जयपुर. देश में अमूमन चेक के जरिए बैंकिंग फ्रॉड के मामले सामने आते हैं. इस तरह के फ्रॉड से किस तरह बचा जा सकता है, इसके लिए ईटीवी भारत ने बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर सतीश जिंदल से खास बातचीत की. जिन्होंने आरबीआई के पॉजिटिव पे सिस्टम और सीटीएस के बारे में समझाते हुए चेक जारी करते समय किन सावधानियों को बरता जाए, उसके बारे में जानकारी दी.
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चेक के फ्रॉड से बचने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कई नए नियम लेकर आया है. जिसमें पॉजिटिव पे सिस्टम को प्रमुखता से समझा जा सकता है. जिसके तहत 50 हजार से ज्यादा राशि का चेक यदि जारी करते हैं, तो बैंक उपभोक्ता से कंफर्मेशन लेगा. अन्यथा ये चेक रिटर्न हो जाएगा. इससे उपभोक्ता की सुरक्षा बढ़ेगी. इसके साथ ही उपभोक्ता को जागरूक होने की आवश्यकता है. इसके लिए चेक भरते समय कुछ सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता है.
सबसे पहले तारीख के कॉलम में साफ अक्षरों में तारीख लिखें, पे कॉलम में बिना स्पेस देते हुए जिस भी व्यक्ति के नाम चेक जारी किया गया है उसका नाम लिखें और नाम लिखने के बाद बची हुई जगह पर (--×--) ऐसे साइन लगाएं. इसी तरह रुपए वाले स्थान पर भी बिना स्पेस दिए राशि को हिंदी या अंग्रेजी में लिखें. उसके बाद only या फिर मात्र लिखना ना भूलें, यहां भी बची हुई जगह पर (--×--) साइन लगाएं.
राशि के कॉलम में भी जगह नहीं छोड़ने का ध्यान रखते हुए राशि लिखने के बाद /- साइन लगाएं. जब भी चेक अकाउंट पे करें, तो चेक के कोने में अकाउंट पेई लिखने से बेहतर चेक के बीच अकाउंट पेई लिखें. जब भी बैंक में आरटीजीएस, एनईएफटी या फिर ट्रांसफर के लिए चेक दें, तो पे के स्थान पर your self लिखने के बाद चेक के पीछे जिसके लिए आरटीजीएस, एनईएफटी या ट्रांसफर होना है उसकी पूरी जानकारी लिखें.
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वहीं, बैंक में अब चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) शुरू हो गया है. जिसके चलते चेक में कहीं भी अल्टरेशन या कटिंग अलाउ नहीं करें, ऐसी स्थिति में दूसरा चेक बनाना बेहतर समझे. बहरहाल, इन सावधानियों को बरतते हुए चेक से जुड़े फ्रॉड से बचा जा सकता है और अपनी जमा पूंजी को गलत हाथों में जाने से रोका भी जा सकता है.