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Exclusive interview: प्रधान और जिला प्रमुख बनाने के लिए निर्दलीयों और RLP से करेंगे संपर्क- राजेंद्र राठौड़ - राजेन्द्र राठौड़ इंटरव्यू

पंचायत चुनाव में परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं आने के बाद भी नेता प्रधान और जिला प्रमुख बनाने की रणनीति बनाने में लगे हैं. भाजपा, निर्दलीय व आरएलपी से भी संपर्क करने के प्रयास में जुट गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने यह भी कहा है कि प्रधान बनाने के लिए निर्दलीयों और आरएलपी से संपर्क भी किया जाएगा. चुनाव परिणाम के आगे की रणनीति को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने ईटीवी से खात बातचीत की. पेश हैं बातचीत के कुछ अंश...

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राजेंद्र राठौड़ से खास बातचीत
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Published : Sep 5, 2021, 4:09 PM IST

जयपुर. पंचायत राज चुनाव के परिणाम में भले ही भाजपा कांग्रेस से पिछड़ गई हो लेकिन जिला प्रमुख-प्रधान बनाने की जोड़-तोड़ में पार्टी नेता अभी भी जी जान से जुटे हुए हैं. इसके लिए भाजपा अब निर्दलीयों और आरएलपी के भी संपर्क में है. हालांकि 6 में से 5 जिला परिषद में बहुमत ने हासिल होने के बाद भी भाजपा नेता पार्टी के मौजूदा प्रदर्शन से संतुष्ट हैं. मौजूदा चुनाव परिणाम और आगामी रणनीति को लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने अपने विचार रखे हैं.

राठौड़ बोले, चुनाव हारे लेकिन कांग्रेस से 2.4 प्रतिशत ही कम मिले वोट

विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ को इन चुनावों के लिए जयपुर का प्रभारी भी बनाया गया था. अब मौजूदा परिणाम को लेकर उनका कहना है कि इस चुनाव में कांग्रेस के आधा दर्जन मंत्री और करीब 30 विधायक जुटे थे जबकि भाजपा के महज 6 विधायक के क्षेत्र ही इन चुनाव में थे. राठौड़ के अनुसार बीजेपी और कांग्रेस के बीच में वोटों की तुलना की जाए तो भाजपा को केवल 2.4 प्रतिशत कम वोट मिले. राठौर ने कहा कि मौजूदा परिणाम बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र की जनता ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को नकार दिया है. राठौड़ ने कहा कि मौजूदा चुनाव में सरकारी मशीनरी का पूरा दुरुपयोग करने के बाद भी कांग्रेस और भाजपा के वोटों में ज्यादा अंतर नहीं है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव परिणाम: कांग्रेस विधायकों का लेखा-जोखा, कोई Pass तो कोई Fail

जिन क्षेत्रों में थे चुनाव वहां कांग्रेस की थी पकड़, राठौड़ ने स्वीकारा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने स्वीकार किया कि जिन 6 जिलों में चुनाव थे उनमें से अधिकतर में कांग्रेस की लंबे समय से पकड़ थी. राठौड़ ने माना कि इन क्षेत्रों में पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन उत्तम नहीं रहा था लेकिन इस बार भाजपा एकजुटता के साथ चुनाव लड़ी जिस कारण कांग्रेस को कई पंचायत समितियों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया. वहीं भरतपुर जिला परिषद में भी कांग्रेस बहुमत नहीं ला पाई.

'कांग्रेस के खिलाफ जो भी लड़े और जीते उनका हम स्वागत करेंगे'

कई पंचायत समिति ऐसी हैं जहां पर अपना प्रधान और बोर्ड बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय आरएलपी की मदद लेना होगी. भाजपा के नेता इसी कवायद में जुटे हैं. राजेंद्र राठौड़ के अनुसार इन चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ जो भी लड़ा है और जीता है उसका भाजपा में हम स्वागत करेंगे. उनसे संपर्क करेंगे कि वह भाजपा की नीतियों का समर्थन करें. चाहे निर्दलीय हो या आरएलपी कैंडिडेट हम सभी से संपर्क करेंगे.

पढ़ें : Panchayat Election 2021: कांग्रेस के प्रदर्शन से खुश हुए खाचरियावास, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को दिलाया "वो" बयान याद, पूछा- बताएं अब क्या रखें आपका नाम!

डोटासरा के आरोपों पर राठौड़ ने पलटवार

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के मौजूदा चुनाव परिणाम के बाद आए बयानों पर भी राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया. राठौड़ ने कहा कि भाजपा की संस्कृति सामूहिक निर्णय की होती है लेकिन कांग्रेस में एक परिवार और व्यक्ति के आगे पीछे ही घूमती है, इसलिए डोटासरा की सोच भी वैसी ही हो गई है. राठौड़ ने कहा कि भाजपा पूरी तरह एकजुट है और जहां तक आगामी सीएम के चेहरों की बात है तो यह फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करता है. राठौड़ ने कहा कि आज की तारीख में भाजपा में न कोई चेहरा है और न किसी की कोई उम्मीदवारी है और न कोई गतिरोध है.

पढ़ें: Panchayat Chunav 2021 Result: 6 पंचायतों में मुकाबला टाई, सवाल- क्या निर्दलीय पर विश्वास कांग्रेस को पड़ा भारी?

हम समीक्षा जरूर करेंगे लेकिन परिणाम से असंतुष्ट नहीं है

मौजूदा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई दिग्गज राजनेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी जो खराब नतीजों के बाद कहीं न कहीं धूमिल भी हुई है, लेकिन अब राजेंद्र राठौड़ पार्टी स्तर पर इन चुनाव परिणामों की समीक्षा करने की बात कहते हैं. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि मौजूदा चुनाव परिणाम से पार्टी असंतुष्ट नहीं है. इसके पीछे राठौड़ का तर्क है कि राजस्थान की परंपरा रही है कि सत्तारूढ़ दल ही पंचायत राज चुनाव में बढ़त बनाता है लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को इन चुनावों में बढ़त बनाने से रोकने का काम किया है.

आरएलपी हमसे अछूती नहीं, करेंगे आपस में बात

मौजूदा चुनाव परिणाम बताते हैं कि कई पंचायत समितियों में भाजपा को निर्दलीय या आरएलपी का सहयोग लेने होगा, तभी वह अपना बोर्ड या प्रधान बनी सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में आरएलपी भाजपा के साथ गठबंधन में थी लेकिन अब वह गठबंधन टूट चुका है. राठौड़ ने कहा कि आरएलपी हमसे अछूती नहीं है और जिस तरह आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल लगातार प्रदेश सरकार और कांग्रेस के खिलाफ बयान दे रहे हैं. ऐसे में हम उनसे बात करें या वे हमसे बात करें तो उसमें कुछ गलत नहीं होगा.

जयपुर. पंचायत राज चुनाव के परिणाम में भले ही भाजपा कांग्रेस से पिछड़ गई हो लेकिन जिला प्रमुख-प्रधान बनाने की जोड़-तोड़ में पार्टी नेता अभी भी जी जान से जुटे हुए हैं. इसके लिए भाजपा अब निर्दलीयों और आरएलपी के भी संपर्क में है. हालांकि 6 में से 5 जिला परिषद में बहुमत ने हासिल होने के बाद भी भाजपा नेता पार्टी के मौजूदा प्रदर्शन से संतुष्ट हैं. मौजूदा चुनाव परिणाम और आगामी रणनीति को लेकर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने अपने विचार रखे हैं.

राठौड़ बोले, चुनाव हारे लेकिन कांग्रेस से 2.4 प्रतिशत ही कम मिले वोट

विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ को इन चुनावों के लिए जयपुर का प्रभारी भी बनाया गया था. अब मौजूदा परिणाम को लेकर उनका कहना है कि इस चुनाव में कांग्रेस के आधा दर्जन मंत्री और करीब 30 विधायक जुटे थे जबकि भाजपा के महज 6 विधायक के क्षेत्र ही इन चुनाव में थे. राठौड़ के अनुसार बीजेपी और कांग्रेस के बीच में वोटों की तुलना की जाए तो भाजपा को केवल 2.4 प्रतिशत कम वोट मिले. राठौर ने कहा कि मौजूदा परिणाम बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र की जनता ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को नकार दिया है. राठौड़ ने कहा कि मौजूदा चुनाव में सरकारी मशीनरी का पूरा दुरुपयोग करने के बाद भी कांग्रेस और भाजपा के वोटों में ज्यादा अंतर नहीं है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव परिणाम: कांग्रेस विधायकों का लेखा-जोखा, कोई Pass तो कोई Fail

जिन क्षेत्रों में थे चुनाव वहां कांग्रेस की थी पकड़, राठौड़ ने स्वीकारा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने स्वीकार किया कि जिन 6 जिलों में चुनाव थे उनमें से अधिकतर में कांग्रेस की लंबे समय से पकड़ थी. राठौड़ ने माना कि इन क्षेत्रों में पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन उत्तम नहीं रहा था लेकिन इस बार भाजपा एकजुटता के साथ चुनाव लड़ी जिस कारण कांग्रेस को कई पंचायत समितियों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया. वहीं भरतपुर जिला परिषद में भी कांग्रेस बहुमत नहीं ला पाई.

'कांग्रेस के खिलाफ जो भी लड़े और जीते उनका हम स्वागत करेंगे'

कई पंचायत समिति ऐसी हैं जहां पर अपना प्रधान और बोर्ड बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय आरएलपी की मदद लेना होगी. भाजपा के नेता इसी कवायद में जुटे हैं. राजेंद्र राठौड़ के अनुसार इन चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ जो भी लड़ा है और जीता है उसका भाजपा में हम स्वागत करेंगे. उनसे संपर्क करेंगे कि वह भाजपा की नीतियों का समर्थन करें. चाहे निर्दलीय हो या आरएलपी कैंडिडेट हम सभी से संपर्क करेंगे.

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डोटासरा के आरोपों पर राठौड़ ने पलटवार

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के मौजूदा चुनाव परिणाम के बाद आए बयानों पर भी राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया. राठौड़ ने कहा कि भाजपा की संस्कृति सामूहिक निर्णय की होती है लेकिन कांग्रेस में एक परिवार और व्यक्ति के आगे पीछे ही घूमती है, इसलिए डोटासरा की सोच भी वैसी ही हो गई है. राठौड़ ने कहा कि भाजपा पूरी तरह एकजुट है और जहां तक आगामी सीएम के चेहरों की बात है तो यह फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करता है. राठौड़ ने कहा कि आज की तारीख में भाजपा में न कोई चेहरा है और न किसी की कोई उम्मीदवारी है और न कोई गतिरोध है.

पढ़ें: Panchayat Chunav 2021 Result: 6 पंचायतों में मुकाबला टाई, सवाल- क्या निर्दलीय पर विश्वास कांग्रेस को पड़ा भारी?

हम समीक्षा जरूर करेंगे लेकिन परिणाम से असंतुष्ट नहीं है

मौजूदा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई दिग्गज राजनेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी जो खराब नतीजों के बाद कहीं न कहीं धूमिल भी हुई है, लेकिन अब राजेंद्र राठौड़ पार्टी स्तर पर इन चुनाव परिणामों की समीक्षा करने की बात कहते हैं. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि मौजूदा चुनाव परिणाम से पार्टी असंतुष्ट नहीं है. इसके पीछे राठौड़ का तर्क है कि राजस्थान की परंपरा रही है कि सत्तारूढ़ दल ही पंचायत राज चुनाव में बढ़त बनाता है लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को इन चुनावों में बढ़त बनाने से रोकने का काम किया है.

आरएलपी हमसे अछूती नहीं, करेंगे आपस में बात

मौजूदा चुनाव परिणाम बताते हैं कि कई पंचायत समितियों में भाजपा को निर्दलीय या आरएलपी का सहयोग लेने होगा, तभी वह अपना बोर्ड या प्रधान बनी सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में आरएलपी भाजपा के साथ गठबंधन में थी लेकिन अब वह गठबंधन टूट चुका है. राठौड़ ने कहा कि आरएलपी हमसे अछूती नहीं है और जिस तरह आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल लगातार प्रदेश सरकार और कांग्रेस के खिलाफ बयान दे रहे हैं. ऐसे में हम उनसे बात करें या वे हमसे बात करें तो उसमें कुछ गलत नहीं होगा.

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