जयपुर. खरीफ की फसल के लिए भी डिस्कॉम किसानों को विभिन्न शिफ्टों में भरपूर बिजली उपलब्ध करा रहा है. बिजली की खपत कम होने के बाद अब विद्युत उत्पादन निगम प्रदेश में संचालित अपनी उत्पादन इकाइयों को मेंटेनेंस के लिए शटडाउन पर लेगा.
डेढ़ माह पहले थी 12 हजार 350 मेगावाट की मांग जो 7 हजारी पर पहुँची
डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक ए के गुप्ता के अनुसार बरसात से पहले प्रदेश में 12350 मेगावाट बिजली लोड था, यानी कि तब इतनी मांग थी और तब खपत ढाई सौ लाख यूनिट प्रतिदिन थी. बरसात के चलते अब बिजली का लोड भी कम हो गया और खपत भी वर्तमान में 9 हजार मेगावाट है. जबकि कुछ दिनों पहले यह 7 हजार मेगावाट तक पहुंच गया था. जबकि खपत 2 हजार लाख यूनिट प्रतिदिन है.
आम उपभोक्ता, किसान और डिस्कॉम को मिली राहत
गुप्ता के अनुसार सबसे बड़ा बिजली का लोड कृषि के कारण होता है क्योंकि जब बरसात नहीं होती तो खेती के लिए पानी बिजली की मोटर के जरिए ही निकाला जाता है. लेकिन, अब जब बरसात हो गई तो यह लोड कम हो गया है. गुप्ता के अनुसार खरीफ के फसल के लिए भी किसानों को अलग-अलग शिफ्टों में भरपूर बिजली दी जा रही है. गौरतलब है कि मौसम के बदलने से बिजली लोड में 3 से 5 हजार मेगावाट की कमी आयी है. राहत अब आम उपभोक्ता, किसान के साथ-साथ डिस्कॉम को भी राहत मिली है.
उत्पादन निगम इकाई अब लेगी मेंटेनेंस के नाम शटडाउन
गौरतलब है कि इन सब से प्रदेश में बिजली की खपत कम हो गई है, जिसके चलते उत्पादन इकाइयों के मेंटेनेंस का काम भी शुरू होगा और मांग को देखते हुए कुछ इकाइयों को मेंटेनेंस के दौरान शट डाउन रखा जाएगा.