जयपुर. 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के मौजूदा सत्र में इस बार सरकार को घेरने की तैयारी विपक्ष ने कर ली है. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के मुद्दे से लेकर बिगड़ती कानून व्यवस्था और हाल ही में हुए फोन टैपिंग मामले तक से जुड़े सवाल विधानसभा में लगाए गए हैं. भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने एक बार फिर बयान दिया है कि सामने दीवार पर लिखा दिख रहा है, 'सरकार तो गई और हमारी भी सत्ता में आने की पूरी तैयारी है'.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्व चिकित्सा मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि भाजपा फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में है. लेकिन प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते हम भजन मंडली के सदस्य भी नहीं हैं, जो कुछ प्रयास ना करें. ऐसी स्थिति में सत्ता में आने की तैयारी में भी हम जुटे हैं.
कालीचरण सराफ के अनुसार जिस दिन से प्रदेश में अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और मंत्रिमंडल का गठन किया था, तब से ही कांग्रेस के भीतर कलह शुरू हो गई. इसी कलह के चलते सरकार जाएगी, लेकिन कांग्रेस इसका पूरा दोष बीजेपी के माथे मढ़ रही है. जबकि हमारा इस पूरे घटनाक्रम में कोई लेना देना नहीं है.
कोरोना और फोन टैपिंग सहित विधानसभा में उठेंगे ये मामले...
14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के मौजूदा सत्र में इस बार विपक्षी दलों के विधायकों ने सरकार को घेरने के लिए कई सवाल लगाए हैं. खासतौर पर बढ़ते कोरोना संक्रमण, बेलगाम होती कानून व्यवस्था और बिजली-पानी के बिलों का मुद्दा तो है ही. लेकिन कुछ बीच सियासी मुद्दे से जुड़े प्रश्न भी सदन में पंजीकृत किए गए हैं.
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने अपने क्षेत्र की इन मौजूदा समस्याओं के अलावा फोन टैपिंग प्रकरण से जुड़े सवाल भी विधानसभा में लगाए हैं. वहीं, प्रदेश में बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम और बिजली-पानी बिल माफी से जुड़े मामले के प्रश्न भी विधानसभा में लगाए गए हैं. कालीचरण सराफ के अनुसार जिस तरह प्रदेश सरकार ने नियमों को ताक में रखकर फोन टैपिंग करवाई और मुख्य सचिव और डीजीपी ने इसकी सक्षम स्तर पर स्वीकृति की बात से इंकार कर दिया वो अपने आप में बड़ा मामला है, जिसका सरकार को सदन में तो जवाब देना ही होगा.
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सरकार की अनदेखी ने पूरे प्रदेश को कोरोना में झोंक दिया...
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले में भी पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. खासतौर पर जिस तरह हाल ही में स्वास्थ्य भवन में करीब 30 और विभाग के ही कार्यालय शिफू में करीब 2 दर्जन लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद तो स्वास्थ्य महकमे की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े हो गए हैं.
कालीचरण सराफ के अनुसार जब प्रदेश सरकार होटल में मौज मस्ती में व्यस्त हो तो प्रदेश में यही हालत होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार होटल में है और चिकित्सा मंत्री का कहीं अता-पता नहीं है. ऐसे में केवल स्वास्थ्य भवन में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं और यह संख्या करीब 50 हजार के पार पहुंच चुकी है, इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है.
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मुख्यमंत्री ही कॉन्फिडेंट नहीं कि सरकार बचेगी या जाएगी...
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कालीचरण सराफ ने यह भी कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में खुद प्रदेश सरकार को ही यह कॉन्फिडेंट नहीं है कि वह बचेगी या गिरेगी. सराफ के अनुसार जिस तरह की उठापटक और कांग्रेस में फूट सामने आई है उसका फैसला आने वाली विधानसभा सत्र में हो जाएगा, क्योंकि यह सत्र काफी निर्णायक रहेगा. वहीं, कालीचरण सराफ ने कहा कि विपक्षी दल होने के नाते हम कोई भजन मंडल के सदस्य नहीं जो तैयारी नहीं करेंगे हमारी भी सत्ता प्राप्त करने को लेकर पूरी तैयारियां हैं, लेकिन समय आने पर ही उसके सारे पत्ते खोले जाएंगे. अभी हम फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं.