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जयपुर : इलेक्ट्रिक बसों के चलने से पहले इसकी सालाना खर्च पर फंसा पेच...जानिये पूरा मामला

राजधानी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों के चलने से पहले इसके सालाना खर्च पर पेच फंस गया है. जेसीटीएसएल के बेड़े में 100 इलेक्ट्रिक बस जोड़ने से पहले इससे पड़ने वाले 36 करोड़ के वित्तीय भार पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है.

राजस्थान हिंदी न्यूज , राजस्थान में इलेक्ट्रिक बसें,  electric buses in rajasthan
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Published : Oct 11, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 7:26 PM IST

जयपुर: राजधानी जयपुर में इसी वित्तीय वर्ष 100 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारी पूरी कर ली गई है. हालांकि, इन बसों पर डीजल बसों से भी ज्यादा खर्च होगा. दरअसल, जेसीटीएसएल डीजल बसों के संचालन के लिए निजी फर्म को 20 रुपए प्रति किलोमीटर दे रहा है. जबकि इलेक्ट्रिक बस के लिए 66 रुपए प्रति किलोमीटर देना होगा.

डीजल बसों से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों पर होगा खर्चा

ऐसे में वित्त विभाग ने इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. जबकि जेसीटीएसएल का तर्क है कि कंपनी से एग्रीमेंट करने से पहले संचालन खर्च की जानकारी देकर सरकार से अनुमति ली गई थी. उसके बाद ही टेंडर जारी किए गए. अब अगर प्रक्रिया रोकी जाती है, तो इसमें नुकसान होगा. जेसीटीएसएल ओएसडी वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि जेसीटीएसएल के बेड़े में इलेक्ट्रिक बस जुड़ेगी. इसके लिए टाइम लाइन बना दी गई है. एक प्रोटोटाइप बस विभाग के पास आ भी गई है. जिसका निरीक्षण किया जा रहा है.

जेसीटीएसएल के स्पेसिफिकेशन के अनुसार बस होने पर उसे पास किया जाएगा। जिसके बाद पहले चरण में 50 बस और दूसरे चरण में 50 बस आएगी. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक शहर में 100 बसें आ जाएंगी और शहर के यात्री इन बसों में सफर करना शुरू कर देंगे. ये सभी एसी बसें होंगी और पर्यावरण के लिए अनुकूल होंगी. उन्होंने ये स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक बस का खर्चा डीजल बस की तुलना में ज्यादा होगा.

यह भी पढ़ें: हेरिटेज नगर निगम में इंदिरा रसोई को किया गया शिफ्ट

बता दें कि बीते दिनों जेसीटीएसएल का अनुदान सालाना 30 करोड़ से बढ़ाकर 43 करोड़ किया गया है. वहीं इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए भी 36 करोड़ सालाना देने पर सहमति बनी. ऐसे में अब सरकार को जेसीटीएसएल को सालाना करीब 80 करोड़ देने होंगे. जिस पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है. जबकि भारत सरकार की फेम 2 स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक बसों को लाया जा रहा है. वहीं खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी केंद्र की ओर से दी जा रही है.

जयपुर: राजधानी जयपुर में इसी वित्तीय वर्ष 100 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारी पूरी कर ली गई है. हालांकि, इन बसों पर डीजल बसों से भी ज्यादा खर्च होगा. दरअसल, जेसीटीएसएल डीजल बसों के संचालन के लिए निजी फर्म को 20 रुपए प्रति किलोमीटर दे रहा है. जबकि इलेक्ट्रिक बस के लिए 66 रुपए प्रति किलोमीटर देना होगा.

डीजल बसों से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों पर होगा खर्चा

ऐसे में वित्त विभाग ने इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. जबकि जेसीटीएसएल का तर्क है कि कंपनी से एग्रीमेंट करने से पहले संचालन खर्च की जानकारी देकर सरकार से अनुमति ली गई थी. उसके बाद ही टेंडर जारी किए गए. अब अगर प्रक्रिया रोकी जाती है, तो इसमें नुकसान होगा. जेसीटीएसएल ओएसडी वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि जेसीटीएसएल के बेड़े में इलेक्ट्रिक बस जुड़ेगी. इसके लिए टाइम लाइन बना दी गई है. एक प्रोटोटाइप बस विभाग के पास आ भी गई है. जिसका निरीक्षण किया जा रहा है.

जेसीटीएसएल के स्पेसिफिकेशन के अनुसार बस होने पर उसे पास किया जाएगा। जिसके बाद पहले चरण में 50 बस और दूसरे चरण में 50 बस आएगी. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक शहर में 100 बसें आ जाएंगी और शहर के यात्री इन बसों में सफर करना शुरू कर देंगे. ये सभी एसी बसें होंगी और पर्यावरण के लिए अनुकूल होंगी. उन्होंने ये स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक बस का खर्चा डीजल बस की तुलना में ज्यादा होगा.

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बता दें कि बीते दिनों जेसीटीएसएल का अनुदान सालाना 30 करोड़ से बढ़ाकर 43 करोड़ किया गया है. वहीं इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए भी 36 करोड़ सालाना देने पर सहमति बनी. ऐसे में अब सरकार को जेसीटीएसएल को सालाना करीब 80 करोड़ देने होंगे. जिस पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है. जबकि भारत सरकार की फेम 2 स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक बसों को लाया जा रहा है. वहीं खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी केंद्र की ओर से दी जा रही है.

Last Updated : Oct 11, 2020, 7:26 PM IST
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