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जयपुर: मुख्य सचिव ने दिखाई नाराजगी, प्रशासनिक सुधार विभाग ने परिपत्र जारी कर दी हिदायत-मनचाही जगह पर पोस्टिंग करने लिए नहीं निकाले अनुचित रास्ते - मुख्य सचिव राजस्थान

राज्य में डेडलाइन खत्म होने के बाद भी अधिकारियों-कर्मचारियों को मनचाही जगह पर पोस्टिंग देने के मामले में मुख्य सचिव निरंजन आर्य सख्त हो गए हैं. मुख्य सचिव के निर्देश के बाद राज्य के प्रशासनिक विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों को तबादला नहीं करने की सख्त हिदायत दी है. परिपत्र में साफ तौर पर लिखा है कि एपीओ करने के नाम पर अफसरों को मनचाही पोस्टिंग दी जा रही है.

Chief Secretary Rajasthan, Rajasthan news
सचिवालय
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Published : Oct 16, 2021, 5:09 PM IST

जयपुर. प्रदेश में रोक लगने के बावजूद कर्मचारी और अधिकारियों के धड़ल्ले से हो रहे तबादलों पर प्रशासनिक सुधार विभाग (ARD) ने परिपत्र जारी कर नाराजगी जताई है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य के आदेश से जारी प्रशासनिक सुधार विभाग के परिपत्र में कहा गया है कि मनचाही पोस्टिंग के लिए अनुचित रास्ते निकाले जा रहे हैं, वो नहीं चलेंगे.

पढ़ें- जयपुर में पर्यटन व्यवसाय को लगेंगे पंख, सीएम गहलोत 11 करोड़ की वानिकी परियोजना को जनता को सुपुर्द करेंगे

नाराजगी वाले परिपत्र में प्रशासनिक सुधार विभाग से कहा कि मनचाही जगह पर पोस्टिंग करने लिए अनुचित रास्ते नहीं निकाले जाए. प्रशासनिक सुधार विभाग ने मुख्य सचिव के आदेश से परिपत्र जारी करते हुए तबादलों पर रोक संबंधी नियमों की पालना के निर्देश दिए हैं. इसमें खास तौर पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को एपीओ करके फिर मनचाही जगह पर पोस्टिंग करने को अनुचित बताया है.

मुख्य सचिव के आदेश से जारी हुआ परिपत्र

दरअसल, लगातार मिल रही शिकायतों के बीच प्रशासनिक सुधार विभाग इस पूरे मामले को मुख्य सचिव के समक्ष भी रखा. जिस पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य के आदेश से एआरडी ने परिपत्र जारी करते हुए सभी विभागों के एचओडी को इसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ें. गहलोत सरकार की प्रशासनिक सर्जरी: 39 IPS और 18 IAS अधिकारियों का तबादला, नीरज के पवन को भेजा बीकानेर

परिपत्र में इन बातों का किया उल्लेख

परिपत्र में बताया है कि 30 सितंबर तक विभागों में तबादलों की छूट थी लेकिन कुछ विभाग इस अवधि के बाद भी तबादले कर रहे हैं. कुछ विभाग अवधि समाप्त होने के बाद भी तबादला आदेश जारी करके प्रशासनिक सुधार विभाग को भिजवा रहे हैं. जबकि कुछ विभागों की ओर से प्रस्ताव अनुमोदन के बिना ही तबादले आदेश जारी कर दिए जाते हैं.

परिपत्र में कहा गया है कि तबादलों पर रोक की अवधि में विभाग को किसी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला करना अति आवश्यक हो तो उस अति आवश्यक परिस्थिति को बताते हुए प्रशासनिक सुधार विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा. उसके अनुमोदन के बाद ही तबादला आदेश जारी करना होगा. परिपत्र में यह भी साफ तौर पर लिखा है कि कुछ विभाग अधिकारियों या कर्मचारियों को एपीओ कर देते हैं और उसके बाद उनकी इच्छित जगह पोस्टिंग कर दी जाती है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

जयपुर. प्रदेश में रोक लगने के बावजूद कर्मचारी और अधिकारियों के धड़ल्ले से हो रहे तबादलों पर प्रशासनिक सुधार विभाग (ARD) ने परिपत्र जारी कर नाराजगी जताई है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य के आदेश से जारी प्रशासनिक सुधार विभाग के परिपत्र में कहा गया है कि मनचाही पोस्टिंग के लिए अनुचित रास्ते निकाले जा रहे हैं, वो नहीं चलेंगे.

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नाराजगी वाले परिपत्र में प्रशासनिक सुधार विभाग से कहा कि मनचाही जगह पर पोस्टिंग करने लिए अनुचित रास्ते नहीं निकाले जाए. प्रशासनिक सुधार विभाग ने मुख्य सचिव के आदेश से परिपत्र जारी करते हुए तबादलों पर रोक संबंधी नियमों की पालना के निर्देश दिए हैं. इसमें खास तौर पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को एपीओ करके फिर मनचाही जगह पर पोस्टिंग करने को अनुचित बताया है.

मुख्य सचिव के आदेश से जारी हुआ परिपत्र

दरअसल, लगातार मिल रही शिकायतों के बीच प्रशासनिक सुधार विभाग इस पूरे मामले को मुख्य सचिव के समक्ष भी रखा. जिस पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य के आदेश से एआरडी ने परिपत्र जारी करते हुए सभी विभागों के एचओडी को इसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

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परिपत्र में इन बातों का किया उल्लेख

परिपत्र में बताया है कि 30 सितंबर तक विभागों में तबादलों की छूट थी लेकिन कुछ विभाग इस अवधि के बाद भी तबादले कर रहे हैं. कुछ विभाग अवधि समाप्त होने के बाद भी तबादला आदेश जारी करके प्रशासनिक सुधार विभाग को भिजवा रहे हैं. जबकि कुछ विभागों की ओर से प्रस्ताव अनुमोदन के बिना ही तबादले आदेश जारी कर दिए जाते हैं.

परिपत्र में कहा गया है कि तबादलों पर रोक की अवधि में विभाग को किसी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला करना अति आवश्यक हो तो उस अति आवश्यक परिस्थिति को बताते हुए प्रशासनिक सुधार विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा. उसके अनुमोदन के बाद ही तबादला आदेश जारी करना होगा. परिपत्र में यह भी साफ तौर पर लिखा है कि कुछ विभाग अधिकारियों या कर्मचारियों को एपीओ कर देते हैं और उसके बाद उनकी इच्छित जगह पोस्टिंग कर दी जाती है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

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