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EXCLUSIVE: राज्यसभा चुनाव में हमारे पास खोने को कुछ नहीं... लेकिन पाने को बहुत कुछ है- सतीश पूनिया

कोरोना काल के बीच प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के सियासी रण के रंग दिखने लगे हैं. प्रदेश की 3 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के 2-2 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. हालांकि संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस की 2 सीटों पर जीत लगभग तय है. लेकिन भाजपा को लगता है कि ये चुनाव प्रदेश सरकार और कांग्रेस में असंतोष की परीक्षा का असल समय है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया से ईटीवी भारत ने खास बात की और जाना राज्यसभा चुनाव को लेकर क्या है प्रदेश भाजपा की रणनीति.

सतीश पूनिया का इंटरव्यू, satish poonia interview, satish poonia latest statement, सतीश पूनिया का बयान
ईटीवी भारत से सतीश पूनिया की खास बातचीत
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Published : Jun 7, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 8:20 PM IST

जयपुर. राज्यसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. राजस्थान में भी चुनावों को लेकर सियायत गरमा गई है. प्रदेश की तीन सीटों के लिए इस बार कांग्रेस के दो और भाजपा के दो प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होना है. कांग्रेस से वेणुगोपाल और नीरज डांगी प्रत्याशी हैं, जबकि भाजपा की ओर से राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत प्रत्याशी हैं. आगामी राज्यसभा चुनावों में भाजपा की क्या रणनीति होगी, इस विषय पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ईटीवी भारत से खास बात की.

ईटीवी भारत से सतीश पूनिया की खास बातचीत

खोने को कुछ नहीं पाने को बहुत कुछ है

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ. सतीश पूनिया ने साफ कर दिया कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा. पूनिया के अनुसार प्रदेश भाजपा के पास इस चुनाव में खोने को कुछ नहीं है, लेकिन पाने को बहुत कुछ है. पूनिया ने बताया कि 1 सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 51 वोट भाजपा के पास हैं. लेकिन उसके बाद भी कुछ वोट स्पेयर में बचते हैं, जिसका उपयोग करने के लिए दूसरा प्रत्याशी उतारा गया है. साथ ही सरकार, सरकार के बाहर निर्दलीय दल के विधायक और अन्य राजनीतिक दलों के विधायक जिनमें सरकार की कार्यशैली को लेकर असंतोष है, उनको भी समर्थन के लिए खुला आह्वान किया गया है.

परेशानी हमारी नहीं कांग्रेस के घर की है

बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस भले ही राज्यसभा चुनाव को लेकर कुछ भी आरोप लगाए. लेकिन भाजपा आगे बढ़कर कोई इनिशिएटिव नहीं लेगी. यदि कोई अपनी पार्टी छोड़कर बाहर जाना ही चाहे, तो उसे कौन रोक सकता है. पूनिया ने कहा आज कोई अंधा भी बता देगा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के बीच में डिवीजन साफ तौर पर दिख रहा है और हाल ही में कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों के जो बयान आ रहे हैं, वो भी किसी से छुपे नहीं हैं. फिर चाहे विश्वेंद्र सिंह हो, भरत सिंह हो या फिर दातारामगढ़ के विधायक.

ये भी पढ़ें: राज्यसभा चुनाव 'रण': गुजरात कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी...सिरोही के आबूरोड लाए गए 19 MLA

विश्वेंद्र सिंह का किया समर्थन

पूनिया ने हाल ही में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा अपनी ही सरकार और चिकित्सा विभाग के ऊपर उठाए सवालों को लेकर भी जवाब दिया. पूनिया ने कहा पर्यटन मंत्री ने महामारी के इस समय राजनीति से ऊपर उठकर अपनी ही सरकार के मंत्री और उनके विभाग की बड़ी खामियां गिनाई. जिसका भाजपा ने भी समर्थन किया. लेकिन इस समर्थन को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए.

कांग्रेस पहले अपने परिवार को संभालें

पूनिया ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की ओर से भाजपा पर लगाए जा रहे आरोप पर भी पलटवार किया और साफ कर दिया कि कांग्रेस हमारी तरफ से बिल्कुल निश्चिंत और फ्री रहे और अपने परिवार को संभालें. पूनिया के अनुसार प्रदेश सरकार में कांग्रेस पार्टी और अधिकारियों में साफ तौर पर डिवीजन नजर आ रहा है. जिस तरह 2 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आशंका जताई, उससे वो बहुत ही चिंतित भी दिख रहे थे. लेकिन भाजपा को लेकर वह किसी तरह की चिंता ना रखें और ना ही आशंका रखें. बस अच्छी तरह से सरकार चलाएं और कांग्रेस परिवार को संभालें.

किरोड़ी मीणा ने वहीं कहा जो संख्या बल के आधार पर दिख रहा है- पूनिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से जब पूछा गया कि उन्हीं की पार्टी के सांसद कहते हैं कि इस राज्यसभा चुनाव में 2 सीट कांग्रेस जीतेगी और बीजेपी केवल एक ही सीट जीत पाएगी. इस सवाल पर पूनिया ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ने वही कहा जो विधायकों की संख्या बल के आधार पर दिख रहा है. लेकिन बीजेपी ने अपने जो विधायकों के अतिरिक्त वोट हैं, उसको ध्यान में रखते हुए दूसरा प्रत्याशी उतारा गया है. अन्य दल और निर्दलीयों के साथ कांग्रेस से भी अगर कोई अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट देना चाहे तो देगा ही.

यह भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: आबूरोड के रिसोर्ट में ठहरे 22 विधायक, BJP के विरोध के बाद मौके पर पहुंची पुलिस

गौरतलब है कि आगामी 19 जून को राजस्थान में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इन 3 सीटों पर कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को बतौर प्रत्याशी उतारा है. वहीं, भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में उतारा है. विधायकों की संख्या बल के आधार पर 2 सीटें कांग्रेस के पक्ष में जाती दिख रही है. बावजूद इसके बीजेपी ने ओंकार सिंह लखावत के रूप में दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतारकर इस चुनाव में सियासी उलटफेर की संभावना जताने का प्रयास किया है.

जयपुर. राज्यसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. राजस्थान में भी चुनावों को लेकर सियायत गरमा गई है. प्रदेश की तीन सीटों के लिए इस बार कांग्रेस के दो और भाजपा के दो प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होना है. कांग्रेस से वेणुगोपाल और नीरज डांगी प्रत्याशी हैं, जबकि भाजपा की ओर से राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत प्रत्याशी हैं. आगामी राज्यसभा चुनावों में भाजपा की क्या रणनीति होगी, इस विषय पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ईटीवी भारत से खास बात की.

ईटीवी भारत से सतीश पूनिया की खास बातचीत

खोने को कुछ नहीं पाने को बहुत कुछ है

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ. सतीश पूनिया ने साफ कर दिया कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा. पूनिया के अनुसार प्रदेश भाजपा के पास इस चुनाव में खोने को कुछ नहीं है, लेकिन पाने को बहुत कुछ है. पूनिया ने बताया कि 1 सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 51 वोट भाजपा के पास हैं. लेकिन उसके बाद भी कुछ वोट स्पेयर में बचते हैं, जिसका उपयोग करने के लिए दूसरा प्रत्याशी उतारा गया है. साथ ही सरकार, सरकार के बाहर निर्दलीय दल के विधायक और अन्य राजनीतिक दलों के विधायक जिनमें सरकार की कार्यशैली को लेकर असंतोष है, उनको भी समर्थन के लिए खुला आह्वान किया गया है.

परेशानी हमारी नहीं कांग्रेस के घर की है

बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस भले ही राज्यसभा चुनाव को लेकर कुछ भी आरोप लगाए. लेकिन भाजपा आगे बढ़कर कोई इनिशिएटिव नहीं लेगी. यदि कोई अपनी पार्टी छोड़कर बाहर जाना ही चाहे, तो उसे कौन रोक सकता है. पूनिया ने कहा आज कोई अंधा भी बता देगा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के बीच में डिवीजन साफ तौर पर दिख रहा है और हाल ही में कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों के जो बयान आ रहे हैं, वो भी किसी से छुपे नहीं हैं. फिर चाहे विश्वेंद्र सिंह हो, भरत सिंह हो या फिर दातारामगढ़ के विधायक.

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विश्वेंद्र सिंह का किया समर्थन

पूनिया ने हाल ही में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा अपनी ही सरकार और चिकित्सा विभाग के ऊपर उठाए सवालों को लेकर भी जवाब दिया. पूनिया ने कहा पर्यटन मंत्री ने महामारी के इस समय राजनीति से ऊपर उठकर अपनी ही सरकार के मंत्री और उनके विभाग की बड़ी खामियां गिनाई. जिसका भाजपा ने भी समर्थन किया. लेकिन इस समर्थन को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए.

कांग्रेस पहले अपने परिवार को संभालें

पूनिया ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की ओर से भाजपा पर लगाए जा रहे आरोप पर भी पलटवार किया और साफ कर दिया कि कांग्रेस हमारी तरफ से बिल्कुल निश्चिंत और फ्री रहे और अपने परिवार को संभालें. पूनिया के अनुसार प्रदेश सरकार में कांग्रेस पार्टी और अधिकारियों में साफ तौर पर डिवीजन नजर आ रहा है. जिस तरह 2 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आशंका जताई, उससे वो बहुत ही चिंतित भी दिख रहे थे. लेकिन भाजपा को लेकर वह किसी तरह की चिंता ना रखें और ना ही आशंका रखें. बस अच्छी तरह से सरकार चलाएं और कांग्रेस परिवार को संभालें.

किरोड़ी मीणा ने वहीं कहा जो संख्या बल के आधार पर दिख रहा है- पूनिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से जब पूछा गया कि उन्हीं की पार्टी के सांसद कहते हैं कि इस राज्यसभा चुनाव में 2 सीट कांग्रेस जीतेगी और बीजेपी केवल एक ही सीट जीत पाएगी. इस सवाल पर पूनिया ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ने वही कहा जो विधायकों की संख्या बल के आधार पर दिख रहा है. लेकिन बीजेपी ने अपने जो विधायकों के अतिरिक्त वोट हैं, उसको ध्यान में रखते हुए दूसरा प्रत्याशी उतारा गया है. अन्य दल और निर्दलीयों के साथ कांग्रेस से भी अगर कोई अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट देना चाहे तो देगा ही.

यह भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: आबूरोड के रिसोर्ट में ठहरे 22 विधायक, BJP के विरोध के बाद मौके पर पहुंची पुलिस

गौरतलब है कि आगामी 19 जून को राजस्थान में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इन 3 सीटों पर कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को बतौर प्रत्याशी उतारा है. वहीं, भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में उतारा है. विधायकों की संख्या बल के आधार पर 2 सीटें कांग्रेस के पक्ष में जाती दिख रही है. बावजूद इसके बीजेपी ने ओंकार सिंह लखावत के रूप में दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतारकर इस चुनाव में सियासी उलटफेर की संभावना जताने का प्रयास किया है.

Last Updated : Jun 7, 2020, 8:20 PM IST
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