जयपुर. आरटीओ प्रशासन की लापरवाही के चलते अभी तक ई रिक्शा शिफ्ट नहीं हो पाए हैं. यही वजह है कि परकोटे के क्षेत्र में बढ़ रही रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो अब ट्रैफिक जाम का सबब बने हुए हैं.
राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात पाने के लिए शहर में संचालित ई-रिक्शा को सभी आठ जोन में बराबर बांटा जाना था . जो उनके अनुसार ही उन्हें लाइसेंस भी दिए जाने थे. इस प्रक्रिया को पूरे हुए करीब 4 महीने बीत चुके हैं. अभी भी इसका कोई प्लान धरातल पर नहीं उतारा जा सका है. जिसका बड़ा कारण आरटीओ के सॉफ्टवेयर में आ रही कमी को बताया जा रहा है.
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इसे लेकर जयपुर आरटीओ राजेंद्र वर्मा का कहना है कि ई रिक्शा की प्रक्रिया को लेकर कार्य पूरा हो चुका है. और जल्द ही सभी ई रिक्शा को उनके कलर और जॉन भी बांट दिए जाएंगे . वही राजेंद्र वर्मा का कहना है कि सभी ई रिक्शा धारकों ने अपने लर्निंग लाइसेंस बनवाना भी चालू कर दिए हैं . वर्मा का कहना है कि 1 महीने के बाद अब उनका परमानेंट लाइसेंस बनाना भी शुरू हो जाएगा. जिसके बाद ही उनको उनके कलर और जॉन बांट दिए जाएंगे.
ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में हुआ था फैसला...
आपको बता दें कि 4 महीने पहले ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में शहर के परकोटे में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर इस चीज का फैसला किया गया था. लेकिन जयपुर में 4 महीने बीत जाने के बाद अभी तक वह फैसला धरातल पर नहीं आया है . शहर में लगातार चारों तरफ से दौड़ रहे ई रिक्शा से लगातार जाम की समस्या भी बनती जा रही है.
परकोटे में चलते हैं 80% ई रिक्शा...
आपको बता दें कि जयपुर में 80% ई-रिक्शा केवल पर परकोटे क्षेत्र में ही चल रहे हैं. इसी क्षेत्र में यह बढ़ते जा रहे हैं. जो परकोटे के ट्रैफिक सिस्टम को जाम करने वाले साबित हो रहे हैं. शहर के बाहरी इलाकों में जरूरत होने के बावजूद वहां ई रिक्शा नाम मात्र के हैं . इस व्यवस्था के साथ जाम की समस्या को दूर करने के लिए ई रिक्शा शिफ्ट किए जा रहे हैं. लेकिन फिलहाल अभी तक यह व्यवस्था लागू नहीं हुई है.