जयपुर/हैदराबाद. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर सचिन शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए पूनिया ने खुद के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर दूसरे कार्यकाल के सवाल पर कहा कि यह सब पार्टी को तय करना है और अनुशासित कार्यकर्ता पार्टी की दी गई जिम्मेदारी को ही निभाता है. उन्होंने इस मौके पर रीट, आगामी उपचुनाव और भारतीय जनता पार्टी के अंतर्द्वंद से जुड़े सवालों का भी खुलकर जवाब दिया.
ब्लूटूथ वाली चप्पल कांग्रेस की देन
सतीश पूनिया ने अपने इंटरव्यू के दौरान बीते दिनों राजस्थान में हुई रीट परीक्षा में धांधली को लेकर मौजूदा कांग्रेस सरकार पर जमकर सवाल किए. उन्होंने राहुल गांधी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी पार्टी कई अविष्कार कर चुकी है और इस मर्तबा राजस्थान में हजारों ब्लूटूथ वाली चप्पल इस सरकार की देन है. राहुल गांधी ने चुनाव में बेरोजगारों से जो वादा किया था उसके उलट इस मर्तबा जो मजाक नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के साथ हुआ है उसे राजस्थान कभी नहीं भूलेगा. सतीश पूनिया ने कहा कि 11 अक्टूबर को भाजपा युवा मोर्चा एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है. राजस्थान में एक के बाद एक परीक्षाओं में पर्चे लीक होना सरकार की नाकामी है.
उपचुनाव जीतेंगे, तब राजसमंद में जीत के मायने हैं
सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में धरियावद और वल्लभनगर में जिन 2 सीटों पर उपचुनाव है, उन्हें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी, ऐसा उन्हें भरोसा है. बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर कमेटी बनाकर काफी पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी. बीते चुनाव में मिली शिकस्त के सवाल के जवाब में सतीश पूनिया का कहना था कि तब भी 2 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी थे और उन्होंने अपना वर्चस्व कायम रखा, परंतु राजसमंद पर जिस तरह से कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी, उसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी का जीत कर आना बड़ी बात है. उन्होंने सरकार पर मशीनरी के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया.
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बीजेपी में मुख्यमंत्री संसदीय बोर्ड तय करेगा
सतीश पूनिया ने इस इंटरव्यू के दौरान भारतीय जनता पार्टी में अलग-अलग समर्थकों के जरिए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मुखर होती आवाज पर भी अपनी बात रखी. उनका कहना था कि बीजेपी की परंपरा के मुताबिक चुनाव जीतने के बाद संसदीय बोर्ड नेता तय करता है और बाकी लोग उसे स्वीकार करते हैं. उनका कहना था कि हमारा मकसद है कि हम कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर जीत कर आएं. वहीं बीते दिनों हाडौती में वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं की तरफ से दिए गए बयानों को लेकर भी सतीश पूनिया ने इसे सोशल मीडिया की सोशेबाजी करार दिया. इस दौरान पूनिया ने वसुंधरा राजे समर्थकों को संगठन में हाशिए पर रखे जाने के सवाल से भी ना-इत्तेफाकी जाहिर की. चुनाव में जीत के बाद खुद के मुख्यमंत्री पद के सवाल को भी बड़ी सफाई के साथ पूनिया ने टाल दिया.
बीजेपी को नहीं है पायलट की जरूरत
जब सतीश पूनिया से यह सवाल पूछा गया कि क्या भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ सरकार गिराने के लिए ही सचिन पायलट की जरूरत है? क्या अब उनके बीजेपी में शामिल होने के अटकलों पर विराम लगने के बाद बीजेपी को झटका लगा है? इस सवाल के जवाब में सतीश पूनिया का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी खुद सक्षम है.
उन्होंने कहा कि कौन किस पार्टी में आएगा और कौन किस पार्टी से जाएगा यह फिलहाल काल्पनिक प्रश्न है और इसका जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा है. इशारों-इशारों में उन्होंने कहा कि बीजेपी को राजस्थान में किसी नाम के दम पर सरकार बनाने की जरूरत नहीं है. 90 के दशक के बाद से बीजेपी खुद के दम पर सरकार बना रही है.