जयपुर. कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद शुरू हो रहे गहलोत सरकार के प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान पर चुनाव आयोग का ग्रहण लग गया है. पंचायती राज और विधानसभा उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ 4 जिले इस अभियान से प्रभावित होंगे. उदयपुर और प्रतापगढ़ में विधानसभा उपचुनाव तो वहीं अलवर और धौलपुर में पंचायती राज के चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में अभियान को लेकर इन जिलों के कलेक्टर ने राजस्व विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है.
इन जिलों पर पड़ेगा असर
भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा उप चुनाव-2021 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. चुनाव कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले की धरियावद और उदयपुर जिले की बल्लभनगर विधानसभा सीटों के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा. चुनाव की घोषणा के साथ ही संबंधित जिलों में आचार संहिता प्रभावित हो गई. इसी तरह से राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को धौलपुर और अलवर जिला परिषद पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव की घोषणा की. यहां भी चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. यानी पंचायती राज और विधानसभा उपचुनाव की तारीखों के ऐलान से प्रदेश के 4 जिले इस अभियान से प्रभावित होंगे.
आचार संहिता खत्म होने पर शुरू होगा अभियान
चुनावी आचार संहिता लगने के बाद संबंधित जिलों के कलेक्टरों ने राजस्व विभाग को पत्र लिख कर मार्गदर्शन मांगा है. राजस्व विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि जिन क्षेत्रों में चुनाव होने हैं और वहां पर निर्वाचन आयोग ने चुनावी कार्यक्रम जारी किए हैं, उन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू किया जाएगा, ताकि प्रशासन गांव के संग अभियान में जो लाभ आम जनता को मिल रहे हैं वो यहां के क्षेत्र के लोगों को भी मिल सके.
अभियान में यह मिलेगा लाभ
प्रदेश में 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान की शुरुआत होने जा रही है. यह अभियान एक ऐसा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसके माध्यम से आमजन की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाएगा. इस अभियान के दौरान लगने वाले शिविरों में पात्र और जरूरतमंद व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने, भूमिहीनों को भू-आवंटन करने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए.
शिविरों में आने वाले वृद्धजनों, दिव्यांगों आदि की समस्याओं को अधिकारी पूरी संवेदनशीलता से सुनें और उन्हें तत्काल राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आमजन को अधिक से अधिक राहत मिले और जिस मंशा के साथ राज्य सरकार यह अभियान शुरू करने जा रही है वह पूरी तरह सफल हो सके. लेकिन इस अभियान का पूरे प्रदेश को लाभ एक साथ नहीं मिलेगा.
इसकी वजह है भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग की और से चार जिलों में जारी चुनावी कार्यक्रम. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी कहा है कि प्रदेश सरकार की ओर से 2 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे अभियान को चुनावी जिलों में आयोजित नहीं किया जायेगा. निर्वाचन आयोग की से जारी निर्देशों के बाद इन जिलों में किसी तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सकता है.