जयपुर. कोविड-19 महामारी के बीच प्रदेश में बिजली पानी के बिल माफी को लेकर सियासत चरम पर है. ईटीवी भारत पर उर्जा और जलदाय मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला की ओर से भाजपा नेताओं की मांग पर दो टूक आए जवाब के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार से कहा है कि शासन नहीं संभल रहा तो राष्ट्रपति शासन के लिए रजामंद हो जाए. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान इस मामले में सतीश पूनिया ने खुलकर कई सवालों के जवाब दिए.
यदि सबकुछ केंद्र करेगा तो प्रदेश सरकार क्या करेगी- पूनिया
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि आपदा के समय केंद्र सरकार ने राज्यों को बहुत मदद की है. 20 लाख करोड़ का पैकेज देश के सभी राज्यों के लिए है. पूनिया के अनुसार आपदा के समय प्रदेश की जनता आर्थिक रूप से टूट चुकी है. ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को प्रदेश सरकार से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार को आंकड़ों के जाल में फंस कर सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं को बिजली पानी के बिल माफ करके राहत देना चाहिए. क्योंकि नैतिकता इसी में है.
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लेकिन, प्रदेश सरकार और उसके मंत्री बार-बार अपनी जिम्मेदारी केंद्र पर डालते हैं. पूनिया ने दो टूक कहा की हर बात की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाल देगी तो राज्य सरकार फिर क्या करेगी. राज्य सरकार से प्रदेश में शासन नहीं संभल रहा तो साफ तौर पर कह दें और राष्ट्रपति शासन के लिए भी रजामंद हो जाए. तब केंद्र अपनी तरफ से फंडिंग कर देगा. लेकिन, बार-बार अपनी नाकामी केंद्र सरकार के माथे डालना गलत है.
योगी को पत्र लिखती है प्रियंका. अब गहलोत को भी लिखकर माफ करा दे बिजली पानी के बिल- पूनिया
सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को पत्र लिखकर बिजली के बिल माफ करने की मांग करती हैं. लेकिन, राजस्थान में उनकी ही कांग्रेस की सरकार भाजपा की इसी मांग को दरकिनार करती है. पूनिया ने कहा कि मैंने ट्वीट करके प्रियंका गांधी को लिखा है की एक पत्र राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी लिख दें. ताकि, यहां बिजली पानी के बिल प्रदेश सरकार माफ कर दे. ऊर्जा मंत्री के बयान से नाराज पूनिया ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से रखते रहेंगे अपनी बात.
31 मई के बाद बिल नहीं जमा कराने वालों पर डिस्कॉम की ओर से नियमानुसार कार्रवाई किए जाने से जुड़े ऊर्जा मंत्री के बयान से नाराज पूनिया ने यह भी कहा कि यदि 31 मई के बाद उपभोक्ताओं को पेनल्टी के नाम पर दंडित किया गया. साथ ही उनके कनेक्शन काटे गए तो भाजपा उसे बर्दाश्त नहीं करेगी. लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जाहिर करती रहेगी.
गहलोत सरकार पहले यह तो बता दें कि अब तक अपने फंड से इस आपदा में कितना किया खर्च-पूनिया
पूनिया के अनुसार भाजपा लगातार प्रदेश सरकार से मांग करती आ रही है कि वह केंद्र की ओर से दी जा रही मदद के आंकड़े को सार्वजनिक करें और जनता में यह भी बताएं कि इस आपदा की घड़ी में प्रदेश सरकार ने अपने कोष से कितना खर्च किया. उन्होंने कहा कि अब तक यह आंकड़ा ही प्रदेश सरकार ने जनता के सामने नहीं रखा जबकि बीजेपी लगातार यह मांग कर रही है.