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'गहलोत पहले मुख्यमंत्री जिन्हें विधायकों ने बंधक बनाया, विधानसभा क्षेत्र में विधायक CM बनकर मचा रहे लूट' - Rajasthan News

राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच गुरुवार को ईटीवी भारत ने भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधायकों ने बंधक बना लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार पूरे 5 साल नहीं चलेगी.

Rajasthan politics,  kirodi lal meena interview
भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा
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Published : Jun 17, 2021, 9:43 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच अब भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा है कि राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक बड़ा विस्फोट होता दिख रहा है. जिसके बाद शायद ही गहलोत सरकार 5 साल चल पाए. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सचिन पायलट के भाजपा में आने और बीजेपी में वसुंधरा की अनदेखी से जुड़े सवालों पर भी मीणा ने बेबाक तरीके से अपनी बात रखी.

पढ़ें- 'वसुंधरा को हल्के में न ले BJP...सारी रणनीति हो जाएगी फुस्स...36 कौम को खींचने की रखती हैं ताकत'

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार गई

राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) और सरकार (Rajasthan Government) में चल रही सियासी उठापटक के बीच राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) के आला नेताओं के तरह किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विस्फोट होना तय है. इसके बाद शायद ही गहलोत सरकार 5 साल चल पाए. मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कई विधायकों को मंत्री पद का आश्वासन दे रखा है, लेकिन मंत्री पद तो सीमित हैं. ऐसे में जिस दिन विस्तार होगा विस्फोट होना भी तय है.

भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा से खास बातचीत-1

मुख्यमंत्री को विधायकों ने बनाया बंधक

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि प्रदेश में अशोक गहलोत ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्हें विधायकों ने बंधक बना लिया है. हर विधायक अब अपने क्षेत्र का मुख्यमंत्री बन गया है और उसने अपने क्षेत्रों में लूट और भ्रष्टाचार का तांडव मचा रखा है. विधायकों के अनुसार पोस्टिंग हो रही है और सारे खेल चल रहे हैं.

मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि आश्वासन के जरिए विधायकों को अपने साथ बना रखा है. ये विधायक क्षेत्र में खुद को मुख्यमंत्री समझ कर ही काम करते हैं. मीणा ने कहा कि सरकार में चल रही है आपसी लड़ाई का सबसे बड़ा खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

कांग्रेस में पायलट के साथ हो रहा बुरा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मीणा ने कांग्रेस में हो रही सचिन पायलट की अनदेखी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि पायलट साहब दिल्ली आलाकमान से मुलाकात करने गए थे, लेकिन चार-पांच दिन रुकने के बाद भी उन्हें मिलने का समय नहीं मिला. मीणा ने कहा कि कम से कम इस तरह का व्यवहार तो पायलट के साथ नहीं होना चाहिए क्योंकि प्रदेश सरकार भी उनकी नहीं सुनती.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट को AICC में महासचिव पद का ऑफर, लेकिन इसमें भी गहलोत की रजामंदी का इंतजार

हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि पायलट का भाजपा में आने की चर्चा गरम है क्या यह संभव है, तो मीणा ने कहा कि इसकी जानकारी तो खुद सचिन पायलट दे सकते हैं कि वे भाजपा में आएंगे या किसी अन्य दल में जाएंगे. मीणा ने यह भी कहा कि सचिन पायलट के भाजपा में आने से क्या फायदा और क्या नुकसान होगा इसका आकलन तो चुनाव के समय ही किया जा सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में गुर्जर एचडी अल्पसंख्यक सहित विभिन्न वर्गों ने कांग्रेस का साथ दिया और करीब 90 फीसदी से ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती और सत्ता में आई. ऐसे में चुनाव के समय ही किसी के आने या न आने के फायदे नुकसान का आकलन होता है.

भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा से खास बातचीत-1

मैं छोटा कार्यकर्ता हूं

मीणा से पूछा गया कि जिस तरह भाजपा नेता मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार में विस्फोट होने की बात कहते हैं ऐसे भाजपा का फिर क्या रोल रहेगा, तब मीणा ने कहा कि मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं. पार्टी के नीति निर्धारकों में भी शामिल नहीं हूं. यह जानकारी तो आपको पार्टी के प्रदेश के बड़े नेता ही दे सकते हैं.

लेकिन, मीणा से जब पूछा गया कि उनके सियासी कद और अनुभव को देखते हुए संगठन ने उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है उसका क्या कारण है, तब मीणा ने कहा कि मुझको संगठन या पार्टी में कोई जिम्मेदारी दी ही नहीं गई यदि देंगे तो मैं काम करने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मेरा न कोई ग्रुप है, न अलग संगठन है, मैं जो भी हूं पार्टी के कार्यकर्ता के पीछे ही हूं.

भाजपा में 6 क्या 10 मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं

किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि मतभेद और गुटबाजी तो प्रदेश भाजपा में भी है मुख्यमंत्री के भी कई दावेदार हैं, तब मीणा ने कहा कि यदि कोई अपने मन में सोच ले कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा प्रधानमंत्री बनूंगा तो फिर वो कोई उसका कुछ नहीं कर सकता. ऐसे 6 नहीं 10 लोग हो सकते हैं. लेकिन जहां तक मतभेद की बात है तो भाजपा में मतभेद और मनमुटाव हो सकते हैं, लेकिन इस तरह की स्थिति नहीं है जो कांग्रेस में है.

पढ़ें- अदावत के बीच फर्जः दिल्ली दरबार से लौटने के बाद काम में जुटे पायलट, टोंक में किया ऑक्सीजन प्लांट का शिलान्यास...आलाकमान को संदेश देने की कोशिश

मीणा के अनुसार ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं है जो पार्टी ने किसी बड़े कार्यक्रम के लिए कॉल किया हो और पार्टी से जुड़े सभी नेता एक जाजम पर न आए हो और विभाजन दिखा हो. वहीं, जब किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि आप भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं तो मीणा ने कहा कि इस मामले में मेरा तो समय गया क्योंकि संगठन नई पीढ़ी को आगे लाना चाहता है और मैं उनके साथ हूं.

वसुंधरा के सियासी कद को नकारा नहीं जा सकता

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने वसुंधरा राजे समर्थकों की ओर से लगाए जा रहे संगठन की अनदेखी के आरोप पर भी कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. मीणा के अनुसार वे मुख्यमंत्री रही हैं, 2 बार प्रदेश की अध्यक्ष रह चुकी हैं और राजस्थान के चप्पे-चप्पे की राजनीति से वाकिफ हैं. ऐसे में उनके सियासी कद और अनुभव को नकारा नहीं जा सकता. मीटिंग में उनकी फोटो न लगाई हो उसके कारण वसुंधरा राजे समर्थक हैं कि उनकी अनदेखी हो रही है तो यह उचित नहीं है.

जयपुर. प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच अब भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा है कि राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक बड़ा विस्फोट होता दिख रहा है. जिसके बाद शायद ही गहलोत सरकार 5 साल चल पाए. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सचिन पायलट के भाजपा में आने और बीजेपी में वसुंधरा की अनदेखी से जुड़े सवालों पर भी मीणा ने बेबाक तरीके से अपनी बात रखी.

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मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार गई

राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) और सरकार (Rajasthan Government) में चल रही सियासी उठापटक के बीच राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) के आला नेताओं के तरह किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विस्फोट होना तय है. इसके बाद शायद ही गहलोत सरकार 5 साल चल पाए. मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कई विधायकों को मंत्री पद का आश्वासन दे रखा है, लेकिन मंत्री पद तो सीमित हैं. ऐसे में जिस दिन विस्तार होगा विस्फोट होना भी तय है.

भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा से खास बातचीत-1

मुख्यमंत्री को विधायकों ने बनाया बंधक

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि प्रदेश में अशोक गहलोत ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्हें विधायकों ने बंधक बना लिया है. हर विधायक अब अपने क्षेत्र का मुख्यमंत्री बन गया है और उसने अपने क्षेत्रों में लूट और भ्रष्टाचार का तांडव मचा रखा है. विधायकों के अनुसार पोस्टिंग हो रही है और सारे खेल चल रहे हैं.

मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि आश्वासन के जरिए विधायकों को अपने साथ बना रखा है. ये विधायक क्षेत्र में खुद को मुख्यमंत्री समझ कर ही काम करते हैं. मीणा ने कहा कि सरकार में चल रही है आपसी लड़ाई का सबसे बड़ा खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

कांग्रेस में पायलट के साथ हो रहा बुरा

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मीणा ने कांग्रेस में हो रही सचिन पायलट की अनदेखी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि पायलट साहब दिल्ली आलाकमान से मुलाकात करने गए थे, लेकिन चार-पांच दिन रुकने के बाद भी उन्हें मिलने का समय नहीं मिला. मीणा ने कहा कि कम से कम इस तरह का व्यवहार तो पायलट के साथ नहीं होना चाहिए क्योंकि प्रदेश सरकार भी उनकी नहीं सुनती.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट को AICC में महासचिव पद का ऑफर, लेकिन इसमें भी गहलोत की रजामंदी का इंतजार

हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि पायलट का भाजपा में आने की चर्चा गरम है क्या यह संभव है, तो मीणा ने कहा कि इसकी जानकारी तो खुद सचिन पायलट दे सकते हैं कि वे भाजपा में आएंगे या किसी अन्य दल में जाएंगे. मीणा ने यह भी कहा कि सचिन पायलट के भाजपा में आने से क्या फायदा और क्या नुकसान होगा इसका आकलन तो चुनाव के समय ही किया जा सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में गुर्जर एचडी अल्पसंख्यक सहित विभिन्न वर्गों ने कांग्रेस का साथ दिया और करीब 90 फीसदी से ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती और सत्ता में आई. ऐसे में चुनाव के समय ही किसी के आने या न आने के फायदे नुकसान का आकलन होता है.

भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा से खास बातचीत-1

मैं छोटा कार्यकर्ता हूं

मीणा से पूछा गया कि जिस तरह भाजपा नेता मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार में विस्फोट होने की बात कहते हैं ऐसे भाजपा का फिर क्या रोल रहेगा, तब मीणा ने कहा कि मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं. पार्टी के नीति निर्धारकों में भी शामिल नहीं हूं. यह जानकारी तो आपको पार्टी के प्रदेश के बड़े नेता ही दे सकते हैं.

लेकिन, मीणा से जब पूछा गया कि उनके सियासी कद और अनुभव को देखते हुए संगठन ने उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है उसका क्या कारण है, तब मीणा ने कहा कि मुझको संगठन या पार्टी में कोई जिम्मेदारी दी ही नहीं गई यदि देंगे तो मैं काम करने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मेरा न कोई ग्रुप है, न अलग संगठन है, मैं जो भी हूं पार्टी के कार्यकर्ता के पीछे ही हूं.

भाजपा में 6 क्या 10 मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं

किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि मतभेद और गुटबाजी तो प्रदेश भाजपा में भी है मुख्यमंत्री के भी कई दावेदार हैं, तब मीणा ने कहा कि यदि कोई अपने मन में सोच ले कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा प्रधानमंत्री बनूंगा तो फिर वो कोई उसका कुछ नहीं कर सकता. ऐसे 6 नहीं 10 लोग हो सकते हैं. लेकिन जहां तक मतभेद की बात है तो भाजपा में मतभेद और मनमुटाव हो सकते हैं, लेकिन इस तरह की स्थिति नहीं है जो कांग्रेस में है.

पढ़ें- अदावत के बीच फर्जः दिल्ली दरबार से लौटने के बाद काम में जुटे पायलट, टोंक में किया ऑक्सीजन प्लांट का शिलान्यास...आलाकमान को संदेश देने की कोशिश

मीणा के अनुसार ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं है जो पार्टी ने किसी बड़े कार्यक्रम के लिए कॉल किया हो और पार्टी से जुड़े सभी नेता एक जाजम पर न आए हो और विभाजन दिखा हो. वहीं, जब किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि आप भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं तो मीणा ने कहा कि इस मामले में मेरा तो समय गया क्योंकि संगठन नई पीढ़ी को आगे लाना चाहता है और मैं उनके साथ हूं.

वसुंधरा के सियासी कद को नकारा नहीं जा सकता

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने वसुंधरा राजे समर्थकों की ओर से लगाए जा रहे संगठन की अनदेखी के आरोप पर भी कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. मीणा के अनुसार वे मुख्यमंत्री रही हैं, 2 बार प्रदेश की अध्यक्ष रह चुकी हैं और राजस्थान के चप्पे-चप्पे की राजनीति से वाकिफ हैं. ऐसे में उनके सियासी कद और अनुभव को नकारा नहीं जा सकता. मीटिंग में उनकी फोटो न लगाई हो उसके कारण वसुंधरा राजे समर्थक हैं कि उनकी अनदेखी हो रही है तो यह उचित नहीं है.

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