जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने हाल ही में देश के लिए मेडल जीत चुके प्रदेश के खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज रजत चौहान से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत सरकार ने प्रदेश के खिलाड़ियों को जो सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है, खिलाड़ियों के लिए यह सबसे खुशी का पल है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज रजत चौहान ने बताया कि हमने देश के लिए मेडल जीता और प्रदेश का नाम रोशन किया है. ऐसे में बीते कुछ सालों से हम उम्मीद लगाए बैठे थे कि सरकार खिलाड़ियों को लेकर कोई बड़ा फैसला लेगी और लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार सरकार ने आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत प्रदेश में खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है.
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जयपुर के रजत चौहान एक अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज हैं, जिन्होंने वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, वर्ष 2014 में आयोजित हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल और वर्ष 2018 एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल पर निशाना लगाया. यही नहीं रजत चौहान को वर्ष 2016 में राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
खेलों से जुड़ेंगे बच्चे...
रजत चौहान ने बताया कि हाल ही में सरकार ने खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी को लेकर जो पॉलिसी तैयार की है, उससे अब बच्चों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी. रजत ने बताया कि वे अभी सवाई मानसिंह स्टेडियम में अभ्यास करते हैं और करीब 20 से 25 बच्चों को सिखा भी रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद अब धीरे-धीरे लोगों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ रही है. उनका यह भी कहना है कि हर दिन कम से कम चार से पांच ऐसे बच्चे आर्चरी मैदान पर पहुंचते हैं जो तीरंदाजी से जुड़े इस खेल को सीखना चाहते हैं.
लगभग 500 खिलाड़ियों को मिलेगी नौकरी
सरकार द्वारा आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत प्रदेश के करीब 500 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया जाएगा. इसमें वर्ष 2016 के बाद मेडल जीत चुके खिलाड़ियों को नियुक्ति दी जाएगी. मामले को लेकर प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा था कि खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का तोहफा देना उनकी पहली प्राथमिकता थी. इसके तहत अभी राजस्थान पुलिस में 6 खिलाड़ियों को डीएसपी और 11 खिलाड़ियों को उप निरीक्षक बनाया गया है.
आउट ऑफ टर्न पॉलिसी...
खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आउट ऑफ टर्न पॉलिसी पेश की थी, लेकिन भाजपा सरकार अपने शासनकाल में एक भी खिलाड़ी को नौकरी का तोहफा नहीं दे सकी. ऐसे में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो खेल विभाग का जिम्मा संभाल रहे प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना ने घोषणा करते हुए कहा था कि प्रदेश के खिलाड़ियों को इस पॉलिसी के तहत नौकरी दिलवाना उनका पहला मकसद रहेगा.
इसके बाद इस पॉलिसी में काफी बदलाव भी किए गए और वर्ष 2016 के बाद मेडल जीत चुके करीब 500 खिलाड़ियों को सरकार सरकारी नौकरी का तोहफा दे रही है. खेल विभाग की ओर से इसे तीन कैटेगरी में विभाजित किया गया है.
- कैटेगरी A
इस कैटेगरी में ओलम्पिक गेम्स/पैरा ओलम्पिक गेम्स के पदक विजेताओं या वर्ल्ड कप/वर्ल्ड चैम्पियनशिप/पैरा वर्ल्ड कप/पैरा वर्ल्ड चैम्पियनशिप के पदक विजेताओं या एशियन गेम्स/पैरा एशियन गेम्स के पदक विजेताओं या काॅमनवेल्थ गेम्स/काॅमनवेल्थ पैरा इवेंट्स के पदक विजेताओं या क्रिकेट वर्ल्ड कप/चैम्पियनशिप के विजेताओं/उप-विजेताओं या पोलो वर्ल्ड कप/चैम्पियनशिप के विजेताओं /उपविजेताओं को शामिल किया गया है.
- कैटेगरी B
इस कैटेगरी में एशियन चैम्पियनशिप/एशियन पैरा चैम्पियनशिप के पदक विेजेताओं या साउथ एशियन गेम्स/साउथ एशियन पैरा गेम्स के पदक विजेताओं या क्रिकेट एशिया कप/चैम्पियनशिप के विजेताओं /उपविजेताओं को लिया गया है.
- कैटेगरी C
इस कैटेगरी में नेशनल गेम्स/ नेशनल पैरा गेम्स के पदक विजेताओं या नेशनल चैम्पियनशिप/पैरा नेशनल चैम्पियनशिप के पदक विजेताओं या नेशनल चैम्पियनशिप ऑफ पोलो के विजेताओं/उप-विजेताओं या रणजी ट्राॅफी के विेजेताओं/उपविजेताओं को शामिल किया गया है.