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जयपुर: ऊर्जा मंत्री ने लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र, जानिए क्यों...

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Published : Aug 4, 2020, 5:47 PM IST

जयपुर में ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी. डी. कल्ला ने केंद्रीय ऊर्जा व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर. के. सिंह को पत्र लिखा है. साथ ही राजस्थान में कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों को सोलर प्रोजेक्ट्स के इंस्टालेशन के लिए बैंकों से लोन दिलाने के लिए इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है.

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ऊर्जा मंत्री ने लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र, जानिए क्यों...

जयपुर. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी. डी. कल्ला ने केंद्रीय ऊर्जा व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार आर. के. सिंह को पत्र लिखा है. जिसमें राजस्थान में कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों को सोलर प्रोजेक्ट्स के इंस्टालेशनन के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लोन दिलाने के मामले में दखल देने का आग्रह किया है. उन्होंने प्रदेश में इस योजना में सफल किसानों को लोन लेने में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों की ओर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया है.

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साथ ही इस सबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से बैंकों या वित्तीय संस्थानों को आवश्यक गाइडलाइंस जारी कर निर्देश देने को कहा है. कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार के विशेष प्रयासों के कारण कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए के प्रथम फेज में पूरे प्रदेश में किसानों ने सोलर प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए बढ़-चढ़कर रुचि दिखाई है. राज्य सरकार की ओर से प्रथम चरण में 623 सफल किसानों के साथ 722 मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस प्रकार राजस्थान पूरे देश में ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां पर किसानों के साथ अधिकतम क्षमता के सोलर प्लांट्स के लिए करार हुए है.

ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में अवगत कराया है कि एक मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना के लिए 3.5 करोड़ से लेकर 4 करोड़ रुपये की लागत आती है. ऐसे में प्रदेश के कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों को अफोर्डेबल ब्याज दरों और बिना सिक्योरिटी के लोन देने के लिए ज्यादातर बैंकों व वित्तीय संस्थानों की ओर से मना किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसान लोन के लिए सिक्योरिटी जमा कराने की स्थिति में नहीं है.

पढ़ें: बागी विधायक पहले खट्टर सरकार की आवभगत छोड़ें, फिर होगी वापसी की बात : सुरजेवाला

डॉ. कल्ला ने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश के किसानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अन्य प्रदेश में भी कुसुम योजना के इस कम्पोनेंट के तहत सफल किसानों को भी निश्चित तौर पर ऐसी ही कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा होगा. ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को दखल देते हुए इस मुद्दे पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर पर विमर्श करने का आग्रह किया गया.

साथ ही वहां से रिजर्व बैंक के जरिए बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों, नाबार्ड, पॉवर फाईनेंस कॉरपोरेशन और आरईसी-रूरल इलैक्टि्रफिकेशन कॉरपोरेशन आदि को गाइडलाइंस व आवश्यक निर्देश जारी कराने का आग्रह किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के दखल के बाद इस मुद्दे में प्रदेश के किसानों के हित में सकारात्मक और वांछित कार्रवाई होगी. इससे राजस्थान में कुसुम योजना के इस घटक को धरातल पर लागू करने में आसानी होगी.

जयपुर. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी. डी. कल्ला ने केंद्रीय ऊर्जा व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार आर. के. सिंह को पत्र लिखा है. जिसमें राजस्थान में कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों को सोलर प्रोजेक्ट्स के इंस्टालेशनन के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लोन दिलाने के मामले में दखल देने का आग्रह किया है. उन्होंने प्रदेश में इस योजना में सफल किसानों को लोन लेने में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों की ओर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया है.

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साथ ही इस सबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से बैंकों या वित्तीय संस्थानों को आवश्यक गाइडलाइंस जारी कर निर्देश देने को कहा है. कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार के विशेष प्रयासों के कारण कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए के प्रथम फेज में पूरे प्रदेश में किसानों ने सोलर प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए बढ़-चढ़कर रुचि दिखाई है. राज्य सरकार की ओर से प्रथम चरण में 623 सफल किसानों के साथ 722 मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस प्रकार राजस्थान पूरे देश में ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां पर किसानों के साथ अधिकतम क्षमता के सोलर प्लांट्स के लिए करार हुए है.

ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में अवगत कराया है कि एक मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना के लिए 3.5 करोड़ से लेकर 4 करोड़ रुपये की लागत आती है. ऐसे में प्रदेश के कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों को अफोर्डेबल ब्याज दरों और बिना सिक्योरिटी के लोन देने के लिए ज्यादातर बैंकों व वित्तीय संस्थानों की ओर से मना किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसान लोन के लिए सिक्योरिटी जमा कराने की स्थिति में नहीं है.

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डॉ. कल्ला ने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश के किसानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अन्य प्रदेश में भी कुसुम योजना के इस कम्पोनेंट के तहत सफल किसानों को भी निश्चित तौर पर ऐसी ही कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा होगा. ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को दखल देते हुए इस मुद्दे पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर पर विमर्श करने का आग्रह किया गया.

साथ ही वहां से रिजर्व बैंक के जरिए बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों, नाबार्ड, पॉवर फाईनेंस कॉरपोरेशन और आरईसी-रूरल इलैक्टि्रफिकेशन कॉरपोरेशन आदि को गाइडलाइंस व आवश्यक निर्देश जारी कराने का आग्रह किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के दखल के बाद इस मुद्दे में प्रदेश के किसानों के हित में सकारात्मक और वांछित कार्रवाई होगी. इससे राजस्थान में कुसुम योजना के इस घटक को धरातल पर लागू करने में आसानी होगी.

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