जयपुर. राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बाद अब सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने भी अपने ही विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर आवाज बुलंद की है. सहकारिता विभाग में व्याप्त घपला और भ्रष्टाचार से मंत्री आंजना इस कदर आहत हैं कि उन्होंने ये तक कह डाला कि जितने घपले सहकारिता विभाग में है उतने और किसी विभाग में नहीं है. मंत्री आंजना ने शुक्रवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बेबाक तरीके से अपनी बात रखी.
'आज तक कोई पुख्ता जांच मेरे पास नहीं आई'
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा, जब उन्होंने यह डिपार्टमेंट संभाला तब कई प्रकार के भ्रष्टाचार उनके सामने आए. उसके बाद उन्होंने इन भ्रष्टाचार पर जांच भी बैठाई, लेकिन इतने महीने बीतने के बाद भी कोई पुख्ता जांच होकर मेरे सामने नहीं आई. उनका कहना है कि विभाग में आज भी वह भ्रष्टाचार जस की तस व्याप्त है. आंजना ने कहा कि इन भ्रष्टाचारों में पूर्व सरकार के मंत्रियों की भी लापरवाही रही है और विभाग का लचर कानून भी इसका एक बड़ा कारण है.
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'किस स्तर तक है भ्रष्टाचार इसकी बानगी भी देखिए'
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के अनुसार विभाग में किस स्तर तक भ्रष्टाचार हैं, उसकी बानगी पिछले दिनों टोंक में जींस खरीदी में देखी गई. 15 रुपए की रेट वाले जींस 40 रुपए में खुलेआम खरीदे जा रहे थे. उन्होंने बताया कि उनके दखल के बाद जींस की खरीदी 15 रुपए हो पाई. आंजना ने कहा कि इस प्रकार की खुली धांधली अमूमन होती ही रहती है, जो किसानों के साथ बड़ा अन्याय है.
'सिस्टम ही ऐसा है कि मंत्री के सीधे हस्ताक्षर होकर कोई फाइल नहीं निकलती'
मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि वह चाहते हैं कि जो भी पीड़ित उनके पास आए उन्हें तुरंत न्याय दिलवा पाए, लेकिन लोकतंत्र में जो सिस्टम बना हुआ है उसमें संपूर्ण अधिकार अधिकारियों के पास होते हैं. उनका कहना है कि मौजूदा सिस्टम में ऐसा कुछ नहीं है कि मंत्री के सीधे हस्ताक्षर होकर कोई फाइल निकले. इसलिए अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ता है.
आंजना ने कहा कि लेकिन उस समय बहुत पीड़ा होती है जब कोई पीड़ित व्यक्ति आता है और उसे न्याय तुरंत नहीं मिल पाता. उन्होंने बताया कि पीड़ितों को न्याय के लिए जो पत्र अधिकारियों को लिखता हूं वह फाइल लौटकर वापस नहीं आती, मतलब कोई कार्रवाई नहीं होती जिसका मुझे बेहद दुख है.
मुख्यमंत्री को अवगत कराया हैः आंजना
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उदयलाल आंजना ने कहा कि जिस प्रकार की गड़बड़ी उनके सामने आ रही थी उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपना पूरा फीडबैक उन्हें दे दिया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से शिकायत तो कर दी गई है लेकिन अब तक कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ.
आंजना ने कहा, कि अभी मुख्यमंत्री कोरोना संकट को लेकर व्यस्त हैं लेकिन जब प्रदेश इस महामारी से मुक्त होगा तब निश्चित तौर पर इस दिशा में कोई ठोस निर्णय लेकर कार्रवाई करेंगे. आंजना ने यही उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री के स्तर पर जो कार्रवाई होगी, उसके बाद निश्चित तौर पर विभाग के अधिकारी भी अपनी जवाबदेही समझेंगे और भ्रष्टाचार का भी पूरी तरह से खात्मा हो पाएगा.