जयपुर. राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में मेवाड़ इतिहास के साथ हुई छेड़छाड़ हो या फिर कोरोनाकाल में स्कूल फीस माफी का मामला, इन मुद्दों पर पर सियासत जारी है. शिक्षा पर चल रहे हैं इस सियासी संग्राम के बीच ईटीवी भारत ने पूर्व शिक्षा मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी से खास बातचीत की.
देवनानी ने पाठ्यक्रम में इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर मुख्यमंत्री के देर से किए गए हस्तक्षेप पर सवाल उठाया. साथ ही यह साफ कर दिया है कि सरकार को 3 माह की स्कूल फीस को स्थगित करने की जगह माफ करने की घोषणा करना चाहिए.
'मुख्यमंत्री को सरकार में क्या कुछ चल रहा है इसकी जानकारी नहीं होती'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में वासुदेव देवनानी ने कहा कि मेवाड़ के इतिहास को लेकर पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव को लेकर काफी विवाद चला और इस विवाद में राजपूत समाज से लेकर इतिहासकारों तक ने सवाल उठाए. भाजपा लगातार इस मामले को उठा रही है. लेकिन मुख्यमंत्री ने इतने दिनों बाद इस मामले में हस्तक्षेप किया और बुधवार को अपने विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की मांग पर उन्होंने पाठ्यक्रम में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए.
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देवनानी ने कहा कि सवाल यही है कि आखिर यह फैसला इतनी देर से क्यों किया गया. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री को उनके मंत्री विभागों में क्या कुछ चल रहा है इसकी जानकारी नहीं देते या फिर मुख्यमंत्री जी को इसकी जानकारी ही नहीं कि आखिर विवाद क्यों हुआ.
'महापुरुषों और इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना कांग्रेस की पुरानी आदत'
देवनानी ने यह भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्कूली पाठ्यक्रम में कई महापुरुषों से जुड़े पाठ जोड़े गए. लेकिन मौजूदा सरकार ने ना केवल उसमें फेरबदल किया. बल्कि मेवाड़ के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया. देवनानी ने कहा इस प्रकार की सोच शुरू से ही कांग्रेस की रही है. लेकिन जब राजपूत समाज और बीजेपी का दबाव पड़ा तब मुख्यमंत्री ने इसमें हस्तक्षेप किया.
'स्थगित नहीं स्कूल की फीस माफ हो'
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कोरोना संकट काल के दौरान 3 माह की स्कूल फीस माफ किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में जब आम इंसान की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी है, तब प्रदेश सरकार स्कूल फीस स्थगित करने का ऐलान कर रही है. जबकि सरकार को 3 माह की स्कूल फीस माफ करना चाहिए.
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साथ ही स्कूल संचालकों को साफ तौर पर इसकी पालना करने के निर्देश भी देना चाहिए. इस दौरान वासुदेव देवनानी निजी स्कूलों संचालकों पर भी भड़के. उन्होंने कहा की निजी स्कूलों ने सालों तक शिक्षकों के जरिए खूब कमाई की. लेकिन अब जब आर्थिक रूप से लोगों की कमर टूट चुकी है, तो यही स्कूल संचालक अपने टीचरों को आगे करके वेतन के लिए आंदोलन करवा रहे हैं. देवनानी ने कहा संकट के समय इन स्कूल संचालकों को अपने शिक्षकों का भी पूरा वेतन देना चाहिए और 3 महीने के लिए स्कूल की फीस भी माफ करना चाहिए.
दीया कुमारी के स्कूल को लेकर देवनानी का यू टर्न
भाजपा 3 माह की स्कूल की फीस माफ करने की मांग तो कर रही है. लेकिन उन्हीं की पार्टी से सांसद दीया कुमारी के स्कूल महाराजा सवाई भवानी सिंह और द पैलेस स्कूल ने भी तीन माह की स्कूल फीस माफ नहीं की है. बल्कि कोविड-19 से रिलीफ लेने के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से 20% राहत साल 2020-21 में देने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही अन्य विविध चार्जेस नहीं लिए जाने की भी घोषणा की है.
हालांकि देवनानी ने दीया कुमारी के इस कदम की भी सराहना की और कहा कम से कम हमारी पार्टी की नेता ने एक कदम आगे बढ़ाया. अब जब भी सरकार स्कूल फीस माफी की घोषणा करेंगे तो दीया कुमारी भी इस पर अमल करेंगी.