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Agricultural Electricity Distribution Company : पुराने बजट की कृषि बिजली कंपनी बनाने की घोषणा अधूरी, यह रहे कारण..

राजस्थान की सरकार ने पिछले बजट में कृषि के लिए अलग से बिजली वितरण कंपनी बनाने की घोषणा (Electricity Distribution Company for Agricultural in Rajasthan) की गई थी. हालांकि अब तक इस संबंध में कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है. इसके पीछे कर्मचारियों की भर्ती, अलग तंत्र स्थापित करना और अधिकारियों की लचर कार्यशैली आड़े आ गई. इसे लेकर विपक्ष ने भी सत्तापक्ष पर वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया है.

Agricultural Electricity Distribution Company
कृषि के लिए अलग से बिजली वितरण कंपनी
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Published : Feb 22, 2022, 6:33 PM IST

Updated : Feb 22, 2022, 11:50 PM IST

जयपुर. प्रदेश का नया बजट बुधवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. लेकिन पुराने बजट में घोषित अलग से कृषि बिजली वितरण कंपनी बनाने की घोषणा अब तक कागजों में सिमटी हुई है. यह स्थिति तो तब है जब पहली बार प्रदेश में अलग से नया कृषि बजट (Rajasthan Agriculture Budget 2022) पेश होने वाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब कृषि से जुड़ी पुरानी घोषणाओं पर ही अमल नहीं हो पाया, तो क्या नई घोषणाएं पूरी हो पाएंगी.

दरअसल, पिछले राज्य बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि के लिए अलग से विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणा की थी. ऊर्जा विभाग को बकायदा इसके लिए निर्देश भी दिए कि वे इस पर काम कर कंपनी का गठन करें. लेकिन जिस तत्परता से घोषणा की गई, धरातल पर उसे पूरा करना इतना आसान नहीं था. कई रुकावटें रहीं, जिसके चलते नई कृषि बिजली वितरण कंपनी का गठन नहीं हो पाया. ऊर्जा विभाग पिछले एक साल से इस घोषणा पर कागजों में ही काम कर रहा है, लेकिन धरातल पर अब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका. खुद मुख्यमंत्री इन चुनौतियों का जिक्र कर चुके हैं.

पुराने बजट की कृषि बिजली कंपनी बनाने की घोषणा अधूरी, यह रहे कारण..

पढ़ें: Rajasthan budget 2022 : कृषि विद्युत वितरण कंपनी का खाका तैयार, बिलिंग सब्सिडी कम करने पर रहेगा फोकस

  • नई कृषि बिजली वितरण कंपनी के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाना जरूरी था.
  • नई कंपनी का गठन होता तो उसमें कर्मचारियों की भर्ती भी एक बड़ी चुनौती थी.
  • राजस्थान में बिजली सप्लाई के वर्तमान तंत्र के साथ कृषि उपभोक्ताओं के लिए अलग से समानांतर तंत्र खड़ा करना आसान नहीं था.
  • अलग कृषि कंपनी के लिए अलग से फीडर बनाने के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अलग से भर्ती करनी पड़ती.
  • ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की लचर कार्यशैली भी रही बड़ा कारण.

विपक्ष पुरानी अधूरी घोषणा हो का दे रहा हवाला,नई घोषणाओं पर भरोसा नहीं : उधर विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि प्रदेश सरकार भले ही इस बार नया कृषि बजट ला रही है, लेकिन पुराने बजट में किए गए वादे अब तक अधूरे हैं. इनमें कृषि के लिए नई बिजली कंपनी के गठन की घोषणा तो अधूरी है ही, साथ ही विभिन्न विभागों से जुड़ी कई घोषणाएं अब तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाईं. ऐसे में नए बजट और उसमें होने वाली घोषणाओं के पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट, ऐलान से ज्यादा अमल की दरकार

बुधवार को प्रदेश का नया बजट विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसकी खासियत रहेगी कृषि के लिए अलग से बजट पेश करना. विधानसभा चुनाव में 2 साल का समय शेष है. लिहाजा यह बजट लोकलुभावन तो होगा, लेकिन आम जनता को बजट का फायदा तभी मिल पाएगा जब सरकार धरातल पर भी घोषणाओं को मूर्त रूप देने का काम करे.

जयपुर. प्रदेश का नया बजट बुधवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. लेकिन पुराने बजट में घोषित अलग से कृषि बिजली वितरण कंपनी बनाने की घोषणा अब तक कागजों में सिमटी हुई है. यह स्थिति तो तब है जब पहली बार प्रदेश में अलग से नया कृषि बजट (Rajasthan Agriculture Budget 2022) पेश होने वाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब कृषि से जुड़ी पुरानी घोषणाओं पर ही अमल नहीं हो पाया, तो क्या नई घोषणाएं पूरी हो पाएंगी.

दरअसल, पिछले राज्य बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि के लिए अलग से विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणा की थी. ऊर्जा विभाग को बकायदा इसके लिए निर्देश भी दिए कि वे इस पर काम कर कंपनी का गठन करें. लेकिन जिस तत्परता से घोषणा की गई, धरातल पर उसे पूरा करना इतना आसान नहीं था. कई रुकावटें रहीं, जिसके चलते नई कृषि बिजली वितरण कंपनी का गठन नहीं हो पाया. ऊर्जा विभाग पिछले एक साल से इस घोषणा पर कागजों में ही काम कर रहा है, लेकिन धरातल पर अब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका. खुद मुख्यमंत्री इन चुनौतियों का जिक्र कर चुके हैं.

पुराने बजट की कृषि बिजली कंपनी बनाने की घोषणा अधूरी, यह रहे कारण..

पढ़ें: Rajasthan budget 2022 : कृषि विद्युत वितरण कंपनी का खाका तैयार, बिलिंग सब्सिडी कम करने पर रहेगा फोकस

  • नई कृषि बिजली वितरण कंपनी के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाना जरूरी था.
  • नई कंपनी का गठन होता तो उसमें कर्मचारियों की भर्ती भी एक बड़ी चुनौती थी.
  • राजस्थान में बिजली सप्लाई के वर्तमान तंत्र के साथ कृषि उपभोक्ताओं के लिए अलग से समानांतर तंत्र खड़ा करना आसान नहीं था.
  • अलग कृषि कंपनी के लिए अलग से फीडर बनाने के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अलग से भर्ती करनी पड़ती.
  • ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की लचर कार्यशैली भी रही बड़ा कारण.

विपक्ष पुरानी अधूरी घोषणा हो का दे रहा हवाला,नई घोषणाओं पर भरोसा नहीं : उधर विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि प्रदेश सरकार भले ही इस बार नया कृषि बजट ला रही है, लेकिन पुराने बजट में किए गए वादे अब तक अधूरे हैं. इनमें कृषि के लिए नई बिजली कंपनी के गठन की घोषणा तो अधूरी है ही, साथ ही विभिन्न विभागों से जुड़ी कई घोषणाएं अब तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाईं. ऐसे में नए बजट और उसमें होने वाली घोषणाओं के पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट, ऐलान से ज्यादा अमल की दरकार

बुधवार को प्रदेश का नया बजट विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसकी खासियत रहेगी कृषि के लिए अलग से बजट पेश करना. विधानसभा चुनाव में 2 साल का समय शेष है. लिहाजा यह बजट लोकलुभावन तो होगा, लेकिन आम जनता को बजट का फायदा तभी मिल पाएगा जब सरकार धरातल पर भी घोषणाओं को मूर्त रूप देने का काम करे.

Last Updated : Feb 22, 2022, 11:50 PM IST
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