जयपुर. राजस्थान समेत कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दफ्तरों पर ईडी ने छापा मारा है. ईडी की कार्रवाई के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की तरफ से एक बयान जारी किया गया और ईडी की कार्रवाई को गलत बताया है. अपने बयान में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने कहा कि देशभर में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए कई कोशिशें की गईं, बावजूद इसके किसान आंदोलन को रोकने में नाकामी मिली तो अब केंद्र सरकार के इशारे पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दफ्तरों पर ईडी की कार्रवाई की जा रही है.
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ईडी ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों सहित राजस्थान के जयपुर के एम आई रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में कार्रवाई को अंजाम दिया. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर यह कार्रवाई कोई नहीं बात नहीं है. देश मे जहां कहीं भी जनता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर आती है, केंद्र सरकार हर बार जनता का ध्यान भटकाने के लिए पॉपुलर फ्रंट इंडिया पर नये आरोप लगा कार्रवाई करती है.
इसके लिए ईडी व एनआईए जैसी राष्ट्रीय एजेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. आसिफ ने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को दबाने के लिए भाजपा राष्ट्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है. ईडी की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं. यह कार्रवाई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बदनाम करने की साजिश है.
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लगे कई आरोप, नहीं कर पाए सिद्ध...
मोहम्मद आसिफ ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर कई तरह के घिनौने आरोप लगाए गए, लेकिन आज तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो पाया. इससे पहले भी हादिया वाले केस में लव जिहाद का आरोप लगा. जांच के बाद केरल डीजीपी द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया और लव जिहाद जैसी कोई चीज जांच में नहीं मिली. दिल्ली दंगों में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर आरोप लगाए गए. मोरिशीस से 50 करोड़ रुपये लेने का आरोप भी ईडी द्वारा लगाया गया. जांच के बाद ईडी ने क्लीन चिट दे दी. पूर्व में ऐसे कई आरोप ईडी ओर एनआईए द्वारा लगाए गए जो सिद्ध नहीं कर पाए.