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यूजी-पीजी, सेमेस्टर की परीक्षाओं और छात्रों को प्रमोट करने को लेकर RU कुलपति से खास बातचीत - एक्सक्लूसिव बातचीत

बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट करने की मांग को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच विश्वविद्यालय ने 15 जुलाई से यूजी व पीजी की परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है. वहीं, 31 अगस्त से ड्यू पेपर्स की परीक्षाएं आयोजित होगी. इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने विश्वविद्यालय के कुलपति से खास बातचीत की. आइए देखें एक्सक्लूसिव बातचीत...

जयपुर समाचार, jaipur news
RU के कुलपति प्रो. आरके कोठारी
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Published : Jun 30, 2020, 9:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में छात्रों की परीक्षा होगी या नहीं, इसे लेकर असमंजस की स्थिति चल रही है. इसे खत्म करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके कोठारी ने कहा है कि 15 जुलाई से यूजी-पीजी के सेमेस्टर व फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराई जाएंगी.

कुलपति प्रो. आरके कोठारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई समिति ने ये स्पष्ट किया था कि परिस्थितियां सामान्य रहने की स्थिति में परीक्षा कराई जाएंगी. हाल ही में कुलाधिपति द्वारा रखे गए कुलपति संवाद कार्यक्रम में भी अधिकतर विश्वविद्यालय की ओर से 15 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित कराने की आम सहमति बनी. वहीं, स्थिति की समीक्षा जुलाई के प्रथम सप्ताह में कर ली जाएगी.

पार्ट-1 RU के कुलपति प्रो. आरके कोठारी

हालांकि, परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारी पर कोठारी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर 160 परीक्षा केंद्रों में परीक्षाएं होना संभव नहीं है. ऐसे में 20 नए परीक्षा केंद्र जोड़े गए हैं और शेष परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों की क्षमता को बढ़ाया गया है. अब 180 परीक्षा केंद्रों पर करीब एक लाख 75 हजार छात्र परीक्षा देंगे. इनमें यूजी-पीजी के फाइनल ईयर और फाइनल सेमेस्टर के छात्र शामिल किए गए हैं.

पढ़ें- प्रदेश में मानसून के दस्तक के बाद एक बार बढ़ा तापमान, मौसम विभाग ने जारी किया 'येलो अलर्ट'

उन्होंने बताया कि बीकॉम की परीक्षा जुलाई में पूरी हो जाएंगी. इसके बाद साइंस और आखिर में आर्ट्स की परीक्षा पूरी होंगी. चूंकि, आर्ट्स में पेपर्स का कंपोजीशन ज्यादा होता है, इसलिए ये परीक्षाएं अगस्त आखिर तक चलेंगी. उन्होंने बताया कि ड्यू पेपर उसी कक्षा के साथ कराया जाता है. लेकिन अभी फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर की परीक्षा नहीं कराई जा रही है. ऐसे में 31 अगस्त से 7 सितंबर के बीच फाइनल ईयर के छात्रों के ड्यू पेपर कराए जाएंगे. इस संबंध में 2 या 3 जुलाई को राज्य सरकार से चर्चा करने के बाद 5 जुलाई को परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा.

पार्ट-2 RU के कुलपति प्रो. आरके कोठारी

प्रो. कोठारी ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए परीक्षा के दौरान छात्रों को मास्क लगाकर और सैनिटाइजर साथ लेकर आना होगा. वहीं, जिन परीक्षा केंद्रों पर संख्या ज्यादा होगी, वहां छात्रों को डेढ़ से 2 घंटे पहले पहुंचना होगा. इस दौरान थर्मल स्क्रिनिंग से छात्रों का तापमान मापने के बाद ही उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी. ये परीक्षाएं दो पारियों में कराई जाएंगी. पहली पारी सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक वहीं दूसरी पारी दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक होगी. इसके अलावा प्रत्येक परीक्षा के बाद क्लासरूम को सैनिटाइज कराया जाएगा.

पढ़ें- जयपुर : प्रमोट करने की मांग को लेकर छात्रों ने दिया सांकेतिक धरना, अब भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी

कुलपति ने छात्रों को प्रमोट करने को अंतिम विकल्प बताते हुए कहा कि जब परीक्षाएं अगस्त-सितंबर तक कराना भी संभव नहीं होगा. ऐसी स्थिति में छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सीबीएसई के छात्रों को भी परीक्षा को लेकर विकल्प दिया गया है. यदि परिस्थितियां सामान्य नहीं होती और कंटेनमेंट क्षेत्र के छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंच पाते तो ऐसी स्थिति में उनकी परीक्षा बाद में करानी होगी.

ऐसे में सरकार से एक बार फिर वार्ता की जाएगी और वही तय करेगी कि छात्रों को प्रमोट किया जाए या परीक्षा ली जाए. वहीं, जो छात्र प्रदर्शन के माध्यम से बिना परीक्षा प्रमोट होने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग पर भी फिलहाल विचार किया जा रहा है.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में छात्रों की परीक्षा होगी या नहीं, इसे लेकर असमंजस की स्थिति चल रही है. इसे खत्म करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके कोठारी ने कहा है कि 15 जुलाई से यूजी-पीजी के सेमेस्टर व फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराई जाएंगी.

कुलपति प्रो. आरके कोठारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई समिति ने ये स्पष्ट किया था कि परिस्थितियां सामान्य रहने की स्थिति में परीक्षा कराई जाएंगी. हाल ही में कुलाधिपति द्वारा रखे गए कुलपति संवाद कार्यक्रम में भी अधिकतर विश्वविद्यालय की ओर से 15 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित कराने की आम सहमति बनी. वहीं, स्थिति की समीक्षा जुलाई के प्रथम सप्ताह में कर ली जाएगी.

पार्ट-1 RU के कुलपति प्रो. आरके कोठारी

हालांकि, परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारी पर कोठारी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर 160 परीक्षा केंद्रों में परीक्षाएं होना संभव नहीं है. ऐसे में 20 नए परीक्षा केंद्र जोड़े गए हैं और शेष परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों की क्षमता को बढ़ाया गया है. अब 180 परीक्षा केंद्रों पर करीब एक लाख 75 हजार छात्र परीक्षा देंगे. इनमें यूजी-पीजी के फाइनल ईयर और फाइनल सेमेस्टर के छात्र शामिल किए गए हैं.

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उन्होंने बताया कि बीकॉम की परीक्षा जुलाई में पूरी हो जाएंगी. इसके बाद साइंस और आखिर में आर्ट्स की परीक्षा पूरी होंगी. चूंकि, आर्ट्स में पेपर्स का कंपोजीशन ज्यादा होता है, इसलिए ये परीक्षाएं अगस्त आखिर तक चलेंगी. उन्होंने बताया कि ड्यू पेपर उसी कक्षा के साथ कराया जाता है. लेकिन अभी फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर की परीक्षा नहीं कराई जा रही है. ऐसे में 31 अगस्त से 7 सितंबर के बीच फाइनल ईयर के छात्रों के ड्यू पेपर कराए जाएंगे. इस संबंध में 2 या 3 जुलाई को राज्य सरकार से चर्चा करने के बाद 5 जुलाई को परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा.

पार्ट-2 RU के कुलपति प्रो. आरके कोठारी

प्रो. कोठारी ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए परीक्षा के दौरान छात्रों को मास्क लगाकर और सैनिटाइजर साथ लेकर आना होगा. वहीं, जिन परीक्षा केंद्रों पर संख्या ज्यादा होगी, वहां छात्रों को डेढ़ से 2 घंटे पहले पहुंचना होगा. इस दौरान थर्मल स्क्रिनिंग से छात्रों का तापमान मापने के बाद ही उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी. ये परीक्षाएं दो पारियों में कराई जाएंगी. पहली पारी सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक वहीं दूसरी पारी दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक होगी. इसके अलावा प्रत्येक परीक्षा के बाद क्लासरूम को सैनिटाइज कराया जाएगा.

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कुलपति ने छात्रों को प्रमोट करने को अंतिम विकल्प बताते हुए कहा कि जब परीक्षाएं अगस्त-सितंबर तक कराना भी संभव नहीं होगा. ऐसी स्थिति में छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सीबीएसई के छात्रों को भी परीक्षा को लेकर विकल्प दिया गया है. यदि परिस्थितियां सामान्य नहीं होती और कंटेनमेंट क्षेत्र के छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंच पाते तो ऐसी स्थिति में उनकी परीक्षा बाद में करानी होगी.

ऐसे में सरकार से एक बार फिर वार्ता की जाएगी और वही तय करेगी कि छात्रों को प्रमोट किया जाए या परीक्षा ली जाए. वहीं, जो छात्र प्रदर्शन के माध्यम से बिना परीक्षा प्रमोट होने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग पर भी फिलहाल विचार किया जा रहा है.

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