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Exclusive: टिड्डी को लेकर दुनिया वो ही भूल कर रही है, जो Corona को लेकर की थी : मंत्री हरीश चौधरी - जयपुर की खबर

कोरोना के समय WHO के Highest Health Alarm को गंभीरता से नहीं लेने की, जो गलती दुनिया ने की थी. वो ही गलती अब यूएन के एएफओ की तरफ से टिड्डियों को लेकर जारी चेतावनी को गंभीरता से ना लेकर की जा रही है. ये बात राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कही.

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राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की ईटीवी भारत से खास बातचीत
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Published : Jun 1, 2020, 3:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि टिड्डी को लेकर दुनिया वही भूल कर रही है, जो कोरोना को लेकर की गई थी. उन्होंने कहा कि WHO ने जनवरी के आखिर में Highest Health Alarm जारी किया था. वहीं टिड्डी को लेकर भी यूनाइटेड नेशन के AFO ने चेतावनी जारी की थी. लेकिन इसके बाद भी हम सचेत नहीं हुए.

मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि क्योंकि पिछली बार जब टिड्डियों का हमला हुआ तो उसे सरकार के प्रयासों और जनता की भागीदारी ने सफल बनाया था. टिड्डियां बॉर्डर पर ही रोक दी गई थी. लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण का असर था, जिसके चलते जन सहभागिता सरकार को नहीं मिल सकी. यही कारण है कि टिड्डी दल बॉर्डर क्षेत्र से बाहर निकलकर अन्य राज्यों जैसे कि यूपी, एमपी सहित अन्य शहरों तक पहुंच गई.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की ईटीवी भारत से खास बातचीत

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: शिक्षकों की सीख और खानाबदोश की मेहनत ने स्कूल को दी नई सूरत

मंत्री चौधरी ने कहा कि अब भी एएफओ की चेतावनी है कि इस बार टिड्डियों का अटैक पिछली बार की तुलना में काफी बड़ा होगा, ऐसे में सरकार तैयारी करे. केंद्र सुविधाएं मुहैया कराएगी तभी जाकर जनभागीदारी से इन टिड्डियों को बॉर्डर पर ही रोका जा सकता है. वहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को लेकर कहा कि पिछली बार टिड्डी कंट्रोल में किसकी क्या भूमिका थी, वह कोई भी जाकर चेक कर सकता है.

मंत्री ने कहा कि टिड्डी महकमे की स्थिति यह है कि जो 54 माइक्रोनर टिड्डी महकमे के पास हैं. उन्हें ले जाने के लिए पहले तो 17 व्हीकल ही हैं, उनमें से भी आठ खराब हैं. टिड्डियों को लेकर जो विवाद हो रहा है, ऐसा विवाद किसान की समस्या के टाइम ही क्यों होता है. किसी बड़े कॉर्पोरेट के समय तो नहीं होता. जब किसान को मदद की आवश्यकता होती है. ऐसे समय में बड़ी ताकतें विवाद करती हैं, जिसे अभी भूलना होगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान टिड्डियों के आतंक में, जानिए टिड्डी के हमले से लेकर समाधान की पूरी कहानी

वहीं उन्होंने विदेशों से मंगाई जा रही मशीनों को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो माइक्रोनर टिड्डी महकमे की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे हैं. वह पेड़ों पर बैठी टिड्डियों को नहीं मार सकती हैं. वहीं रात के समय भी ये कारगर नहीं हैं. ऐसे में इनकी भूमिका सीमित है, जो पिछले सीजन में सबके सामने आ चुका है.

जयपुर. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि टिड्डी को लेकर दुनिया वही भूल कर रही है, जो कोरोना को लेकर की गई थी. उन्होंने कहा कि WHO ने जनवरी के आखिर में Highest Health Alarm जारी किया था. वहीं टिड्डी को लेकर भी यूनाइटेड नेशन के AFO ने चेतावनी जारी की थी. लेकिन इसके बाद भी हम सचेत नहीं हुए.

मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि क्योंकि पिछली बार जब टिड्डियों का हमला हुआ तो उसे सरकार के प्रयासों और जनता की भागीदारी ने सफल बनाया था. टिड्डियां बॉर्डर पर ही रोक दी गई थी. लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण का असर था, जिसके चलते जन सहभागिता सरकार को नहीं मिल सकी. यही कारण है कि टिड्डी दल बॉर्डर क्षेत्र से बाहर निकलकर अन्य राज्यों जैसे कि यूपी, एमपी सहित अन्य शहरों तक पहुंच गई.

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की ईटीवी भारत से खास बातचीत

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मंत्री चौधरी ने कहा कि अब भी एएफओ की चेतावनी है कि इस बार टिड्डियों का अटैक पिछली बार की तुलना में काफी बड़ा होगा, ऐसे में सरकार तैयारी करे. केंद्र सुविधाएं मुहैया कराएगी तभी जाकर जनभागीदारी से इन टिड्डियों को बॉर्डर पर ही रोका जा सकता है. वहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को लेकर कहा कि पिछली बार टिड्डी कंट्रोल में किसकी क्या भूमिका थी, वह कोई भी जाकर चेक कर सकता है.

मंत्री ने कहा कि टिड्डी महकमे की स्थिति यह है कि जो 54 माइक्रोनर टिड्डी महकमे के पास हैं. उन्हें ले जाने के लिए पहले तो 17 व्हीकल ही हैं, उनमें से भी आठ खराब हैं. टिड्डियों को लेकर जो विवाद हो रहा है, ऐसा विवाद किसान की समस्या के टाइम ही क्यों होता है. किसी बड़े कॉर्पोरेट के समय तो नहीं होता. जब किसान को मदद की आवश्यकता होती है. ऐसे समय में बड़ी ताकतें विवाद करती हैं, जिसे अभी भूलना होगा.

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वहीं उन्होंने विदेशों से मंगाई जा रही मशीनों को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो माइक्रोनर टिड्डी महकमे की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे हैं. वह पेड़ों पर बैठी टिड्डियों को नहीं मार सकती हैं. वहीं रात के समय भी ये कारगर नहीं हैं. ऐसे में इनकी भूमिका सीमित है, जो पिछले सीजन में सबके सामने आ चुका है.

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