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भिखारियों के फिरेंगे दिन...सर्वे के बाद Skill Development और स्थाई पुनर्वास के होंगे प्रयास

जयपुर शहर में भिक्षावृति करने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास को लेकर जिला प्रशासन आखिरकार हरकत में आ ही गया. भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों को एक स्थान पर रखकर उन्हें कौशल से जोड़ा जाएगा. ऐसे लोगों की वास्तविक संख्या और स्थिति के आंकलन के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं.

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भिखारियों के फिरेंगे दिन
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Published : May 30, 2020, 11:03 AM IST

जयपुर. शहर में भिक्षावृत्ति करने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए उनकी वास्तविक संख्या और स्थिति के आकलन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी सर्वे करेंगे. सर्वे के बाद उनको स्थाई रूप से भिक्षावृत्ति से दूर करने के लिए विभिन्न एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से किसी संस्थान में रखकर उनकी देखभाल, स्किल डेवलपमेंट जैसे प्रयास किए जाएंगे. यह निर्देश जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को दिए. वर्तमान परिस्थिति में उनके लिए भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था करने के लिए भी कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए.

भिखारियों के फिरेंगे दिन

डॉ. जोगाराम ने शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, नगर निगम, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने निर्देश दिए कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी, पुलिस, विभिन्न संस्थाओं द्वारा पूर्व में किए गए शहर में भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों के सर्वे और स्वयं के आधार पर सर्वे कर सही संख्या का आंकलन करें.

यह भी पढ़ेंः राशन डीलरों ने दुकान खोलने में जताई असमर्थता, अब तक 45 दुकानों के लाइसेंस निलंबित

सर्वे में सत्यापन होने के बाद भिक्षावृत्ति में सलंग्न लोगों के पुनर्वास के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जाए. उन्होंने निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना तय होने तक अस्पतालों, विभिन्न पुलियाओं, बाजारों, चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और उनके मिलने की संभावना वाले स्थलों पर उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जाए. डॉ. जोगाराम ने भीषण गर्मी को देखते हुए पीएचईडी एवं नगर निगम द्वारा इन इलाकों में शीतल जल की जल प्याऊ या टैंकर की व्यवस्था रखी जाए. बैठक में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोकबंधु, सभी अतरिक्त जिला कलेक्टर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.

प्रारंभिक पुनर्वास के लिए खाली भवन तलाशने के निर्देश...

जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने निर्देश दिए कि सर्वे के बाद भिक्षावृत्ति करने करने वाले लोगों को एक ही स्थान पर रखकर उन्हें कौशल से जोड़ा जाएगा. इसके केंद्र के लिए विद्यालयों के पुराने भवन, जिनको अब उपयोग में नहीं लिया जा रहा है. अथवा अन्य राजकीय खाली भवनों के चिन्हीकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि इन केंद्रों में आने वाले लोगों में शारीरिक रूप से ज्यादा कमजोर लोगों को यहां से विभिन्न निर्धारित सेवा केंद्रों में भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में 31 मई के बाद भी जारी रहेगा रात्रिकालीन Curfew, हेल्थ प्रोटोकॉल को लेकर कोई VIP नहीं

कोरोना टेस्ट के बाद किया जाएगा पुनर्वास...

कलेक्टर ने शरणार्थी शिविर में रखे गए सवा सौ भिक्षावृत्ति करने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास से पहले उनका कोरोना टेस्ट करने के चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उनकी जांच के बाद अन्य बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को संबंधित चिकित्सीय सहायता दी जाए.

निशुल्क राशन की होगी व्यवस्था...

कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने अधिकारियों को, भिक्षावृत्ति में संलग्न ऐसे लोगों के लिए निशुल्क राशन व्यवस्था के निर्देश दिए हैं, जो कच्ची बस्तियों में रहते हैं. साथ ही उनके पास खाना पकाने की सुविधा है. उन्होंने कहा कि राशन देते समय पात्रता के साथ यह भी देखा जाए कि वह व्यक्ति फिर भिक्षावृत्ति में सलंग्न न हों. पात्रता होने पर ऐसे व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 2 हजार 500 रुपए दिए जाने की योजना का लाभ भी दिया जा सकता है.

जयपुर. शहर में भिक्षावृत्ति करने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए उनकी वास्तविक संख्या और स्थिति के आकलन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी सर्वे करेंगे. सर्वे के बाद उनको स्थाई रूप से भिक्षावृत्ति से दूर करने के लिए विभिन्न एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से किसी संस्थान में रखकर उनकी देखभाल, स्किल डेवलपमेंट जैसे प्रयास किए जाएंगे. यह निर्देश जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को दिए. वर्तमान परिस्थिति में उनके लिए भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था करने के लिए भी कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए.

भिखारियों के फिरेंगे दिन

डॉ. जोगाराम ने शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, नगर निगम, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने निर्देश दिए कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी, पुलिस, विभिन्न संस्थाओं द्वारा पूर्व में किए गए शहर में भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों के सर्वे और स्वयं के आधार पर सर्वे कर सही संख्या का आंकलन करें.

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सर्वे में सत्यापन होने के बाद भिक्षावृत्ति में सलंग्न लोगों के पुनर्वास के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जाए. उन्होंने निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना तय होने तक अस्पतालों, विभिन्न पुलियाओं, बाजारों, चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और उनके मिलने की संभावना वाले स्थलों पर उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जाए. डॉ. जोगाराम ने भीषण गर्मी को देखते हुए पीएचईडी एवं नगर निगम द्वारा इन इलाकों में शीतल जल की जल प्याऊ या टैंकर की व्यवस्था रखी जाए. बैठक में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोकबंधु, सभी अतरिक्त जिला कलेक्टर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.

प्रारंभिक पुनर्वास के लिए खाली भवन तलाशने के निर्देश...

जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने निर्देश दिए कि सर्वे के बाद भिक्षावृत्ति करने करने वाले लोगों को एक ही स्थान पर रखकर उन्हें कौशल से जोड़ा जाएगा. इसके केंद्र के लिए विद्यालयों के पुराने भवन, जिनको अब उपयोग में नहीं लिया जा रहा है. अथवा अन्य राजकीय खाली भवनों के चिन्हीकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि इन केंद्रों में आने वाले लोगों में शारीरिक रूप से ज्यादा कमजोर लोगों को यहां से विभिन्न निर्धारित सेवा केंद्रों में भेजा जाएगा.

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कोरोना टेस्ट के बाद किया जाएगा पुनर्वास...

कलेक्टर ने शरणार्थी शिविर में रखे गए सवा सौ भिक्षावृत्ति करने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास से पहले उनका कोरोना टेस्ट करने के चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उनकी जांच के बाद अन्य बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को संबंधित चिकित्सीय सहायता दी जाए.

निशुल्क राशन की होगी व्यवस्था...

कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने अधिकारियों को, भिक्षावृत्ति में संलग्न ऐसे लोगों के लिए निशुल्क राशन व्यवस्था के निर्देश दिए हैं, जो कच्ची बस्तियों में रहते हैं. साथ ही उनके पास खाना पकाने की सुविधा है. उन्होंने कहा कि राशन देते समय पात्रता के साथ यह भी देखा जाए कि वह व्यक्ति फिर भिक्षावृत्ति में सलंग्न न हों. पात्रता होने पर ऐसे व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 2 हजार 500 रुपए दिए जाने की योजना का लाभ भी दिया जा सकता है.

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