जयपुर. रेलवे की ओर से उत्तर पश्चिम रेलवे में पिछले कुछ समय से रेलवे ट्रैक पर बिजली के तार बिछाने का काम किया जा रहा है. जयपुर रेल मंडल के अधीन रेल लाइनों का विद्युतीकरण शीघ्र ही पूरा हो जाएगा. मंडल के अधीन मुख्य रेलमार्ग पहले ही विद्युतीकरण हो चुके हैं. साथ ही इन पर बिजली के इंजन से गाड़ियों का संचालन भी किया जा रहा है.
वर्तमान में रेवाड़ी- जयपुर - मदार रेलखंड जो कि दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख रेल मार्ग पर स्थित है. इस खंड का भी विद्युतीकरण पूरा किया जा चुका है. साथ ही रेलवे को इस मार्ग पर बिजली के इंजन से ट्रेन चलाने पर प्रति फेरा 40,000 से 50,000 की बचत भी हो रही है. साथ ही रेलवे पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे रहा है. इस मार्ग के 82 किलोमीटर लंबे रेवाड़ी अलवर रेल खंड पर 79.82 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण का कार्य 2016 में ही पूरा किया जा चुका था. वहीं बचे हुए 278 किलोमीटर लंबे अलवर जयपुर मदार रेलखंड का कार्य जुलाई 2020 में पूरा किया जा चुका है.
जयपुर मंडल पर रेवाड़ी फुलेरा वाया रींगस माल गाड़ियों के यातायात की दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल मार्ग भी है. इस रेल मार्ग का भी पूरा का पूरा विद्युतीकरण हो चुका है. साथ ही माल गाड़ियों का नियमित संचालन भी किया जा रहा है. जयपुर सवाई माधोपुर रेल लाइन का विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है. आयुक्त रेल संरक्षण ने ट्रेन चलाने की अनुमति भी उत्तर पश्चिम रेलवे को दे दी है.
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वहीं, जयपुर, सीकर और सीकर लोहारू रेल मार्ग से जयपुर रींगस रेल खंड पर भी विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है. साथ ही आयुक्त आयुक्त रेल संरक्षा द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद रेल संचालन की अनुमति दी गई है. वहीं सवाई माधोपुर रेलखंड पर भी विद्युतीकरण का कार्य रेलवे की ओर से संस्था की ओर से किया गया है और 1 किलोमीटर किया जाएगा. विद्युतीकरण का कार्य 29 अक्टूबर 2022 तक पूरे करने की संभावना है.