जयपुर. प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को पंचायत चुनाव के बाद बढ़ी हुई विद्युत दरों का झटका लग सकता है. इसके लिए अब हर किसी की नजर नियामक आयोग पर है कि वह कितनी विद्युत दरें बढ़ाता है. सरकार ने भी यह साफ कर दिया है कि नियामक आयोग एक स्वतंत्र आयोग है. प्रदेश सरकार का कहना है कि आयोग की जो भी रिपोर्ट आएगी वह मान्य होगी.
हालांकि, प्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है कि सरकार बढ़ी हुई बिजली दरों के बाद 23 हजार करोड़ रुपए अनुदान के तौर पर विद्युत विभाग को देगी, जिससे कि किसानों की विद्युत दरों में इजाफा ना हो. तो वहीं किसानों के लिए राजस्थान का विद्युत विभाग अलग से एग्रीकल्चर फीडर अभी स्थापित करने जा रहा है.
एग्रीकल्चर फीडर का काम आगामी 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा. बता दें कि दिन में सभी किसानों को बिजली मिल सके इसके लिए सरकार की ओर से अलग से एग्रीकल्चर फीडर बनाया जा रहा है. वहीं,इससे केवल किसानों को ही बिजली मिलेगी.
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दरअसल, किसानों की लंबे समय से मांग है कि उन्हें रात की वजह दिन में बिजली दी जाए. किसान को 20 दिन तो दिन में बिजली सरकार की ओर से दी जा रही है. लेकिन अब भी एक ब्लॉक ऐसा है जिसे रात को ही बिजली मिलती है. जिससे कि हर किसान को करीब 10 दिन तो रात के समय ही बिजली मिलती है.
वहीं, राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि आगामी 3 सालों में सौर ऊर्जा के तहत 6 हजार मेगा वाट विद्युत का उत्पादन किया जाए. तो वहीं इसे साल 2025 तक 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा तक ले जाया जाए ताकि विद्युत संकट से किसी को जूझना नहीं पड़े.