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Exclusive interview: हेमाराम इस्तीफा प्रकरण में बोले राजेंद्र राठौड़, कहा- कोरोना के साथ गहलोत सरकार पर भी संकट की दूसरी लहर - Rajendra Rathore's special conversation with ETV bharat

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों खासा उथलपुथल चल रहा है. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद गहलोत सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे उपनेता प्रतिपत्र राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ गहलोत सरकार पर भी संकट की दूसरी लहर है. प्रस्तुत है ईटीवी भारत से राजेंद्र राठौड़ की खास बातचीत...

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उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर का का इंटरव्यू
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Published : May 28, 2021, 2:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफ प्रकरण को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ गहलोत सरकार में तेजी से फैल रहे सियासी संक्रमण के रूप में देख रहे हैं. इसका अंजाम भी वह कुछ भी होने की बाच कहते हैं. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही गहलोत सरकार पर भी संकट की दूसरी लहर आई है. अब इसके अंजाम पर सबकी निगाहें हैं.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर का का इंटरव्यू

सियासी संक्रमण कितना फैलेगा ये तो समय ही बताएगा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार में वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी, सत्ता का एक ही स्थान पर केंद्रीकरण, नौकरशाहों का बोलबाला, ठहरा हुआ विकास और लचर कानून व्यवस्था से वे सभी दुखी हैं जिन्होंने सुशासन का दावा कर चुनाव में विजय प्राप्त की थी. राठौड़ ने कहा हेमाराम चौधरी वरिष्ठ नेता हैं. कई बार विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन उन्होंने जो इस्तीफा दिया वह मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. राठौड़ के अनुसार गहलोत सरकार में फैला ये सियासी संक्रमण कितना और फैलेगा यह तो समय ही बताएगा.

पढ़ें: Exclusive: हेमाराम इस्तीफा प्रकरण में कटारिया का बड़ा बयान, कहा- 5 साल पूरे नहीं कर पाएगी ये सरकार

राजनीतिक संक्रमण से ग्रस्त होकर ही बनी थी सरकार

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से जब पूछा गया कि उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता बार-बार यह बयान देते हैं की गहलोत सरकार 5 साल नहीं चल पाएगी.. क्या आप भी यही मानते हैं और उसके पीछे भाजपा की कोई रणनीति है तो राठौड़ ने कहा कि यह गहलोत सरकार तो अपने भार से ही टूटेगी. राठौड़ ने कहा कि यह सरकार तो राजनीतिक संक्रमण से ग्रस्त होकर ही बनी थी. जिस प्रकार पूर्व में मुख्यमंत्री और तत्कालिक उपमुख्यमंत्री अलग-अलग खेमों में होटलों में अपने विधायकों के साथ बंद रहे और उसके बाद जिस तरह उपमुख्यमंत्री स्वर मामला दर्ज हुआ. उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाई गई. मान सम्मान की लड़ाई कब किस समय किस करवट बैठेगा, इस बारे में कुछ भी बोल पाना मुश्किल है. राठौड़ ने कहा हेमाराम चौधरी के बाद जिस तरह वेद प्रकाश सोलंकी सहित कुछ अन्य विधायकों के भी बयान आए वो इस ओर इशारा भी कर रहा है कि असंतोष का धुंआ तो उठ रहा है लेकिन यह आग कितनी आगे तक फैलेगी यह समय बताएगा.

पढ़ें: Exclusive : सरकार से नाराज होकर नहीं, व्यक्तिगत कारणों से हेमाराम चौधरी ने दिया इस्तीफा - टीकाराम जूली

स्पीकर के सामने धर्मसंकट इसलिए नोटिस देकर बुलाया

राजेंद्र राठौड़ राजस्थान विधानसभा नियम व प्रक्रिया 176 के तहत दिए गए कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बारे में कहते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष को मौजूदा नियम और प्रक्रियाओं के तहत इस्तीफा मंजूर करना ही पड़ेगा. राठौड़ के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष खुद धर्म संकट में फंस गए हैं. यही कारण है कि उन्होंने अपने आखिरी हथियार के रूप में विधायक हेमाराम चौधरी को नोटिस देकर लॉकडाउन के बाद अपने समक्ष प्रस्तुत होने को कहा है. हेमाराम चौधरी गांधीवादी नेता हैं और वह जब स्पीकर को यह कह देंगे कि मैंने नियमों के तहत इस्तीफा दिया है और सोच समझ कर दिया है, आप उसे स्वीकार करें तो फिर स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करना ही होगा.

सरकार अपने खुद के भार से गिरेगी

राजेंद्र राठौड़ के अनुसार सरकार में चल रही उथल-पुथल में बीजेपी का कोई हाथ नहीं है, क्योंकि यदि सरकार गिरेगी तो अपने खुद के भार से गिरेगी. राठौड़ यह भी कहते हैं कि यदि प्रदेश की गहलोत सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा कर भी लेगी तो अगली बार विधानसभा में कांग्रेस के इतने विधायक भी नहीं जीत सकेंगे जो छोटी कार में बैठकर विधानसभा तक पहुंचें.

जयपुर. राजस्थान में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफ प्रकरण को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ गहलोत सरकार में तेजी से फैल रहे सियासी संक्रमण के रूप में देख रहे हैं. इसका अंजाम भी वह कुछ भी होने की बाच कहते हैं. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही गहलोत सरकार पर भी संकट की दूसरी लहर आई है. अब इसके अंजाम पर सबकी निगाहें हैं.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर का का इंटरव्यू

सियासी संक्रमण कितना फैलेगा ये तो समय ही बताएगा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार में वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी, सत्ता का एक ही स्थान पर केंद्रीकरण, नौकरशाहों का बोलबाला, ठहरा हुआ विकास और लचर कानून व्यवस्था से वे सभी दुखी हैं जिन्होंने सुशासन का दावा कर चुनाव में विजय प्राप्त की थी. राठौड़ ने कहा हेमाराम चौधरी वरिष्ठ नेता हैं. कई बार विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन उन्होंने जो इस्तीफा दिया वह मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. राठौड़ के अनुसार गहलोत सरकार में फैला ये सियासी संक्रमण कितना और फैलेगा यह तो समय ही बताएगा.

पढ़ें: Exclusive: हेमाराम इस्तीफा प्रकरण में कटारिया का बड़ा बयान, कहा- 5 साल पूरे नहीं कर पाएगी ये सरकार

राजनीतिक संक्रमण से ग्रस्त होकर ही बनी थी सरकार

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से जब पूछा गया कि उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता बार-बार यह बयान देते हैं की गहलोत सरकार 5 साल नहीं चल पाएगी.. क्या आप भी यही मानते हैं और उसके पीछे भाजपा की कोई रणनीति है तो राठौड़ ने कहा कि यह गहलोत सरकार तो अपने भार से ही टूटेगी. राठौड़ ने कहा कि यह सरकार तो राजनीतिक संक्रमण से ग्रस्त होकर ही बनी थी. जिस प्रकार पूर्व में मुख्यमंत्री और तत्कालिक उपमुख्यमंत्री अलग-अलग खेमों में होटलों में अपने विधायकों के साथ बंद रहे और उसके बाद जिस तरह उपमुख्यमंत्री स्वर मामला दर्ज हुआ. उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाई गई. मान सम्मान की लड़ाई कब किस समय किस करवट बैठेगा, इस बारे में कुछ भी बोल पाना मुश्किल है. राठौड़ ने कहा हेमाराम चौधरी के बाद जिस तरह वेद प्रकाश सोलंकी सहित कुछ अन्य विधायकों के भी बयान आए वो इस ओर इशारा भी कर रहा है कि असंतोष का धुंआ तो उठ रहा है लेकिन यह आग कितनी आगे तक फैलेगी यह समय बताएगा.

पढ़ें: Exclusive : सरकार से नाराज होकर नहीं, व्यक्तिगत कारणों से हेमाराम चौधरी ने दिया इस्तीफा - टीकाराम जूली

स्पीकर के सामने धर्मसंकट इसलिए नोटिस देकर बुलाया

राजेंद्र राठौड़ राजस्थान विधानसभा नियम व प्रक्रिया 176 के तहत दिए गए कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बारे में कहते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष को मौजूदा नियम और प्रक्रियाओं के तहत इस्तीफा मंजूर करना ही पड़ेगा. राठौड़ के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष खुद धर्म संकट में फंस गए हैं. यही कारण है कि उन्होंने अपने आखिरी हथियार के रूप में विधायक हेमाराम चौधरी को नोटिस देकर लॉकडाउन के बाद अपने समक्ष प्रस्तुत होने को कहा है. हेमाराम चौधरी गांधीवादी नेता हैं और वह जब स्पीकर को यह कह देंगे कि मैंने नियमों के तहत इस्तीफा दिया है और सोच समझ कर दिया है, आप उसे स्वीकार करें तो फिर स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करना ही होगा.

सरकार अपने खुद के भार से गिरेगी

राजेंद्र राठौड़ के अनुसार सरकार में चल रही उथल-पुथल में बीजेपी का कोई हाथ नहीं है, क्योंकि यदि सरकार गिरेगी तो अपने खुद के भार से गिरेगी. राठौड़ यह भी कहते हैं कि यदि प्रदेश की गहलोत सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा कर भी लेगी तो अगली बार विधानसभा में कांग्रेस के इतने विधायक भी नहीं जीत सकेंगे जो छोटी कार में बैठकर विधानसभा तक पहुंचें.

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