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Kamla Beniwal land grab case: पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल जमानती वारंट से तलब

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Published : Dec 9, 2021, 7:31 PM IST

अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मुआवजे के तौर पर भूमि लेने के मामले में पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल को जमानती वारंट से (Ex Governor Kamala Beniwal summoned with bailable warrant) तलब किया है.

जयपुर.अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 ने भूमि के स्वामित्व से संबंधित फर्जी दस्तावेज (Kamla Beniwal land grab case) बनाकर मुआवजे के तौर पर भूमि लेने के मामले में गुजरात की पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल (Ex Governor Kamala Beniwal news) और सुरजाराम मील सहित चन्द्र प्रकाश गुलेरिया के पुन: जमानती वारंट जारी कर 24 दिसंबर को तलब किया है.

अदालत ने डीओ लेटर जारी कर डीसीपी पश्चिम मों तामील की जिम्मेदारी दी है. वहीं अदालत ने करीब एक दर्जन अन्य आरोपियों के नए पते पेश करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश संजय किशोर के परिवाद पर दिए.

पढ़ें- डीसीपी कराए पूर्व राज्यपाल पर जमानती वारंट तामील

मामले के अनुसार संजय किशोर की ओर से वर्ष 2012 में परिवाद पेश कर कहा गया कि वर्ष 1953 में राज्य सरकार ने करीब 218 एकड़ भूमि सामूहिक कृषि कार्य के लिए किसान सामूहिक कृषि सहकारी समिति को 25 साल के लिए आवंटित की थी. वर्ष 1978 में यह अवधि स्वत: ही समाप्त हो गई. वहीं इस समिति के मूल सदस्यों को दरकिनार कर आरोपियों ने भूमि पर कब्जा जमा लिया. दूसरी ओर जेडीए ने करधनी और पृथ्वीराज नगर योजना के लिए इस भूमि में से कुछ भूमि को अवाप्त किया.

2019 में भी हुआ था जमानती वारंट

परिवाद में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि पर अपना स्वामित्व बताते हुए मुआवजे के तौर पर पन्द्रह सौ मीटर के भूखंड प्राप्त कर लिए. गौरतलब है कि अक्टूबर 2019 में पूर्व राज्यपाल कमला के आवास के बाहर नोटिस चस्पा कर तामील कराई गई थी. वहीं इसके बाद उनके जमानती वारंट भी जारी किए गए, लेकिन उनकी तामील नहीं हो सकी. इस पर अदालत ने एक बार फिर जमानती वारंट जारी कर डीसीपी को तामील की जिम्मेदारी सौंपी है.

जयपुर.अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 ने भूमि के स्वामित्व से संबंधित फर्जी दस्तावेज (Kamla Beniwal land grab case) बनाकर मुआवजे के तौर पर भूमि लेने के मामले में गुजरात की पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल (Ex Governor Kamala Beniwal news) और सुरजाराम मील सहित चन्द्र प्रकाश गुलेरिया के पुन: जमानती वारंट जारी कर 24 दिसंबर को तलब किया है.

अदालत ने डीओ लेटर जारी कर डीसीपी पश्चिम मों तामील की जिम्मेदारी दी है. वहीं अदालत ने करीब एक दर्जन अन्य आरोपियों के नए पते पेश करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश संजय किशोर के परिवाद पर दिए.

पढ़ें- डीसीपी कराए पूर्व राज्यपाल पर जमानती वारंट तामील

मामले के अनुसार संजय किशोर की ओर से वर्ष 2012 में परिवाद पेश कर कहा गया कि वर्ष 1953 में राज्य सरकार ने करीब 218 एकड़ भूमि सामूहिक कृषि कार्य के लिए किसान सामूहिक कृषि सहकारी समिति को 25 साल के लिए आवंटित की थी. वर्ष 1978 में यह अवधि स्वत: ही समाप्त हो गई. वहीं इस समिति के मूल सदस्यों को दरकिनार कर आरोपियों ने भूमि पर कब्जा जमा लिया. दूसरी ओर जेडीए ने करधनी और पृथ्वीराज नगर योजना के लिए इस भूमि में से कुछ भूमि को अवाप्त किया.

2019 में भी हुआ था जमानती वारंट

परिवाद में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि पर अपना स्वामित्व बताते हुए मुआवजे के तौर पर पन्द्रह सौ मीटर के भूखंड प्राप्त कर लिए. गौरतलब है कि अक्टूबर 2019 में पूर्व राज्यपाल कमला के आवास के बाहर नोटिस चस्पा कर तामील कराई गई थी. वहीं इसके बाद उनके जमानती वारंट भी जारी किए गए, लेकिन उनकी तामील नहीं हो सकी. इस पर अदालत ने एक बार फिर जमानती वारंट जारी कर डीसीपी को तामील की जिम्मेदारी सौंपी है.

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