जयपुर. राजधानी जयपुर में वन विभाग की ओर से हाथियों की जांच के लिए हाथी गांव में 2 दिवसीय मेडिकल चेकअप कैंप लगाया गया है. मेडिकल चेकअप कैंप (Medical check up camp for elephants in Jaipur) में कोरोना जांच के साथ ही अन्य स्वास्थ्य परीक्षण भी किए जा रहे हैं.
हाथी गांव में हाथियों के ब्लड सैंपल लिए गए हैं. स्वास्थ्य परीक्षण होने के बाद हाथियों को फिट और अनफिट होने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की टीम हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया है.
वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर, डॉक्टर अशोक तंवर और नीरज शुक्ला के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने सभी हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इसके साथ ही हाथी मालिकों को हाथियों की देखरेख संबंधित ट्रेनिंग भी दी गई, ताकि हाथियों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सके.
स्वास्थ्य परीक्षण में हाथियों में टीबी, त्वचा में संक्रमण, पेट में कीड़ों की समस्या का भी परीक्षण किया जा रहा है. हाथियों की पहचान के लिए उनमें डिजिटल आईडेंटिफिकेशन की माइक्रोचिप लगाई हुई है. ऐसे में सभी हाथियों की पहचान के लिए पहले उनके माइक्रोचिप्ड से पुष्टि की जाती है. सभी हाथियों के सैंपल पशु चिकित्सालय जयपुर भेजे जा रहे हैं. परीक्षण में हाथियों की आंखों की जांच, पैरों की जांच, स्कीन की जांच और शरीर के घावों की भी जांच की गई है.
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जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौनसे हाथी को क्या प्रॉब्लम है. अगर किसी हाथी को कोई प्रॉब्लम है तो उसका इलाज किया जाएगा. हाथियों के लिए कई दवाइयां निशुल्क दी गई हैं. हाथियों के स्वास्थ्य परीक्षण में स्वस्थ पाए जाने पर फिट होने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा और अगर कोई प्रॉब्लम आती है तो उसको अनफिट होने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
वन विभाग की ओर से हाथी मालिकों और महावतों को हाथियों की देखभाल और उनके स्वास्थ्य को मेंटेन रखने संबंधित जानकारियां दी गई हैं. इसके साथ ही हाथियों के खानपान, दिनचर्या और नहलाने के बारे में भी बताया गया है. इसके साथ ही हाथियों के बीमार होने पर उनकी पहचान करने के तरीके भी सिखाये गए. मौसम परिवर्तन के साथ हाथियों को विशेष खानपान देने संबंधित जानकारियां भी दी गईं. वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से साल में दो बार हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है.