श्रीगंगानगर. नवरात्र के अवसर पर हर साल जिले के प्राचीन श्री दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. लेकिन इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मंदिरों में भक्तों की भीड़ नहीं दिखी. हालांकि जिले भर में दुर्गा अष्टमी और नवमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. दुर्गा अष्टमी और नवमी पर श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की.
नवरात्र की अष्टमी और नवमी पर श्रद्धालुओं ने महागौरी और मां भगवती की पूजा-अर्चना कर कोरोना से मुक्ति की मन्नतें मांगी. इस कड़ी में प्राचीन श्री दुर्गा मंदिर में 3100 जोतों से महाआरती की गई. महाआरती के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया और मंदिर परिसर में किसी भी श्रद्धालु को रुकने की अनुमति नहीं दी गई.
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कोरोना गाइडलाइन की पालना के कारण मंदिर परिसर में प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे. श्रद्धालुओं को मुख्य गेट से प्रवेश दिया गया और दूसरे गेट से बाहर जाने दिया गया. मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए मास्क अनिवार्य था तो मंदिर के मुख्य द्वार पर जग- जगह सैनिटाइजर रखे गए थे.
![Ancient Sri Durga Temple of Sriganganagar, Corona effect on Navratri](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9306836_sssss.jpg)
मंदिर के पुजारी का कहना है कि 3100 जोतों की महाआरती का आयोजन तो हर बार की तरह किया गया, लेकिन कोरोना के चलते मंदिर में भीड़ नहीं हुई. मंदिर के ललित रतवाया का कहना है कि कोरोना को देखते हुए नियमों की पालना की गई है.
मंदिर कमेटी के सचिव पवन जोग का कहना है कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए तमाम प्रकार की व्यवस्था की गई है, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके. मां दुर्गा मंदिर के इस प्राचीन मंदिर में नवरात्रों में पंजाब हरियाणा से भी श्रद्धालु आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते दूसरे राज्यों से भक्तों का आना नहीं हुआ है.