ETV Bharat / city

स्वतंत्रता दिवस स्पेशल: आजादी के बाद से अब तक भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्या-क्या हुए बदलाव

200 सालों से ज्यादा अंग्रेदों की गुलामी सहने के बाद देश को नए पंख 15 अगस्त 1947 को लगे और भारत अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त हुआ. ऐसे में आजादी के बाद आजाद भारत से लेकर अब तक शिक्षा के क्षेत्र में क्या-क्या बदलाव हुए. देखिए ये रिपोर्ट...

author img

By

Published : Aug 14, 2019, 7:36 PM IST

etv special report, ईटीवी भारत स्पेशल रिपोर्ट

जयपुर. किसी भी राष्ट्र को एक समृद्ध देश बनाने में वहां की शिक्षा व्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जब 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ. तब भारत में निरक्षरता फैली हुई थी. आजादी के वक्त देश में केवल 12% लोग ही साक्षर थे. भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी था यहां की शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए. जिसके लिए समय-समय पर कई आयोग गठित किए गये. जिन्होंने देश की शिक्षा को नई दिशा दी.

पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस स्पेशल: गुलामी की बेड़ियां तोड़ आजाद हुआ भारत...प्रगति के पथ पर यूं बढ़ता रहा आगे

भारतीय संविधान में शिक्षा को लेकर प्रावधान
भारत को पूर्ण रूप से शिक्षित बनाने के लिए भारतीय संविधान में शिक्षा को लेकर प्रावधान रखा गया. जिसमें अनुच्छेद 45 के द्वारा 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को सरकार नि:शुल्क व अनिवार्य रूप से प्राथमिक शिक्षा प्रदान करेगी और अनुच्छेद 46 में शिक्षा की दृष्टि से अति पिछड़े हुए समाज के कमजोर वर्गों के लिए सरकार द्वारा शिक्षा की विशेष व्यवस्था करने के प्रावधान भी किए गए हैं, ताकि इन वर्गों को सामाजिक एवं आर्थिक कठिनाइयों के चलते शिक्षा के अधिकार से वंचित न हों.

आजादी के बाद से अब तक भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्या-क्या हुए बदलाव

आजादी के समय शिक्षा
इसी के साथ शिक्षा समितियां और आयोगों का गठन किया गया, सन 1948 में डॉ. एस. राधाकृष्णन आयोग बना जिसमें यू.जी.सी अर्थात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना कि गई. जिसके बाद सन 1952 में माध्यमिक शिक्षा आयोग, 1964 में डॉ. डीएस कोठारी आयोग और 2017 तक ऐसे ही 11 और समिति व आयोगों का गठन किया गया.

पढ़ें- जवाहरलाल नेहरू की बड़ी कूटनीति थी और उसके कारण कश्मीर हमारे पास है- स्वतंत्रता सेनानी सोमटिया

भारत में शिक्षा
आज भारत में 14 लाख से ज्यादा स्कूल, 850 से ज्यादा कॉलेज और तक़रीबान 40,000 उच्च शिक्षा संस्थान है. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 74.4% साक्षरता है. वहीं राजस्थान में आज सरकारी और प्राइवेट दोनों को मिलाकर कुल 22 विश्वविद्यालय, 105514 स्कूल और 553 कॉलेज है. इसके बावजूद राजस्थान, देश में साक्षरता के नाम पर 33वें स्थान पर आता है.

राजस्थान में शिक्षा
आंकड़ों को देखा जाए तो राज्य में कुल 66.1 % लोग शिक्षित है. जिनमें 79.2 % पुरुष और 52.1% महिलाएं हैं. देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट में इजाफा करती रही है. जो इस वर्ष केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में 10% की वृद्धि करते हुए कुल 93,847.64 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. वहीं प्रदेश की बात करें तो केंद्र से आवंटित बजट में राज्य को 40,014 करोड़ मिले.

पढ़ें- हज यात्रियों ने 'मक्का मदीना' की सड़कों पर लहराया तिरंगा

शहीदों के बलिदान के बाद मिले इस भारत का भविष्य युवाओं और नई पीढ़ी पर निर्भर है. इसके लिए बहुत जरूरी है की देश को जिनके हाथों में दिया जा रहा हो वह शिक्षित हो ताकि वो देश के लिए सही फैसले ले सकें और देश को और ऊंचाइयों पर पहुंचा सकें.

जयपुर. किसी भी राष्ट्र को एक समृद्ध देश बनाने में वहां की शिक्षा व्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जब 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ. तब भारत में निरक्षरता फैली हुई थी. आजादी के वक्त देश में केवल 12% लोग ही साक्षर थे. भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी था यहां की शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए. जिसके लिए समय-समय पर कई आयोग गठित किए गये. जिन्होंने देश की शिक्षा को नई दिशा दी.

पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस स्पेशल: गुलामी की बेड़ियां तोड़ आजाद हुआ भारत...प्रगति के पथ पर यूं बढ़ता रहा आगे

भारतीय संविधान में शिक्षा को लेकर प्रावधान
भारत को पूर्ण रूप से शिक्षित बनाने के लिए भारतीय संविधान में शिक्षा को लेकर प्रावधान रखा गया. जिसमें अनुच्छेद 45 के द्वारा 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को सरकार नि:शुल्क व अनिवार्य रूप से प्राथमिक शिक्षा प्रदान करेगी और अनुच्छेद 46 में शिक्षा की दृष्टि से अति पिछड़े हुए समाज के कमजोर वर्गों के लिए सरकार द्वारा शिक्षा की विशेष व्यवस्था करने के प्रावधान भी किए गए हैं, ताकि इन वर्गों को सामाजिक एवं आर्थिक कठिनाइयों के चलते शिक्षा के अधिकार से वंचित न हों.

आजादी के बाद से अब तक भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्या-क्या हुए बदलाव

आजादी के समय शिक्षा
इसी के साथ शिक्षा समितियां और आयोगों का गठन किया गया, सन 1948 में डॉ. एस. राधाकृष्णन आयोग बना जिसमें यू.जी.सी अर्थात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना कि गई. जिसके बाद सन 1952 में माध्यमिक शिक्षा आयोग, 1964 में डॉ. डीएस कोठारी आयोग और 2017 तक ऐसे ही 11 और समिति व आयोगों का गठन किया गया.

पढ़ें- जवाहरलाल नेहरू की बड़ी कूटनीति थी और उसके कारण कश्मीर हमारे पास है- स्वतंत्रता सेनानी सोमटिया

भारत में शिक्षा
आज भारत में 14 लाख से ज्यादा स्कूल, 850 से ज्यादा कॉलेज और तक़रीबान 40,000 उच्च शिक्षा संस्थान है. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 74.4% साक्षरता है. वहीं राजस्थान में आज सरकारी और प्राइवेट दोनों को मिलाकर कुल 22 विश्वविद्यालय, 105514 स्कूल और 553 कॉलेज है. इसके बावजूद राजस्थान, देश में साक्षरता के नाम पर 33वें स्थान पर आता है.

राजस्थान में शिक्षा
आंकड़ों को देखा जाए तो राज्य में कुल 66.1 % लोग शिक्षित है. जिनमें 79.2 % पुरुष और 52.1% महिलाएं हैं. देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट में इजाफा करती रही है. जो इस वर्ष केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में 10% की वृद्धि करते हुए कुल 93,847.64 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. वहीं प्रदेश की बात करें तो केंद्र से आवंटित बजट में राज्य को 40,014 करोड़ मिले.

पढ़ें- हज यात्रियों ने 'मक्का मदीना' की सड़कों पर लहराया तिरंगा

शहीदों के बलिदान के बाद मिले इस भारत का भविष्य युवाओं और नई पीढ़ी पर निर्भर है. इसके लिए बहुत जरूरी है की देश को जिनके हाथों में दिया जा रहा हो वह शिक्षित हो ताकि वो देश के लिए सही फैसले ले सकें और देश को और ऊंचाइयों पर पहुंचा सकें.

Intro:जयपुर- किसी भी राष्ट्र को एक समृद्ध देश बनाने में वहां की शिक्षा व्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ तब भारत में सरिता फैली हुई थी। आजादी के वक्त देश में केवल 12 प्रतिशत लोग ही साक्षर थे। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी था यहां की शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए जिसके लिए समय-समय पर कई आयोग गठित किए गए जिन्होंने देश की शिक्षा को नई दिशा दी।




Body:आजादी के समय सिर्फ 12 प्रतिशत लोग ही साक्षर हुए थे।

ये बने थे शिक्षा आयोग
- 1948 में डॉ एस राधाकृष्ण आयोग बना
- 1952 में माध्यमिक शिक्षा आयोग
- 1964 में डॉ. डीएस कोठारी आयोग
- 2017 तक ऐसे ही 11 ओर समिति व आयोगों का गठन हुआ

भारत मे शिक्षा का स्तर
- 14 लाख से ज्यादा स्कूल
- 850 से ज्याद कॉलेज
- 40 हजार उच्च शिक्षा संस्थान
- 74.4 प्रतिशत साक्षरता

राजस्थान की शिक्षा का स्तर
- देश मे साक्षरता के नाम पर 33 वे स्थान पर
- 22 विश्वद्यालय
- 105514 स्कूल
- 553 कॉलेज
- 66.1 प्रतिशत लोग शिक्षित
- 79.2 प्रतिशत पुरुष
- 52.1 प्रतिशक्त6 महिलाएं

भारत मे 2011 की जनगणना के अनुसार 74.4 प्रतिशत साक्षरता है। वही राजस्थान देश मे साक्षरता के नाम पर 33वें स्थान पर आता है। देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट में इजाफा करती रही है, जो इस साल केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की व्रद्धि करते हुए कुल 93,847 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। वही प्रदेश की बात करे तो केंद्र से आवंटित बजट में राज्य को 40, 014 करोड़ मिले।

शिक्षाविद विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि देश प्रदेश मे साक्षातर का ग्राफ जरूर बड़ा है लेकिन दैनिक उपयोग में नहीं ले पाया है। प्रदेश में बच्चियों के ड्राप आउट रेश्यो चिंताजनक है, 40 प्रतिशत से ज्यादा बच्चियों का ड्राप आउट रहता है। प्रदेश में 12 हजार बालिका स्कूल को बंद कर दिया गया।

बाईट- विपिन प्रकाश शर्मा, शिक्षाविद



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.