेकर किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया.

यह भी पढ़ें : भारत बायोटेक ने बनाई कोरोना वैक्सीन, जुलाई से होगा ह्यूमन ट्रायल

बाल श्रम को लेकर कलेक्टरों को किया निर्देशित

उन्होंने कहा कि यह सच है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों के व्यापार, कामकाज, नौकरियों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. जिसकी वजह से पेरेंट्स स्कूल फीस जमा कराने में सक्षम नहीं रहे हैं, लेकिन अगर स्कूल प्रशासन की तरफ से देखा जाए तो स्कूल में फीस जमा नहीं होगी तो मैनेजमेंट स्कूल टीचर्स को सैलरी कैसे देगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने ये सभी चीजें रखी गई हैं, जो फैसला करना है वो सीएम को ही करना है. बाल श्रम को लेकर संगीता बेनीवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य से आने और जाने वाले बच्चों पर खास तौर से निगरानी रखी जा रही है. आयोग इसके लिए श्रम विभाग को और प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को चिट्ठी के जरिए निर्देशित कर चुका है कि अन्य राज्यों से आने वाले बच्चों पर खास तौर से नजर रखी जाए. साथ ही यह देखा जाए कि जो बाहरी राज्यों से बच्चे आ रहे हैं, उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है या नहीं. कहीं ऐसा तो नहीं है कि बाहरी राज्यों से आने वाले बच्चों के साथ में बाल श्रम कराया जा रहा है. इन सभी को लेकर डेटाबेस तैयार किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : टिड्डी टेररः टिड्डी दल पर 'हेलीकॉप्टर अटैक', केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा- वायु सेना से भी ली जाएगी मदद

उन्होंने कहा कि बाल श्रम किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पिछले दिनों बांसवाड़ा सहित 2 जिलों में मनरेगा में बाल मजदूरी की शिकायत सामने आई थी. उस पर विभाग को और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को अवगत करा दिया गया था. आयोग ने पत्र लिखकर यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो. इसको लेकर विभाग आश्वस्त करे. संगीता बेनीवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों के साथ दुष्कर्म, प्रताड़ित करने जैसी घटनाएं सामने आई थी. उन पर भी आयोग ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की थी और संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया था कि वह इन बाल अपराधों पर गंभीरता से कानूनी कार्रवाई करे.

जयपुर. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को अपनी जद में ले लिया है. देश में लागू लॉकडाउन ने हालातों में बदलाव कर दिए हैं, फिर चाहे वह व्यापार हो, शिक्षा हो, योगाभ्यास हो या फिर संगीत. लॉकडाउन ने इन सब की परिभाषा बदल दी है. ऐसे में राजस्थान में बाल संरक्षण आयोग ने किस तरीके से बाल अधिकारों के लिए काम किया. इस पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ईटीवी से खास बातचीत की.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से खास बातचीत

उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से लगातार संवाद करके फीडबैक लिया. जहां से भी शिकायत आ रही थी, उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चाहे प्रवासी बाल श्रमिकों का मामला हो या बच्चियों को सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने का मामला हो. इन सभी मामलों में लॉकडाउन के दौरान भी बाल संरक्षण आयोग ने पूरी तत्परता के साथ अपना काम किया.

ऑनलाइन क्लास के दुष्परिणाम

संगीता बेनीवाल ने कहा कि खासतौर से इन दिनों स्कूली बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उनके पास जनसुनवाई में शिकायत आ रही है. ऑनलाइन क्लास से आंखों पर, मस्तिष्क पर, बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. ऑनलाइन क्लासेस की वजह से बच्चों में चिड़चिड़ापन और गुस्सा नजर आ रहा है. इस तरह की शिकायतें भी लगातार पेरेंट्स और सामाजिक संगठनों के जरिए की जा रही है. इन सबको देखते हुए बाल संरक्षण आयोग ने ऑनलाइन क्लासेस के लिए अपनी ओर से गाइडलाइन जारी की है.

ऑनलाइन क्लासेस के लिए गाइडलाइन जारी

उन्होंने बताया कि यह गाइडलाइन बीकानेर निदेशक को भेजी गई है और उन्हें निर्देशित किया गया है कि वह इसकी पालना सभी स्कूलों से कराएं. ऑनलाइन स्कूल के लिए जो गाइडलाइन जारी की गई है. उसमें खासतौर से आयु वर्ग के हिसाब से कक्षाएं लेने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने से पहले कविता और योग कराने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन क्लासेस के शुरुआत में ऑनलाइन के दुष्परिणामों के बारे में स्कूल प्रशासन बच्चों और परिजनों को बताएं. बेनीवाल ने यह भी कहा कि 30 मिनट से अधिक लगातार कोई भी ऑनलाइन क्लास नहीं ली जाए. हर 30 मिनट के बाद में कम से भी कम 15 मिनट का ब्रेक लेना अनिवार्य है.

बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि इस तरह के करीब 10 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की गई है. इसकी पालना अगर कोई भी स्कूल प्रशासन नहीं करता है और उसकी शिकायत बाल संरक्षण आयोग तक पहुंचती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा बेनीवाल ने कहा कि फीस वृद्धि को लेकर भी लगातार शिकायतें आ रही हैं. बच्चों की पढ़ाई नहीं होने के बावजूद भी स्कूल प्रशासन की ओर से फीस का दबाव बनाया जा रहा है. इसको लेकर भी आयोग ने निर्देशित किया है कि अभी कोई भी स्कूल प्रशासन फीस जमा कराने का दबाव नहीं बनाए. हालांकि, उन्होंने फीस माफी को लेकर किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया.

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बाल श्रम को लेकर कलेक्टरों को किया निर्देशित

उन्होंने कहा कि यह सच है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों के व्यापार, कामकाज, नौकरियों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. जिसकी वजह से पेरेंट्स स्कूल फीस जमा कराने में सक्षम नहीं रहे हैं, लेकिन अगर स्कूल प्रशासन की तरफ से देखा जाए तो स्कूल में फीस जमा नहीं होगी तो मैनेजमेंट स्कूल टीचर्स को सैलरी कैसे देगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने ये सभी चीजें रखी गई हैं, जो फैसला करना है वो सीएम को ही करना है. बाल श्रम को लेकर संगीता बेनीवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य से आने और जाने वाले बच्चों पर खास तौर से निगरानी रखी जा रही है. आयोग इसके लिए श्रम विभाग को और प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को चिट्ठी के जरिए निर्देशित कर चुका है कि अन्य राज्यों से आने वाले बच्चों पर खास तौर से नजर रखी जाए. साथ ही यह देखा जाए कि जो बाहरी राज्यों से बच्चे आ रहे हैं, उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है या नहीं. कहीं ऐसा तो नहीं है कि बाहरी राज्यों से आने वाले बच्चों के साथ में बाल श्रम कराया जा रहा है. इन सभी को लेकर डेटाबेस तैयार किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि बाल श्रम किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पिछले दिनों बांसवाड़ा सहित 2 जिलों में मनरेगा में बाल मजदूरी की शिकायत सामने आई थी. उस पर विभाग को और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को अवगत करा दिया गया था. आयोग ने पत्र लिखकर यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो. इसको लेकर विभाग आश्वस्त करे. संगीता बेनीवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों के साथ दुष्कर्म, प्रताड़ित करने जैसी घटनाएं सामने आई थी. उन पर भी आयोग ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की थी और संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया था कि वह इन बाल अपराधों पर गंभीरता से कानूनी कार्रवाई करे.

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