जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 30 जुलाई को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और ऊर्जा क्षेत्र के लाभार्थियों से चर्चा करेंगे. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 25 जुलाई से शुरू होने वाले ऊर्जा सप्ताह 'उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य-विद्युत @2047' के रूप में मनाया जाएगा. इसके तहत देशभर के 773 जिलों में बिजली महोत्सव और उजला दिवस के तहत कार्यक्रम होंगे. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को इस संबंध में सभी प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों और प्रमुख अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर चर्चा की.
जयपुर विद्युत भवन से इस चर्चा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, ऊर्जा सचिव और डिस्कॉम चेयरमैन भास्कर ए सावंत के साथ ही जयपुर डिस्कॉम एमडी अजीत सक्सेना सहित कुछ आला अधिकारी जुड़े. इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने अक्षय ऊर्जा स्रोतों के साथ ही विभिन्न राज्यों की उपलब्धियों और समस्याओं पर चर्चा की. साथ ही राज्यों के दूरस्थ ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर कुछ सुझाव भी साझा किए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 30 जुलाई तक चलने वाले ऊर्जा सप्ताह के दौरान विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के उदाहरण प्रेरणा स्वरूप लोगों लघु फिल्में प्रदर्शनी और वार्ता के माध्यम से बिजली बचत और बिजली के नए-नए तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ऊर्जा सप्ताह के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे और केंद्र से जुड़ी ऊर्जा की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से भी चर्चा (PM Modi meeting with CMs on 30th July) करेंगे.
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ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखी ये मांगे: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने प्रदेश के बिजली उत्पादन इकाइयों में कोयला आपूर्ति में आ रही समस्या को रखा. साथ ही छत्तीसगढ़ में राजस्थान की कोयला खदान ब्लॉक परसा ईस्ट कांते बेसन प्रथम चरण में कोयला माइनिंग समाप्त होने से आ रही परेशानी के समाधान की मांग की. इसका राजस्थान के 4340 मेगावाट उत्पादन क्षमता की कोयला आधारित इकाइयों पर प्रभाव पड़ेगा.