जयपुर. अपने ही विभाग में सर्वाधिक गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार बताने वाले सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना अब अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर फक्र होने की बात कहते हैं. फक्र इसलिए, क्योंकि कोरोना संकट काल के दौरान राजस्थान वो प्रदेश बन गया है, जिसमें देश के सभी राज्य में सर्वाधिक समर्थन मूल्य पर खरीद की है. वहीं उदयलाल आंजना बिल माफी या ऋण माफी के पक्ष में भी नहीं हैं. बल्कि किसानों की आय बढ़ाने के पक्ष में हैं. आंजना ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के लिए एक सुझाव भी दिया है.
आंजना के अनुसार फसल खरीद सरकार करती है, लेकिन आज भी पंजीकृत किसान कम ही हैं. जबकि अधिकतर अपंजीकृत हैं, जिनकी फसल की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं हो पाती. आंजना ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है और प्रधानमंत्री के लिए सुझाव भी दिया है. क्योंकि मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री जी से चर्चा होती ही रहती है.
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ऐसे में यदि केंद्र सरकार यह तय कर दे कि सभी किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी. फिर चाहे उसके लिमिट 25 हो या 40 प्रतिशत. वो अलग बात है, लेकिन इससे किसानों को राहत मिलेगी. वहीं ये भी तय कर देना चाहिए कि मंडियों में सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य से कम में कोई फसल की खरीद न हो. इससे भी किसानों को आर्थिक रूप से संबल मिलेगा.
बिल माफी की राजनीति में नहीं पड़ता : आंजना
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से जब किसानों के बिजली के बिल माफ करने से जुड़ा सवाल पूछा गया और ये भी पूछा गया कि आप ही के सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी बीजेपी की इस मांग का समर्थन करते हैं. तब सहकारिता मंत्री ने कहा कि वे बिल माफी की राजनीति में नहीं पड़ते हैं. क्योंकि सरकार के अपने सीमित संसाधन होते हैं. उसके अनुसार ही सरकार फैसला करती है.
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आंजना ने साथ में ये भी कहा कि वे शुरू से ही ऋण माफी या बिल माफी के पक्ष में नहीं हैं. बल्कि किसानों की आय बढ़ाने के पक्ष में हैं. उनके अनुसार किसानों की आय बढ़ेगी तो फिर चाहे कितने ही बिजली के बिल या ऋण हो जाएं, वो अपने आप उसका चुकता कर सकता है.
किसानों के रजिस्ट्रेशन में है घपला, छोटे किसानों को नहीं मिल पाता लाभ : आंजना
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसानों के पंजीयन में भारी घपला है. क्योंकि जो प्रभावशाली किसान होते हैं, वह तो महज 1 दिन ही अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं. लेकिन छोटे किसान पीछे की लाइन में खड़े रहते हैं और उनकी फसल की खरीद का नंबर तक नहीं आता. मंत्री के अनुसार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बंद कर देना चाहिए और सभी किसानों की फसल की खरीद होनी चाहिए. तभी किसानों को न्याय मिल पाएगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी. आंजना ने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों की आय दोगुना करने की बात कही थी. अब सबसे पहला निर्णय सरकार को यही करना चाहिए, ताकि किसानों को वास्तव में राहत मिल सके.
समर्थन मूल्य पर खरीद के रिकार्ड टूटे
भारत के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में इस बार समर्थन मूल्य पर खरीद के पुराने सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. जो खरीद 58 दिन में होती थी, वह इस बार महज 26 दिन में ही पूरी कर ली गई. यह स्थिति तब है जब देश और प्रदेश में कोरोना का संकट काल चल रहा है. लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की काम के प्रति निष्ठा के चलते यह खरीद में तेजी आई और किसानों को राहत मिली.