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अपनी सोलर पॉलिसी से मुकरी गहलोत सरकार, रूफटॉप सोलर उपभोक्ताओं से ली जा रही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी - इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी

प्रदेश सरकार अब रूफटॉप सोलर प्लांट लगा बिजली उत्पादित कर रहे उपभोक्ताओं से 60 पैसे प्रति यूनिट की दर से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी वसूली जा रही है. जबकि 2019 में लागू सोलर पॉलिसी में रूफटॉप सोलर प्लांट वाले उपभोक्ताओं को 7 साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट दी गई थी.

Electricity duty charge from rooftop solar users in Rajasthan against Solar policy
अपनी सोलर पॉलिसी से मुकरी गहलोत सरकार, रूफटॉप सोलर उपभोक्ताओं से ली जा रही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी...
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Published : Aug 23, 2022, 7:56 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के बजाय उन उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करने में लगी है जो अपने घर ऑफिस या प्रतिष्ठान की छत पर सोलर पैनल लगा कर स्वयं बिजली उत्पादित कर रहे हैं. स्थिति यह है कि सरकार साल 2019 में घोषित अपनी ही सोलर पॉलिसी में किए गए प्रावधान से मुकर गई और और ऐसे उपभोक्ताओं से भी इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की वसूली कर रही (Electricity duty charge from rooftop solar users) है.

दरअसल दिसंबर 2019 में लागू की गई नई सोलर पॉलिसी में अंकित किया गया था कि ऐसे उपभोक्ताओं को जो स्वयं रूफटॉप सोलर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादित कर रहे हैं. उन्हें सोलर प्लांट संचालन से 7 साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट दी (Promise of no electricity duty in solar policy) जाएगी. लेकिन अब ऐसे उपभोक्ताओं से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के नाम पर 60 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली हो रही है. इसमें रूफटॉप सोलर के अलावा कमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है जो अपने औद्योगिक इकाई के लिए भी स्वयं बिजली का उत्पादन कर रहे हैं.

पढ़ें: सौर ऊर्जा में सिरमौर राजस्थान, लेकिन बिजली उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट पर भी नहीं मिल रही सब्सिडी

पॉलिसी के नाम पर लोगों को क्या आकर्षित दिखा रहे ठेंगा: साल 2019 में सरकार ने सोलर पॉलिसी में जो वादा किया था, उसके बाद कई बिजली उपभोक्ता आकर्षित हुए हैं और उन्होंने सोलर प्लांट भी लगाए हैं. लेकिन अब उनकी जेब पर ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का भार डाल दिया गया है. वहीं डिस्कॉम और ऊर्जा विभाग से जुड़े अधिकारी भी इस मामले से जुड़े सवालों से बचते हैं.

पढ़ें: Rooftop Solar Plant : रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के बावजूद डिस्कॉम दे रहा पूरे बिल, सदन में उठा मामला तो मंत्री ने बताए सुधार के ये तरीके...

इस कारण उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है नुकसान: दरअसल प्रदेश में जब नई सौर ऊर्जा पॉलिसी जारी हुई तो उसमें इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी उपभोक्ताओं को दिए जाने का प्रावधान था. लेकिन सोलर पॉलिसी के अनुरूप उसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई. फिर वित्त विभाग ने भी इसे फिजिबल नहीं माना और पॉलिसी में संशोधन किया. अब कुछ बड़े उपभोक्ता इस मामले में न्यायालय की शरण में भी पहुंच गए जिसके बाद डिस्कॉम और ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं को राहत देने के कोई रास्ता निकालने की योजना बना रहा है. यहां आपको बता दें कि राजस्थान में 770 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट लगे हैं. जबकि 400 मेगावाट क्षमता के औद्योगिक व कमर्शियल उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगा रखे हैं.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के बजाय उन उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करने में लगी है जो अपने घर ऑफिस या प्रतिष्ठान की छत पर सोलर पैनल लगा कर स्वयं बिजली उत्पादित कर रहे हैं. स्थिति यह है कि सरकार साल 2019 में घोषित अपनी ही सोलर पॉलिसी में किए गए प्रावधान से मुकर गई और और ऐसे उपभोक्ताओं से भी इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की वसूली कर रही (Electricity duty charge from rooftop solar users) है.

दरअसल दिसंबर 2019 में लागू की गई नई सोलर पॉलिसी में अंकित किया गया था कि ऐसे उपभोक्ताओं को जो स्वयं रूफटॉप सोलर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादित कर रहे हैं. उन्हें सोलर प्लांट संचालन से 7 साल तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट दी (Promise of no electricity duty in solar policy) जाएगी. लेकिन अब ऐसे उपभोक्ताओं से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के नाम पर 60 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली हो रही है. इसमें रूफटॉप सोलर के अलावा कमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है जो अपने औद्योगिक इकाई के लिए भी स्वयं बिजली का उत्पादन कर रहे हैं.

पढ़ें: सौर ऊर्जा में सिरमौर राजस्थान, लेकिन बिजली उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट पर भी नहीं मिल रही सब्सिडी

पॉलिसी के नाम पर लोगों को क्या आकर्षित दिखा रहे ठेंगा: साल 2019 में सरकार ने सोलर पॉलिसी में जो वादा किया था, उसके बाद कई बिजली उपभोक्ता आकर्षित हुए हैं और उन्होंने सोलर प्लांट भी लगाए हैं. लेकिन अब उनकी जेब पर ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का भार डाल दिया गया है. वहीं डिस्कॉम और ऊर्जा विभाग से जुड़े अधिकारी भी इस मामले से जुड़े सवालों से बचते हैं.

पढ़ें: Rooftop Solar Plant : रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के बावजूद डिस्कॉम दे रहा पूरे बिल, सदन में उठा मामला तो मंत्री ने बताए सुधार के ये तरीके...

इस कारण उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है नुकसान: दरअसल प्रदेश में जब नई सौर ऊर्जा पॉलिसी जारी हुई तो उसमें इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी उपभोक्ताओं को दिए जाने का प्रावधान था. लेकिन सोलर पॉलिसी के अनुरूप उसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई. फिर वित्त विभाग ने भी इसे फिजिबल नहीं माना और पॉलिसी में संशोधन किया. अब कुछ बड़े उपभोक्ता इस मामले में न्यायालय की शरण में भी पहुंच गए जिसके बाद डिस्कॉम और ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं को राहत देने के कोई रास्ता निकालने की योजना बना रहा है. यहां आपको बता दें कि राजस्थान में 770 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट लगे हैं. जबकि 400 मेगावाट क्षमता के औद्योगिक व कमर्शियल उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगा रखे हैं.

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