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शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में लगाना नहीं हो रहा बंद, शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदारों से किया जवाब तलब - Jaipur News

शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जाना लगातार जारी है. नया मामला भीलवाड़ा जिले का है, जहां जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने शिक्षकों की ड्यूटी अवैध खनन की निगरानी में लगा दी. हालांकि शिक्षा मंत्री ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारी से जवाब तलब करते हुए आदेश निरस्त करा दिए.

Education Minister summoned official, teachers Duty in non-academic work
गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी
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Published : Jun 4, 2020, 2:02 AM IST

जयपुर. प्रदेश में इन दिनों कोरोना वॉरियर की तरह कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए आए दिन नए फरमान जारी हो रहे हैं. अब भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने शिक्षकों की ड्यूटी अवैध खनन की निगरानी में लगा दी. हालांकि शिक्षा मंत्री ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारी से जवाब तलब करते हुए आदेश निरस्त करा दिए.

गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी

शिक्षकों को कभी टिड्डी उड़ाने, कभी मृत्युभोज और शादी समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए तो कभी क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मनोरंजन के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से लगातार लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में अब आदेश अवैध खनन पर निगरानी के लिए निकाले गए हैं. दरअसल, भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने पुलिस की सहायता के लिए चेक पोस्ट पर शिक्षकों को तैनात करने का आदेश निकाला.

पढ़ें- केंद्र का फैसला ऐतिहासिक...लेकिन गहलोत सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया : राठौड़

जिनका काम ट्रैक्टर और ट्रक की गहनता से जांच करने और अवैध परिवहन होने की सूचना तत्काल तहसीलदार या कंट्रोल रूम में देने का होगा. इस आदेश के बाद शिक्षकों का रोष सातवें आसमान पर जा पहुंचा. इस बार शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर दो टूक सवाल किया कि आखिर जिला प्रशासनिक अधिकारी शिक्षकों से चाहते क्या हैं. साथ ही शिक्षक और शिक्षा विभाग की गरिमा को बचाने लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने की मांग की.

Education Minister summoned official, teachers Duty in non-academic work
उपखंड अधिकारी का आदेश

पढ़ें- पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी की जमानत जब्त करने का आदेश रद्द

हालांकि, मामले की गंभीरता को समझते हुए इस बार शिक्षा मंत्री ने तुरंत संज्ञान लिया और ट्वीट कर आदेश निरस्त करने की जानकारी देते हुए कहा कि 'जहाजपुर उपखंड अधिकारी की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना का नाम लेकर अवैध बजरी परिवहन रोकने में लगाने के विवादित आदेश के सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी से जवाब तलब करने को लिखा गया है. साथ ही इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करा दिया गया है.

  • जहाजपुर उपखण्ड अधिकारी द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना का नाम लेकर अवैध बजरी परिवहन रोकने में लगाने के विवादित आदेश के सामने आने के बाद सबंधित अधिकारी से जवाब तलब करने को लिखा गया और तत्काल प्रभाव से इस आदेश को #निरस्त करा दिया गया है। pic.twitter.com/KKGqDq1xtr

    — Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) June 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस बार भले ही शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदारों से जवाब मांगा है. लेकिन इस तरह के आदेशों के बाद अब शिक्षकों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. वहीं, शिक्षकों ने अब बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से मुक्त कर विद्यालय खुलने से 10 दिन पहले होम आईसोलेशन के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने की मांग की है.

जयपुर. प्रदेश में इन दिनों कोरोना वॉरियर की तरह कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए आए दिन नए फरमान जारी हो रहे हैं. अब भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने शिक्षकों की ड्यूटी अवैध खनन की निगरानी में लगा दी. हालांकि शिक्षा मंत्री ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारी से जवाब तलब करते हुए आदेश निरस्त करा दिए.

गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी

शिक्षकों को कभी टिड्डी उड़ाने, कभी मृत्युभोज और शादी समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए तो कभी क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मनोरंजन के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से लगातार लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में अब आदेश अवैध खनन पर निगरानी के लिए निकाले गए हैं. दरअसल, भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड अधिकारी ने पुलिस की सहायता के लिए चेक पोस्ट पर शिक्षकों को तैनात करने का आदेश निकाला.

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जिनका काम ट्रैक्टर और ट्रक की गहनता से जांच करने और अवैध परिवहन होने की सूचना तत्काल तहसीलदार या कंट्रोल रूम में देने का होगा. इस आदेश के बाद शिक्षकों का रोष सातवें आसमान पर जा पहुंचा. इस बार शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर दो टूक सवाल किया कि आखिर जिला प्रशासनिक अधिकारी शिक्षकों से चाहते क्या हैं. साथ ही शिक्षक और शिक्षा विभाग की गरिमा को बचाने लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने की मांग की.

Education Minister summoned official, teachers Duty in non-academic work
उपखंड अधिकारी का आदेश

पढ़ें- पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी की जमानत जब्त करने का आदेश रद्द

हालांकि, मामले की गंभीरता को समझते हुए इस बार शिक्षा मंत्री ने तुरंत संज्ञान लिया और ट्वीट कर आदेश निरस्त करने की जानकारी देते हुए कहा कि 'जहाजपुर उपखंड अधिकारी की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना का नाम लेकर अवैध बजरी परिवहन रोकने में लगाने के विवादित आदेश के सामने आने के बाद संबंधित अधिकारी से जवाब तलब करने को लिखा गया है. साथ ही इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करा दिया गया है.

  • जहाजपुर उपखण्ड अधिकारी द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना का नाम लेकर अवैध बजरी परिवहन रोकने में लगाने के विवादित आदेश के सामने आने के बाद सबंधित अधिकारी से जवाब तलब करने को लिखा गया और तत्काल प्रभाव से इस आदेश को #निरस्त करा दिया गया है। pic.twitter.com/KKGqDq1xtr

    — Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) June 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस बार भले ही शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदारों से जवाब मांगा है. लेकिन इस तरह के आदेशों के बाद अब शिक्षकों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. वहीं, शिक्षकों ने अब बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से मुक्त कर विद्यालय खुलने से 10 दिन पहले होम आईसोलेशन के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने की मांग की है.

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