जयपुर. सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में लादूलाल पितलिया नाम वापसी प्रकरण के दौरान भाजपा सचेतक जोगेश्वर गर्ग का एक फोन टेप ऑडियो भी वायरल हुआ. जिसमें गर्ग लादूलाल समर्थक विहिप कार्यकर्ता को समझाइश के साथ चेतावनी देते हैं और इस बीच उन्होंने अमित शाह तक का जिक्र किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जोगेश्वर गर्ग ने उस विवादित ऑडियो में अपनी आवाज होने की बात स्वीकार की है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जब उनकी आंखों के सामने कोई पार्टी को नुकसान पहुंचाता दिख रहा था तो भावावेश में उनके मुंह से यह शब्द निकल गए जो उन्हें नहीं कहना चाहिए था. गर्ग के अनुसार भाजपा के प्रति उनकी निष्ठा सबको पता है, लेकिन कई बार भावावेश में इस तरह की बात निकल जाती है.
भाजपा विधायक दल के सचेतक जोगेश्वर गर्ग के अनुसार लादूलाल पितलिया भाजपा के कार्यकर्ता थे और रहेंगे. उन्होंने कहा कि भाई के नाते यदि कुछ अच्छा करते हैं तो उनका उत्साहवर्धन भी किया जाता है और यदि कुछ गलती उनसे हो जाती है तो बड़े भाई के नाते उन्हें डांटने का भी हक है, लेकिन उनके प्रति कोई दुर्भावना ना तो भाजपा की है और ना ही मेरी.
दीप्ति माहेश्वरी को जिताऊ के कारण बनाया प्रत्याशी
वायरल हुए विवादित फोन टेप ऑडियो में बातचीत के दौरान राजसमंद से भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी के टिकट को लेकर भी कुछ विवादित बोल सुनाई दिए थे. इसको लेकर जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि तब उन्होंने केवल आम कार्यकर्ता के नाते यह कहा था कि भाजपा में वंशवाद के नाम पर किसी को टिकट नहीं मिलता. दीप्ति माहेश्वरी दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री हैं, इस कारण ही केवल उन्हें टिकट नहीं मिलेगा. हालांकि, बाद में पार्टी की सर्वे रिपोर्ट और स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर माहेश्वरी का नाम सामने आया और पार्टी आलाकमान ने उन्हें प्रत्याशी भी बनाया क्योंकि वहां वो जीतने की क्षमता रखती है.
कांग्रेस लादूलाल का इस्तेमाल करना चाहती थी
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जोगेश्वर गर्ग ने नाम वापसी प्रकरण में विवादों में आए लादूलाल पितलिया का पुराना भाजपा से जुड़ा इतिहास भी बताया. उन्होंने पितलिया के मंडल अध्यक्ष से लेकर टिकट मांगने और पार्टी से बाहर होने और वापस भाजपा में शामिल होने तक का ब्यौरा बताया.
गर्ग ने यह भी कहा कि इस बार जब वह पार्टी में शामिल हुए तो उपचुनाव में बतौर उम्मीदवार उनके नाम पर भी पार्टी में चर्चा हुई, लेकिन सर्वे और स्थानीय फीडबैक के आधार पर पार्टी ने जिसे जिताऊ समझा उसे ही टिकट दिया. हालांकि पितलिया ने नाराज होकर नामांकन दाखिल किया, लेकिन समझाइश पर पार्टी हित में उन्होंने नाम वापस भी ले लिया. अब वो भाजपा के साथ हैं, लेकिन लादूलाल को लेकर कांग्रेस ने जो सियासत की वो सबके सामने है.
जोगेश्वर गर्ग का कहना है कि कांग्रेस नेता केवल लादूलाल पितलिया को टूल की तरह उपचुनाव में उपयोग करना चाहती थी, लेकिन अब जब वह भाजपा के साथ हैं तो कांग्रेस सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके उन्हें क्वॉरेंटाइन रहने का नोटिस थमा रही है. लेकिन अब लादूलाल पितलिया भी यह समझ चुके हैं.
क्या है बातचीत में...
जोगेश्वर गर्ग ने झंवर सहित विधानसभा क्षेत्र के सभी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को फोन करके पितलिया को बैठाने का आग्रह किया था, क्योंकि उनके पास सूचना थी कि ये नेता बागी प्रत्याशी को समर्थन कर रहे हैं. गर्ग ने बातचीत में कहा कि आप लोग उन्हें समझाएं, भले आदमी हैं कुछ बुरा ना हो जाए. अमित शाह तक की इस चुनाव पर नजर है. आम चुनाव में तो बगावत करने वाले को कोई नहीं पूछता, लेकिन उपचुनाव में पूरी मिजाजपुर्सी हो रही है. उन्हें मान सम्मान देंगे, प्रदेश कार्यकारिणी में सतीश जी एडजस्ट कर लेंगे, नहीं तो राष्ट्रीय प्रभारी अरुण सिंह ने खुद उन्हें केंद्र में किसी बोर्ड निगम में सदस्य बनाने का वादा किया है.
पितलिया ने बात नहीं मानी तो...
भाजपा नेता ने इतना भी कहा कि पितलिया ने बात नहीं मानी तो उन्हें सहाड़ा से लेकर बैंगलुरू तक रगड़ कर रख देंगे. इसलिए समझा दें कि जिद छोड़ें और पार्टी का काम करें. लादूलाल पितलिया का नामांकन वापस लिए जाने के बाद पितलिया और उनके समर्थक तथा परिजन इस बात से व्यथित हैं कि भाजपा ने उनके साथ पहले तो धोखा किया और बाद में चुनाव मैदान से हटाने के लिए घटिया हथकंडे अपनाए. भले ही भाजपा इस एपिसोड के बाद भी मान रही हो कि पितलिया के समर्थक भाजपा को वोट दे देंगे तो यह उसकी भूल होगी. उनके अधिकांश वोट उसको जाएंगे जो बदला लेने के लिए भाजपा को हरा सके या कुछ नोटा पर जाएंगे. ये तय है कि पितलिया समर्थक भाजपा के खिलाफ ही वोट करेंगे.