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उपचुनाव का रण: क्षेत्र और स्थानीय समीकरणों के आधार पर बदले चुनावी मुद्दे, राम मंदिर और महाराणा प्रताप बनेंगे राजनीतिक मुद्दे

राजस्थान उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में चुनावी मुद्दे भी बदल रहे हैं. चुनाव में राम मंदिर और महाराणा प्रताप राजनीतिक मुद्दे बन रहे हैं. इसी को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर तीखे प्रहार करेगी.

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उपचुनाव का रण
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Published : Oct 14, 2021, 10:26 PM IST

जयपुर. प्रदेश में वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में समय और परिस्थितियों के साथ राजनीतिक दलों के चुनावी मुद्दे भी बदलते जा रहे हैं. खास बात यह है कि महाराणा प्रताप की धरती मेवाड़ में हो रहे उपचुनाव में राष्ट्रवाद और भगवान राम के नाम की गूंज चुनावी समर में सुनाई दे रही है. कांग्रेस जहां गुलाबचंद कटारिया के पूर्व में आए भगवान नाम और महाराणा प्रताप के विवादित बयान को मुद्दा बनाने में जुटी है तो वहीं भाजपा इसके विपरीत राम मंदिर के निर्माण को भुना रही हैं.

उपचुनाव में प्रदेश सरकार को इन मुद्दों पर भेज रही भाजपा

धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में विपक्ष में बैठी भाजपा यहां केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज के आधार पर वोट मांग रही है. भाजपा नेता अपने चुनावी संबोधन में अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण का जिक्र करना नहीं भूलते. वहीं भाजपा नेताओं के संबोधन में राष्ट्रवाद की झलक भी दिखती है और राजस्थान के वीर महापुरुषों खासकर महाराणा प्रताप का जिक्र भी भाजपा नेताओं के बयान और संबोधन में दिखता है.

उपचुनाव का रण

पढ़ें. मैं राजस्थान में सीएम पद का चेहरा नहीं, सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता: भूपेंद्र यादव

इसके अलावा प्रदेश में बढ़ते अपराध के मामले दलितों पर अत्याचार की घटनाएं किसानों की कर्ज माफी बेरोजगारों को मिलने वाले भत्ते का वादा नियुक्तियों से जुड़ा अब तक अधूरे वादों का जिक्र भी भाजपा नेता अपने बयानों में करके प्रदेश के गहलोत सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं. हाल ही में हुए रीट पेपर लीक मामले को भी इस उपचुनाव में भाजपा मुद्दा बना रही है तो वही इस क्षेत्र की विकास सहित कुछ अन्य प्रमुख समस्याएं भी उठाई जा रही हैं.

कांग्रेस पहले ही कह चुकी कि भगवान राम और महाराणा प्रताप पर दिया बयान बनेगा मुद्दा

कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के पिछले दिनों महाराणा प्रताप और भगवान श्रीराम से जुड़े विवादित बयान को उपचुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह भी साफ कर दिया था कि भाजपा जिस भगवान राम का नाम पर वोट मांगती है उनको लेकर भाजपा के ही नेताओं के बयान पार्टी की संकीर्ण सोच को दर्शाता है.

पढ़ें. आसान नहीं वल्लभनगर का रण: इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर, रोजाना बना रहे रणनीति...जी जान से प्रचार में जुटे उम्मीदवार

वहीं महाराणा प्रताप कि धरती मेवाड़ पर कटारिया के पूर्व में आए विवादित बयान को मुद्दा बनाना तय है और कांग्रेस नेताओं के बयानों में साफ तौर पर इसकी झलक दिखती भी है. बढ़ती महंगाई भी कांग्रेस के लिए एक चुनावी हथियार है क्योंकि रसोई गैस के जिस तरह दाम बढ़ रहे हैं और सब्सिडी बंद कर दी गई है उसकी जिम्मेदारी भी कांग्रेस केंद्र में मोदी सरकार पर डालते हुए उप चुनाव में मुद्दा बना रही है. वहीं कोरोना काल खंड में प्रदेश सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं और अच्छे कार्यों को भी इन चुनाव में आधार बनाया जा रहा है.

भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने डाल रखा है चुनावी क्षेत्र में डेरा

उपचुनाव को दोनों ही राजनीतिक दल बेहद गंभीरता से ले रहे हैं. साल 2023 से पहले इन 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. यही कारण है कि भाजपा के सभी प्रमुख नेताओं ने इस क्षेत्र में अपना डेरा डाल रखा है. कांग्रेस में भी जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है वे क्षेत्र में प्रचार में जुटे हैं. भाजपा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़, सांसद सीपी जोशी, विधायक जोगेश्वर गर्ग यहां कैंप किए हुए हैं तो वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया भी लगातार इन क्षेत्रों के चुनावी दौरे पर हैं.

30 अक्टूबर को मतदान, 2 नवंबर को आएंगे नतीजे

गौरतलब है कि वल्लभनगर और धरियाबाद विधानसभा क्षेत्रों में 30 अक्टूबर को उपचुनाव है. वहीं 2 नवंबर को इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव के परिणाम आएंगे. इसके बाद ही यह साफ हो पाएगा की किस राजनीतिक दल के कौन से मुद्दे इन उपचुनाव में प्रभावी रहे और उसका फायदा संबंधित राजनीतिक दल को मिल पाया.

जयपुर. प्रदेश में वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में समय और परिस्थितियों के साथ राजनीतिक दलों के चुनावी मुद्दे भी बदलते जा रहे हैं. खास बात यह है कि महाराणा प्रताप की धरती मेवाड़ में हो रहे उपचुनाव में राष्ट्रवाद और भगवान राम के नाम की गूंज चुनावी समर में सुनाई दे रही है. कांग्रेस जहां गुलाबचंद कटारिया के पूर्व में आए भगवान नाम और महाराणा प्रताप के विवादित बयान को मुद्दा बनाने में जुटी है तो वहीं भाजपा इसके विपरीत राम मंदिर के निर्माण को भुना रही हैं.

उपचुनाव में प्रदेश सरकार को इन मुद्दों पर भेज रही भाजपा

धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में विपक्ष में बैठी भाजपा यहां केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज के आधार पर वोट मांग रही है. भाजपा नेता अपने चुनावी संबोधन में अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण का जिक्र करना नहीं भूलते. वहीं भाजपा नेताओं के संबोधन में राष्ट्रवाद की झलक भी दिखती है और राजस्थान के वीर महापुरुषों खासकर महाराणा प्रताप का जिक्र भी भाजपा नेताओं के बयान और संबोधन में दिखता है.

उपचुनाव का रण

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इसके अलावा प्रदेश में बढ़ते अपराध के मामले दलितों पर अत्याचार की घटनाएं किसानों की कर्ज माफी बेरोजगारों को मिलने वाले भत्ते का वादा नियुक्तियों से जुड़ा अब तक अधूरे वादों का जिक्र भी भाजपा नेता अपने बयानों में करके प्रदेश के गहलोत सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं. हाल ही में हुए रीट पेपर लीक मामले को भी इस उपचुनाव में भाजपा मुद्दा बना रही है तो वही इस क्षेत्र की विकास सहित कुछ अन्य प्रमुख समस्याएं भी उठाई जा रही हैं.

कांग्रेस पहले ही कह चुकी कि भगवान राम और महाराणा प्रताप पर दिया बयान बनेगा मुद्दा

कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के पिछले दिनों महाराणा प्रताप और भगवान श्रीराम से जुड़े विवादित बयान को उपचुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह भी साफ कर दिया था कि भाजपा जिस भगवान राम का नाम पर वोट मांगती है उनको लेकर भाजपा के ही नेताओं के बयान पार्टी की संकीर्ण सोच को दर्शाता है.

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वहीं महाराणा प्रताप कि धरती मेवाड़ पर कटारिया के पूर्व में आए विवादित बयान को मुद्दा बनाना तय है और कांग्रेस नेताओं के बयानों में साफ तौर पर इसकी झलक दिखती भी है. बढ़ती महंगाई भी कांग्रेस के लिए एक चुनावी हथियार है क्योंकि रसोई गैस के जिस तरह दाम बढ़ रहे हैं और सब्सिडी बंद कर दी गई है उसकी जिम्मेदारी भी कांग्रेस केंद्र में मोदी सरकार पर डालते हुए उप चुनाव में मुद्दा बना रही है. वहीं कोरोना काल खंड में प्रदेश सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं और अच्छे कार्यों को भी इन चुनाव में आधार बनाया जा रहा है.

भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने डाल रखा है चुनावी क्षेत्र में डेरा

उपचुनाव को दोनों ही राजनीतिक दल बेहद गंभीरता से ले रहे हैं. साल 2023 से पहले इन 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. यही कारण है कि भाजपा के सभी प्रमुख नेताओं ने इस क्षेत्र में अपना डेरा डाल रखा है. कांग्रेस में भी जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है वे क्षेत्र में प्रचार में जुटे हैं. भाजपा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़, सांसद सीपी जोशी, विधायक जोगेश्वर गर्ग यहां कैंप किए हुए हैं तो वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया भी लगातार इन क्षेत्रों के चुनावी दौरे पर हैं.

30 अक्टूबर को मतदान, 2 नवंबर को आएंगे नतीजे

गौरतलब है कि वल्लभनगर और धरियाबाद विधानसभा क्षेत्रों में 30 अक्टूबर को उपचुनाव है. वहीं 2 नवंबर को इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव के परिणाम आएंगे. इसके बाद ही यह साफ हो पाएगा की किस राजनीतिक दल के कौन से मुद्दे इन उपचुनाव में प्रभावी रहे और उसका फायदा संबंधित राजनीतिक दल को मिल पाया.

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