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मदरसा पैरा टीचर्स मांग के अलावा सभी मांगों पर बनी सहमति

शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार को उर्दू भाषा और मदरसा पैरा टीचर्स को लेकर शिक्षा संकुल में बैठक हुई. इस बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स की मांग के अलावा सभी मांगों पर सहमति बन गई.

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मदरसा पैरा टीचर्स मांग के अलावा सभी मांगों पर बनी सहमति
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Published : Dec 3, 2020, 12:42 AM IST

जयपुर. उर्दू भाषा और मदरसा पैरा टीचर्स को लेकर शिक्षा संकुल में शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार शाम को बैठक हुई. बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स की मांग के अलावा सभी मांगों पर सहमति बन गई. अल्पसंख्यक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जब तक मदरसा पैरा टीचर्स का मामला नहीं निपट जाता है, तब तक उनका यह संघर्ष जारी रहेगा.

मदरसा पैरा टीचर्स मांग के अलावा सभी मांगों पर बनी सहमति

उर्दू भाषा और मदरसा पैराटीचर्स को लेकर हुई बैठक में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष खानू खान बुधवाली और अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक जमील कुरैशी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी और दांडी यात्रा के संयोजक शमशेर खान मौजूद रहे. इनके अलावा मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के अध्यक्ष आजम पठान ने भी बैठक में शिरकत की. इस बैठक में सभी मांगों के अलावा विशेष कर उर्दू भाषा और मदरसा पैराटीचर्स के मामले में भी लंबी चर्चा हुई.

बैठक में 10 में से 9 मांगों को मानने का आश्वासन भी दिया गया, हालांकि सहमति को लेकर किसी भी तरह का आदेश अब तक जारी नहीं किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से तीन-चार दिन में आदेश जारी करने की बात कही गई है.

दांडी यात्रा के संयोजक शमशेर खान ने कहा कि बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स के अलावा सभी बिंदुओं पर सहमति बन गई है और हम तब तक डटे रहेंगे, जब तक सौ फीसदी काम पूरा नहीं हो जाता. शमशेर खान ने कहा कि तीन-चार दिन बाद बैठक की प्रोसिडिंग में क्या निर्णय आता है, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वह मदरसा पैराटीचर्स की मांगों को लेकर संतुष्ट नहीं हैं. हमने बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स के इंश्योरेंस, मेडिक्लेम और पीएफ को लेकर भी बात की. मदरसा पैरा टीचर्स का रुका हुआ 400 रुपये मानदेय देने का मुद्दा भी बैठक में रखा गया.

पढ़ें- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में निर्भया स्क्वाड की अनूठी पहल

खान ने कहा कि जब तक कोई आदेश जारी नहीं हो जाता, तब तक हम डटे रहेंगे, लेकिन यह साफ है कि जब तक मदरसा पैराटीचर्स की मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक हमारे सभी बिंदु अधूरे हैं. मदरसा पैराटीचर की मांग पूरी नहीं होने तक हम लोग घर वापस नहीं जाएंगे.

मदरसा पैरा टीचर्स के आ रहे अलग-अलग बयानों को लेकर शमशेर खान ने नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि मैं आपकी वकालत तभी करूंगा, जब आप यह बयान बाजी बंद करेंगे. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के 13/12/2004 के आदेश को लेकर शमशेर खान ने कहा नियम की पालना जरूर कराई जाएगी. मांग नहीं माने जाने की दशा में शमशेर खान ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

बता दें कि शमशेर खान ने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने, उर्दू भाषा को लेकर निकाले जा रहे आदेशों और शाला पोर्टल को अपडेट नहीं करने कारण चूरू से दांडी गुजरात तक पैदल यात्रा शुरू से शुरू की थी, लेकिन सरकार के हस्तक्षेप के बाद खानू खान बुधवाली की दखल पर शमशेर खान ने दांडी यात्रा स्थगित कर दी थी. उसके बाद शमशेर खान की शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से भी मुलाकात हुई थी और शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में मदरसा पैरा टीचर्स के साथ ही कई बिंदुओं पर उनकी चर्चा हुई.

जयपुर. उर्दू भाषा और मदरसा पैरा टीचर्स को लेकर शिक्षा संकुल में शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार शाम को बैठक हुई. बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स की मांग के अलावा सभी मांगों पर सहमति बन गई. अल्पसंख्यक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जब तक मदरसा पैरा टीचर्स का मामला नहीं निपट जाता है, तब तक उनका यह संघर्ष जारी रहेगा.

मदरसा पैरा टीचर्स मांग के अलावा सभी मांगों पर बनी सहमति

उर्दू भाषा और मदरसा पैराटीचर्स को लेकर हुई बैठक में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष खानू खान बुधवाली और अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक जमील कुरैशी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी और दांडी यात्रा के संयोजक शमशेर खान मौजूद रहे. इनके अलावा मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के अध्यक्ष आजम पठान ने भी बैठक में शिरकत की. इस बैठक में सभी मांगों के अलावा विशेष कर उर्दू भाषा और मदरसा पैराटीचर्स के मामले में भी लंबी चर्चा हुई.

बैठक में 10 में से 9 मांगों को मानने का आश्वासन भी दिया गया, हालांकि सहमति को लेकर किसी भी तरह का आदेश अब तक जारी नहीं किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से तीन-चार दिन में आदेश जारी करने की बात कही गई है.

दांडी यात्रा के संयोजक शमशेर खान ने कहा कि बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स के अलावा सभी बिंदुओं पर सहमति बन गई है और हम तब तक डटे रहेंगे, जब तक सौ फीसदी काम पूरा नहीं हो जाता. शमशेर खान ने कहा कि तीन-चार दिन बाद बैठक की प्रोसिडिंग में क्या निर्णय आता है, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वह मदरसा पैराटीचर्स की मांगों को लेकर संतुष्ट नहीं हैं. हमने बैठक में मदरसा पैरा टीचर्स के इंश्योरेंस, मेडिक्लेम और पीएफ को लेकर भी बात की. मदरसा पैरा टीचर्स का रुका हुआ 400 रुपये मानदेय देने का मुद्दा भी बैठक में रखा गया.

पढ़ें- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में निर्भया स्क्वाड की अनूठी पहल

खान ने कहा कि जब तक कोई आदेश जारी नहीं हो जाता, तब तक हम डटे रहेंगे, लेकिन यह साफ है कि जब तक मदरसा पैराटीचर्स की मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक हमारे सभी बिंदु अधूरे हैं. मदरसा पैराटीचर की मांग पूरी नहीं होने तक हम लोग घर वापस नहीं जाएंगे.

मदरसा पैरा टीचर्स के आ रहे अलग-अलग बयानों को लेकर शमशेर खान ने नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि मैं आपकी वकालत तभी करूंगा, जब आप यह बयान बाजी बंद करेंगे. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के 13/12/2004 के आदेश को लेकर शमशेर खान ने कहा नियम की पालना जरूर कराई जाएगी. मांग नहीं माने जाने की दशा में शमशेर खान ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

बता दें कि शमशेर खान ने मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने, उर्दू भाषा को लेकर निकाले जा रहे आदेशों और शाला पोर्टल को अपडेट नहीं करने कारण चूरू से दांडी गुजरात तक पैदल यात्रा शुरू से शुरू की थी, लेकिन सरकार के हस्तक्षेप के बाद खानू खान बुधवाली की दखल पर शमशेर खान ने दांडी यात्रा स्थगित कर दी थी. उसके बाद शमशेर खान की शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से भी मुलाकात हुई थी और शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा की अध्यक्षता में मदरसा पैरा टीचर्स के साथ ही कई बिंदुओं पर उनकी चर्चा हुई.

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