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हाईकोर्ट की लताड़ के बाद जागा निगम, मोती डूंगरी मंदिर के आसपास से हटाया गया अतिक्रमण

राजस्थान उच्च न्यायालय की लताड़ के बाद बुधवार को जयपुर नगर निगम की ओर से मोती डूंगरी मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाया गया. साथ ही यहां निगम ने क्षेत्र में लगे अवैध थड़ी ठेलों को हटाने की कार्रवाई की है. इस दौरान कुछ थड़ी संचालकों ने निगम से मिली रेंट रसीद को दिखाकर सालाना स्वीकृति होने का दावा करते हुए, कार्रवाई का विरोध भी किया है.

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Published : Jan 8, 2020, 7:12 PM IST

जयपुर. नगर निगम की विजिलेंस टीम ने बुधवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है. दरअसल, मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में मोतीडूंगरी मंदिर के पास हो रहे अतिक्रमण मामले पर सुनवाई हुई थी. इस दौरान नगर निगम की कार्यप्रणाली पर कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा था कि जब अतिक्रमण हटाने तक के मामले उच्च न्यायालय आ रहे हैं, तो फिर नगर निगम की आवश्यकता क्या है.

मोती डूंगरी मंदिर के आसपास से हटाया गया अतिक्रमण

इस दौरान निगम ने अतिक्रमण की पहचान करने से लेकर पुनर्वास के लिए कमेटी गठित होने की जानकारी दी और 1 महीने का समय भी मांगा. वहीं बुधवार से क्षेत्र में हो रहे अवैध अतिक्रमण और थड़ी ठेलों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू की गई है. हालांकि क्षेत्रीय थड़ी ठेले संचालकों ने निगम प्रशासन को दिए गए साल भर के रेंट की रसीद दिखाकर इस कार्रवाई का विरोध किया है.

पढ़ेंः Special: 74 साल की हुई Rajasthan University, लेकिन धीरे-धीरे खोती जा रही है अपनी साख

वहीं इस संबंध में विजिलेंस टीम के नवनीत भारद्वाज ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नोन वेंडिंग जोन में किए गए अतिक्रमण हो हटाया गया है. उन्होंने साफ किया कि यहां किसी भी थड़ी ठेले संचालक के पास निगम प्रशासन से कोई अनुमति नहीं है.

बहरहाल, राजस्थान हाईकोर्ट में अब 10 फरवरी को सुनवाई होगी. इससे पहले-पहले निगम को यहां होने वाले अतिक्रमण को पूरी तरह हटाकर, विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करना होगा.

जयपुर. नगर निगम की विजिलेंस टीम ने बुधवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है. दरअसल, मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में मोतीडूंगरी मंदिर के पास हो रहे अतिक्रमण मामले पर सुनवाई हुई थी. इस दौरान नगर निगम की कार्यप्रणाली पर कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा था कि जब अतिक्रमण हटाने तक के मामले उच्च न्यायालय आ रहे हैं, तो फिर नगर निगम की आवश्यकता क्या है.

मोती डूंगरी मंदिर के आसपास से हटाया गया अतिक्रमण

इस दौरान निगम ने अतिक्रमण की पहचान करने से लेकर पुनर्वास के लिए कमेटी गठित होने की जानकारी दी और 1 महीने का समय भी मांगा. वहीं बुधवार से क्षेत्र में हो रहे अवैध अतिक्रमण और थड़ी ठेलों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू की गई है. हालांकि क्षेत्रीय थड़ी ठेले संचालकों ने निगम प्रशासन को दिए गए साल भर के रेंट की रसीद दिखाकर इस कार्रवाई का विरोध किया है.

पढ़ेंः Special: 74 साल की हुई Rajasthan University, लेकिन धीरे-धीरे खोती जा रही है अपनी साख

वहीं इस संबंध में विजिलेंस टीम के नवनीत भारद्वाज ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नोन वेंडिंग जोन में किए गए अतिक्रमण हो हटाया गया है. उन्होंने साफ किया कि यहां किसी भी थड़ी ठेले संचालक के पास निगम प्रशासन से कोई अनुमति नहीं है.

बहरहाल, राजस्थान हाईकोर्ट में अब 10 फरवरी को सुनवाई होगी. इससे पहले-पहले निगम को यहां होने वाले अतिक्रमण को पूरी तरह हटाकर, विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करना होगा.

Intro:जयपुर - राजस्थान उच्च न्यायालय की लताड़ के बाद आज जयपुर नगर निगम की ओर से मोती डूंगरी मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाया। यहां निगम ने क्षेत्र में लगे अवैध थड़ी ठेलों को हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान कुछ थड़ी संचालकों ने निगम से मिली रेंट रसीद को दिखाकर सालाना स्वीकृति होने का दावा करते हुए, कार्रवाई का विरोध भी किया।


Body:जयपुर नगर निगम की विजिलेंस टीम ने बुधवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। दरअसल, मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में मोतीडूंगरी मंदिर के पास हो रहे अतिक्रमण मामले पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान नगर निगम की कार्यप्रणाली पर कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा था कि जब अतिक्रमण हटाने तक के मामले उच्च न्यायालय आ रहे हैं, तो फिर नगर निगम की आवश्यकता क्या है। इस दौरान निगम ने अतिक्रमण की पहचान करने से लेकर पुनर्वास के लिए कमेटी गठित होने की जानकारी दी। और 1 महीने का समय भी मांगा। वहीं आज से क्षेत्र में हो रहे अवैध अतिक्रमण और थड़ी ठेलों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू की गई। हालांकि क्षेत्रीय थड़ी ठेले संचालकों ने निगम प्रशासन को दिए गए साल भर के रेंट की रसीद दिखाकर इस कार्रवाई का विरोध किया।
बाईट - रूप नारायण, थड़ी संचालक

वहीं इस संबंध में विजिलेंस टीम के नवनीत भारद्वाज ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नोन वेंडिंग जोन में किए गए अतिक्रमण हो हटाया गया है। उन्होंने साफ किया कि यहां किसी भी थड़ी ठेले संचालक के पास निगम प्रशासन से कोई अनुमति नहीं है।
बाईट - नवनीत भारद्वाज, सब इंस्पेक्टर


Conclusion:बहरहाल, राजस्थान हाईकोर्ट में अब 10 फरवरी को सुनवाई होगी। इससे पहले-पहले निगम को यहां होने वाले अतिक्रमण को पूरी तरह हटाकर, विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करना होगा।
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