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खान आवंटन घूसकांड : IAS सिंघवी समेत आठों आरोपी नहीं होंगे भगौड़ा घोषित, डीजीपी को स्पेशल सेल गठन करने के आदेश

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Published : Sep 26, 2019, 9:04 PM IST

प्रदेश के चर्चित खान आवंटन घूसकांड मामले में आईएसएस अशोक सिंघवी सहित आठों आरोपियों को भगौड़ा घोषित करने से ईडी मामलों की विशेष अदालत ने इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने डीजीपी को ऐसे मामलों में तामिल करवाने के लिए एक स्पेशल सेल बनाने के आदेश दिए हैं.

Mine bribery case, खान आवंटन घूसकांड

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामलों में आरोपियों पर वारंट आदि तामील कराने के लिए स्पेशल सेल का गठन करें. इसके साथ ही अदालत ने खान आवंटन मामले में आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठ आरोपियों को भगौड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने से इंकार कर दिया है.

सीआई स्तर के अधिकारी करवाएं वारंट की तामील : कोर्ट

अदालत ने डीजीपी को कहा है कि आरोपियों के खिलाफ पूर्व में जारी गिरफ्तारी वारंट की मियाद एक नवंबर को समाप्त हो रही है. यदि तब तक वारंट की तामील नहीं होती है तो उदयपुर और चित्तौडगढ़ के एसपी और जयपुर के पुलिस कमिश्नर की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों पर सीआई स्तर के अधिकारी के जरिए गिरफ्तारी वारंट की तामील कराई जाए.

Mine bribery case, खान आवंटन घूसकांड
ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूसकांड मामले में की सुनवाई

ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक जितेन्द्र पूनिया ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि मामले में आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठों आरोपियों के पूर्व में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. इसके बावजूद आरोपी अभी तक गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें भगौड़ा घोषित कर उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाए.

पढ़ेंः वाड्रा मामला : निर्धारित समय से पहले सुनवाई पर जबरदस्त बहस, वाड्रा के वकीलों पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप

गौरतलब है कि एसीबी ने खान आवंटन के लिए ढाई करोड़ की रिश्वत के मामले में अशोक सिंघवी सहित अन्य को गिरफ्तार किया था. वहीं मामले में करोडों रूपए के लेनदेन को देखते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अलग से मामला दर्ज किया था. पूर्व में अदालत ने मनी लॉड्रिंग के मामले में सिंघवी सहित सभी आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. इसके अलावा हाल ही में अदालत ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोपियों को मिली जमानत को भी रद्द कर दिया था.

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामलों में आरोपियों पर वारंट आदि तामील कराने के लिए स्पेशल सेल का गठन करें. इसके साथ ही अदालत ने खान आवंटन मामले में आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठ आरोपियों को भगौड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने से इंकार कर दिया है.

सीआई स्तर के अधिकारी करवाएं वारंट की तामील : कोर्ट

अदालत ने डीजीपी को कहा है कि आरोपियों के खिलाफ पूर्व में जारी गिरफ्तारी वारंट की मियाद एक नवंबर को समाप्त हो रही है. यदि तब तक वारंट की तामील नहीं होती है तो उदयपुर और चित्तौडगढ़ के एसपी और जयपुर के पुलिस कमिश्नर की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों पर सीआई स्तर के अधिकारी के जरिए गिरफ्तारी वारंट की तामील कराई जाए.

Mine bribery case, खान आवंटन घूसकांड
ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूसकांड मामले में की सुनवाई

ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक जितेन्द्र पूनिया ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि मामले में आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठों आरोपियों के पूर्व में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. इसके बावजूद आरोपी अभी तक गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें भगौड़ा घोषित कर उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाए.

पढ़ेंः वाड्रा मामला : निर्धारित समय से पहले सुनवाई पर जबरदस्त बहस, वाड्रा के वकीलों पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप

गौरतलब है कि एसीबी ने खान आवंटन के लिए ढाई करोड़ की रिश्वत के मामले में अशोक सिंघवी सहित अन्य को गिरफ्तार किया था. वहीं मामले में करोडों रूपए के लेनदेन को देखते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अलग से मामला दर्ज किया था. पूर्व में अदालत ने मनी लॉड्रिंग के मामले में सिंघवी सहित सभी आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. इसके अलावा हाल ही में अदालत ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोपियों को मिली जमानत को भी रद्द कर दिया था.

Intro:जयपुर। ईडी मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह मनी लॉड्रिंग से जुडे मामलों में आरोपियों पर वारंट आदि तामील कराने के लिए स्पेशल सेल का गठन करें। इसके साथ ही अदालत ने खान आवंटन मामले में आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठ आरोपियों को भगौड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने से इंकार कर दिया है। अदालत ने डीजीपी को कहा है कि आरोपियों के खिलाफ पूर्व में जारी गिरफ्तारी वारंट की मियाद एक नवंबर को समाप्त हो रही है। यदि तब तक वारंट की तामील नहीं होती है तो उदयपुर और चित्तौडगढ़ के एसपी और जयपुर के पुलिस कमिश्नर की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों पर सीआई स्तर के अधिकारी के जरिए गिरफ्तारी वारंट की तामील कराई जाए।
Body:ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक जितेन्द्र पूनिया ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि मामले में आईएएस अशोक सिंघवी सहित आठों आरोपियों के पूर्व में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे। इसके बावजूद आरोपी अभी तक गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें भगौडा घोषित कर उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाए। गौरतलब है कि एसीबी ने खान आवंटन के लिए ढाई करोड़ की रिश्वत के मामले में अशोक सिंघवी सहित अन्य को गिरफ्तार किया था। वहीं मामले में करोडों रूपए के लेनदेन को देखते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अलग से मामला दर्ज किया था। पूर्व में अदालत ने मनी लॉड्रिंग के मामले में सिंघवी सहित सभी आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इसके अलावा हाल ही में अदालत ने भ्रष्टाचार से जुडे मामले में आरोपियों को मिली जमानत को भी रद्द कर दिया था। Conclusion:
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