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पंचायत चुनाव के बाद कभी भी लग सकता है आम उपभोक्ताओं को बढ़े हुए विद्युत दर का झटका

प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद कभी भी विद्युत दरें बढ़ सकती है. इसको लेकर सरकार का कहना है कि नियामक आयोग एक स्वतंत्र आयोग है और आयोग जो निर्णय लेगा वह सरकार को मंजूर होगा.

राजस्थान में बढ़ सकती है विद्युत दरें, Jaipur News
मंत्री बीडी कल्ला
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Published : Jan 6, 2020, 5:48 PM IST

जयपुर. प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को पंचायत चुनाव के बाद बढ़ी हुई विद्युत दरों का झटका लग सकता है. इसके लिए अब हर किसी की नजर नियामक आयोग पर है कि वह कितनी विद्युत दरें बढ़ाता है. सरकार ने भी यह साफ कर दिया है कि नियामक आयोग एक स्वतंत्र आयोग है. प्रदेश सरकार का कहना है कि आयोग की जो भी रिपोर्ट आएगी वह मान्य होगी.

राजस्थान में बढ़ सकती है विद्युत दरें

हालांकि, प्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है कि सरकार बढ़ी हुई बिजली दरों के बाद 23 हजार करोड़ रुपए अनुदान के तौर पर विद्युत विभाग को देगी, जिससे कि किसानों की विद्युत दरों में इजाफा ना हो. तो वहीं किसानों के लिए राजस्थान का विद्युत विभाग अलग से एग्रीकल्चर फीडर अभी स्थापित करने जा रहा है.

एग्रीकल्चर फीडर का काम आगामी 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा. बता दें कि दिन में सभी किसानों को बिजली मिल सके इसके लिए सरकार की ओर से अलग से एग्रीकल्चर फीडर बनाया जा रहा है. वहीं,इससे केवल किसानों को ही बिजली मिलेगी.

पढ़ें- पाली के कपड़ा उद्योग की परीक्षा, प्रदेश के 60 अधिकारियों ने डाला डेरा

दरअसल, किसानों की लंबे समय से मांग है कि उन्हें रात की वजह दिन में बिजली दी जाए. किसान को 20 दिन तो दिन में बिजली सरकार की ओर से दी जा रही है. लेकिन अब भी एक ब्लॉक ऐसा है जिसे रात को ही बिजली मिलती है. जिससे कि हर किसान को करीब 10 दिन तो रात के समय ही बिजली मिलती है.

वहीं, राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि आगामी 3 सालों में सौर ऊर्जा के तहत 6 हजार मेगा वाट विद्युत का उत्पादन किया जाए. तो वहीं इसे साल 2025 तक 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा तक ले जाया जाए ताकि विद्युत संकट से किसी को जूझना नहीं पड़े.

जयपुर. प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को पंचायत चुनाव के बाद बढ़ी हुई विद्युत दरों का झटका लग सकता है. इसके लिए अब हर किसी की नजर नियामक आयोग पर है कि वह कितनी विद्युत दरें बढ़ाता है. सरकार ने भी यह साफ कर दिया है कि नियामक आयोग एक स्वतंत्र आयोग है. प्रदेश सरकार का कहना है कि आयोग की जो भी रिपोर्ट आएगी वह मान्य होगी.

राजस्थान में बढ़ सकती है विद्युत दरें

हालांकि, प्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है कि सरकार बढ़ी हुई बिजली दरों के बाद 23 हजार करोड़ रुपए अनुदान के तौर पर विद्युत विभाग को देगी, जिससे कि किसानों की विद्युत दरों में इजाफा ना हो. तो वहीं किसानों के लिए राजस्थान का विद्युत विभाग अलग से एग्रीकल्चर फीडर अभी स्थापित करने जा रहा है.

एग्रीकल्चर फीडर का काम आगामी 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा. बता दें कि दिन में सभी किसानों को बिजली मिल सके इसके लिए सरकार की ओर से अलग से एग्रीकल्चर फीडर बनाया जा रहा है. वहीं,इससे केवल किसानों को ही बिजली मिलेगी.

पढ़ें- पाली के कपड़ा उद्योग की परीक्षा, प्रदेश के 60 अधिकारियों ने डाला डेरा

दरअसल, किसानों की लंबे समय से मांग है कि उन्हें रात की वजह दिन में बिजली दी जाए. किसान को 20 दिन तो दिन में बिजली सरकार की ओर से दी जा रही है. लेकिन अब भी एक ब्लॉक ऐसा है जिसे रात को ही बिजली मिलती है. जिससे कि हर किसान को करीब 10 दिन तो रात के समय ही बिजली मिलती है.

वहीं, राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि आगामी 3 सालों में सौर ऊर्जा के तहत 6 हजार मेगा वाट विद्युत का उत्पादन किया जाए. तो वहीं इसे साल 2025 तक 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा तक ले जाया जाए ताकि विद्युत संकट से किसी को जूझना नहीं पड़े.

Intro:पंचायत चुनाव के बाद कभी भी बढ़ सकते हैं बिजली के दाम मंत्री बोले नियामक आयोग स्वतंत्र जो निर्णय लेगा वह सरकार को होगा मंजूर हालांकि किसानों के लिए नहीं बढ़ेगी दरें सरकार का लक्ष्य किसानों के लिए आगामी 3 सालों में बने एग्रीकल्चर फील्ड ताकि दिन में मिल सके किसानों को पर्याप्त बिजली 3 सालों में सौर ऊर्जा से करेंगे 6000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन


Body:राजस्थान में विद्युत उपभोक्ताओं को संभवत पंचायत चुनाव के बाद बढ़ी हुई विद्युत दरों का झटका लग सकता है इसके लिए अब हर किसी की नजर नियामक आयोग पर है कि वह कितनी विद्युत दरें बढ़ाता है सरकार ने भी अब यह साफ कर दिया है कि नियामक आयोग एक स्वतंत्र आयोग है उसकी जो भी रिपोर्ट आएगी वह मान्य होगी हालांकि प्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है कि सरकार बड़ी हुई बिजली दरों के बाद 23000 करोड रुपए अनुदान के तौर पर विद्युत विभाग को देगी जिससे कि किसानों की विद्युत दरों में इजाफा ना हो तो वहीं किसानों के लिए राजस्थान का विद्युत विभाग अलग से एग्रीकल्चर फील्ड अभी स्थापित करने जा रहा है जिसका काम आगामी 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा इस डर से केवल किसानों को ही बिजली मिलेगी और दिन में सभी किसानों को बिजली मिल सके इसके लिए सरकार की ओर से अलग से एग्रीकल्चर फीडर बनाया जा रहा है दरअसल किसानों की लंबे समय से मांग है कि उन्हें रात की वजह दिन में बिजली दी जाए लेकिन किसान को 20 दिन तो दिन में बिजली सरकार की ओर से दी जा रही है लेकिन अब भी एक ब्लॉक ऐसा है जिसे रात को ही बिजली मिलती है जिससे कि हर किसान को करीब 10 दिन तो रात के समय ही बिजली मिलती है वहीं राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि आगामी 3 सालों में सौर ऊर्जा के तहत 6000 मेगा वाट विद्युत का उत्पादन किया जाए जिसे साल 2025 तक 20000 मेगावाट सौर ऊर्जा तक ले जाया जाए ताकि विद्युत संकट से किसी को भी नहीं जूझना पड़े
बीडी कल्ला ऊर्जा मंत्री राजस्थान


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