जयपुर. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं नहीं बिजली की दरों के रूप में एक नया झटका लगा है. डिस्कॉम की ओर से लगाई गई टैरिफ याचिका को राजस्थान विनियामक आयोग ने हरी झंडी दे दी है. बिजली की दरों में 10 से 11 फ़ीसदी तक इजाफा किया गया है.
हालांकि बढ़ी हुई दरों का भार प्रदेश के आधे बिजली उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा जबकि बीपीएल और आस्था कार्ड धारक उपभोक्ता जो हर माह 50 यूनिट तक खर्च करते है उन्हें भी इन बड़ी हुई दरों से अलग रखा गया है. बढ़ी हुई बिजली की दरों से डिस्कॉम को प्रत्येक माह करीब 400 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राजस्व वसूली होने की संभावना है. प्रदेश में बिजली की टैरिफ में 3 साल 5 माह के बाद बढ़ोतरी की गई है. इसके पहले 22 सितंबर 2016 को टैरिफ में बढ़ोतरी की गई थी. बिजली की बढ़ी हुई दरें 1 फरवरी से प्रभावी मानी जाएगी.
उद्योगों को मिली राहत-
बिजली की नई टैरिफ में उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है. उद्योगों के लिए बिजली के दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया बल्कि उन्हें रिबेट दी गई है. विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्रीमत पांडे के अनुसार प्रदेश की 1 लाख 75 हजार इंडस्ट्रीज को यह रिपोर्ट दी गई है उन्हें रात में उपभोग पर 15 पर्सेंट की रिबेट है जबकि दिन में पीक अवर्स के दौरान अतिरिक्त बिजली लेने पर कोई अतिरिक्त सरचार्ज भी इंडस्ट्री पर नहीं लगेगा.
पांडे के अनुसार मौजूदा एमआईपी एचडी और एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए क्रमशः 55 पैसे प्रति यूनिट और 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई है . इसी तरह नई इंडस्ट्रीज को भी टैरिफ में कई छूट दी गई है. हालांकि उद्योगों के लिए नई टैरिफ में फिक्स्ड चार्ज बढ़ाया गया है.
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग और रेलवे को दी गई छूट
श्रीमत पांडे के अनुसार नई टैरिफ में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए नई श्रेणी बनाई गई है. जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन को काफी राहत मिलेगी. इन्हें अन्य श्रेणियों के उपभोक्ता अपने वाहनों को अपने मौजूदा कनेक्शन पर इलेक्ट्रिक चार्ज कर सकते हैं और उन्हें इसके लिए अलग से कनेक्शन लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
वहीं बिजली से चलने वाली रेल के लिए भी नई टैरिफ में विशेष प्रावधान किया गया है. प्रदेश में बनने वाले कोरिडोर को देखते हुए 5 रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली देना तय किया गया है वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशंस के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है.
बीपीएल और आस्था कार्ड धारकों को राहत
प्रदेश में लगभग 16 लाख बीपीएल और आस्था कार्ड धारक को राहत प्रदान करने के लिए जिन की खपत 50 यूनिट प्रतिमाह तक है उनकी ऊर्जा खपत और स्थाई शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. वहीं लघु घरेलू, छोटे अघरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी ऊर्जा शुल्क में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.
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देय तिथि से पहले भुगतान पर मिलेगी छूट
इसके अलावा नए टैरिफ में आयोग ने प्रीपेड मीटरिंग पर भी छूट दी है. तो वहीं टेलीस्कोपिक सरंचना को समाप्त करने के डिस्कॉम के प्रस्ताव को भी सिरे से खारिज कर दिया. ताकि आम बिजली उपभोक्ताओं को टैरिफ शॉक से बचाया जा सके. श्रीमत पांडे के अनुसार यदि बिजली की देय तिथि से 7 दिन पहले उपभोक्ता बिल का भुगतान कर देता है तो अगले बिजली के बिल में ऊर्जा और स्थाई शुल्क पर 0.15% की छूट उसे प्रदान की जाएगी और यदि बिल की तिथि से 10 दिनों पहले भुगतान प्राप्त होता है तो यह छूट 0.35% की होगी.
कृषि उपभोक्ताओं का भार वहन करेगी सरकार
वहीं टैरिफ में कृषि उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में भी बढ़ोतरी की गई है. सामान्य ब्लॉक्स में दी जाने वाली बिजली की सप्लाई के लिए 80 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा हुआ है. हालांकि कृषि उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले इस भार को सब्सिडी के जरिए प्रदेश सरकार वहन करेगी.