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जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की दोहरी नीति, आमजन को नहीं मिल रहे पास और VIP हो रहे खास - Jaipur Airport Administration

जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन दिनों एयरपोर्ट प्रशासन का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर पिछले ढाई साल से आमजन के लिए विजिटर पास बंद कर रखे हैं, तो वहीं दूसरी ओर वीआईपी एयरपोर्ट प्रशासन के पास हो रहे हैं.

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जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की दोहरी नीति
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Published : Jan 26, 2020, 5:32 PM IST

जयपुर. दुनिया भर में ख्याति पा चुके जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन दिनों हवाई अड्डा प्रशासन का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां आमजन के हवाई अड्डे में प्रवेश के लिए बनने वाले विजिटर्स पास पर लंबे समय से रोक लगा रखी है, तो वहीं दूसरी और वीआईपी लोगों के अस्थाई पास रोजाना बन रहे हैं.

जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की दोहरी नीति

दरअसल, हवाई अड्डा प्रशासन ने करीबन ढाई साल पूर्व सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यात्रियों को मिलने वाले विजिटर पास पर रोक लगा दी, जिससे यात्रियों को हवाई अड्डे में प्रवेश पूरी तरह से बंद हो गया. इसकी वजह से लोग अपने यात्रियों को ना तो रिसीव कर पाते हैं और न ही अंदर तक छोड़ पाते हैं. ऐसे में मजबूरन यात्रियों को पोर्च एरिया में सरपट दौड़ती गाड़ियों के बीच खड़ा होना पड़ता है.

यह भी पढ़ें- Exclusive: मिलिए पर्यावरण प्रेमी हिम्मताराम भांभू से..जिन्हें पद्मश्री से नवाजा जाएगा

वहीं, दूसरी और वीआईपी लोग को आराम से हवाई अड्डे पर प्रवेश मिल रहा है , रोजाना टर्मिनल मैनेजर के पास हस्तलिखित सिफारिश आती रहती हैं, जिन्हें आराम से अंदर जाने भी दिया जाता है. आमजन को किसी भी सूरत में अस्थाई पास जारी नहीं किया जाता है.

वेटिंग रूम नहीं होने से ज्यादा दिक्कत

हवाई अड्डे पर वेटिंग रूम नहीं है, इससे यात्रियों के परिजनों को पोर्च एरिया में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है. बीमार और पहली बार यात्रा करने वाले यात्रियों को अंदर तक छोड़ना कई बार आवश्यक होता है. इसके अलावा कई बार विमान के आने में देरी होती है. जिससे इंतजार करने वाले लोगों को पोर्च में दिक्कत होती है, तो वह विजिटर पास लेकर अंदर बैठ सकते हैं, लेकिन ढाई साल से यह व्यवस्था एयरपोर्ट प्रशासन ने बंद कर दी है.

जल्द मिल सकती है राहत

वर्तमान में जयपुर हवाई अड्डे से 21 शहरों के लिए 62 फ्लाइट संचालित हो रही है, इनमें 10000 से ज्यादा यात्री रोजाना यात्रा भी करते हैं. हाल ही में हवाई अड्डे पर नया अराइवल भी शुरू हुआ है. कुछ समय बाद नया डिपार्चर हॉल भी शुरू हो जाएगा. इन दोनों में बने वेटिंग क्षमता भी ठीक है. ऐसे में विजिटर पास की सुविधा शुरू हो, तो हवाई अड्डे प्रशासन की आय में भी इजाफा होगा. साथ ही आमजन को सुविधा भी मिलेगी.

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान में अलर्ट जारी, चीन से आए 18 यात्री अंडर सर्विलांस

जानिए क्या होते हैं अस्थाई पास

हवाई अड्डे में कुछ समय तक प्रवेश के लिए अस्थाई विजिटर पास बनते हैं , जिसमें 50 से 100 रुपये तक का शुल्क लिया जाता है. जिससे आमजन वेटिंग रूम तक जा सकता है. जहां अपने यात्री को रिसीव और छोड़ सकता है, यह सुविधा इस समय दिल्ली ,अहमदाबाद, लखनऊ, चंडीगढ़ समेत कई शहर के प्रमुख हवाई अड्डों पर चल रही है.

जयपुर. दुनिया भर में ख्याति पा चुके जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन दिनों हवाई अड्डा प्रशासन का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां आमजन के हवाई अड्डे में प्रवेश के लिए बनने वाले विजिटर्स पास पर लंबे समय से रोक लगा रखी है, तो वहीं दूसरी और वीआईपी लोगों के अस्थाई पास रोजाना बन रहे हैं.

जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन की दोहरी नीति

दरअसल, हवाई अड्डा प्रशासन ने करीबन ढाई साल पूर्व सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यात्रियों को मिलने वाले विजिटर पास पर रोक लगा दी, जिससे यात्रियों को हवाई अड्डे में प्रवेश पूरी तरह से बंद हो गया. इसकी वजह से लोग अपने यात्रियों को ना तो रिसीव कर पाते हैं और न ही अंदर तक छोड़ पाते हैं. ऐसे में मजबूरन यात्रियों को पोर्च एरिया में सरपट दौड़ती गाड़ियों के बीच खड़ा होना पड़ता है.

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वहीं, दूसरी और वीआईपी लोग को आराम से हवाई अड्डे पर प्रवेश मिल रहा है , रोजाना टर्मिनल मैनेजर के पास हस्तलिखित सिफारिश आती रहती हैं, जिन्हें आराम से अंदर जाने भी दिया जाता है. आमजन को किसी भी सूरत में अस्थाई पास जारी नहीं किया जाता है.

वेटिंग रूम नहीं होने से ज्यादा दिक्कत

हवाई अड्डे पर वेटिंग रूम नहीं है, इससे यात्रियों के परिजनों को पोर्च एरिया में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है. बीमार और पहली बार यात्रा करने वाले यात्रियों को अंदर तक छोड़ना कई बार आवश्यक होता है. इसके अलावा कई बार विमान के आने में देरी होती है. जिससे इंतजार करने वाले लोगों को पोर्च में दिक्कत होती है, तो वह विजिटर पास लेकर अंदर बैठ सकते हैं, लेकिन ढाई साल से यह व्यवस्था एयरपोर्ट प्रशासन ने बंद कर दी है.

जल्द मिल सकती है राहत

वर्तमान में जयपुर हवाई अड्डे से 21 शहरों के लिए 62 फ्लाइट संचालित हो रही है, इनमें 10000 से ज्यादा यात्री रोजाना यात्रा भी करते हैं. हाल ही में हवाई अड्डे पर नया अराइवल भी शुरू हुआ है. कुछ समय बाद नया डिपार्चर हॉल भी शुरू हो जाएगा. इन दोनों में बने वेटिंग क्षमता भी ठीक है. ऐसे में विजिटर पास की सुविधा शुरू हो, तो हवाई अड्डे प्रशासन की आय में भी इजाफा होगा. साथ ही आमजन को सुविधा भी मिलेगी.

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जानिए क्या होते हैं अस्थाई पास

हवाई अड्डे में कुछ समय तक प्रवेश के लिए अस्थाई विजिटर पास बनते हैं , जिसमें 50 से 100 रुपये तक का शुल्क लिया जाता है. जिससे आमजन वेटिंग रूम तक जा सकता है. जहां अपने यात्री को रिसीव और छोड़ सकता है, यह सुविधा इस समय दिल्ली ,अहमदाबाद, लखनऊ, चंडीगढ़ समेत कई शहर के प्रमुख हवाई अड्डों पर चल रही है.

Intro:जयपुर एंकर-- दुनिया भर में ख्याति पा चुके जयपुर एयरपोर्ट पर इन दिनों एयरपोर्ट प्रशासन का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है, जहां एक और पिछले ढाई साल से आमजन के लिए विजिटर पास बंद कर रखे हैं , तो वहीं दूसरी और वीआईपी एयरपोर्ट प्रशासन के पास हो रहे हैं,


Body:जयपुर-- दुनिया भर में ख्याति पा चुके जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन दिनों हवाई अड्डा प्रशासन का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है, एक और जहां आमजन के हवाई अड्डे में प्रवेश के लिए बनने वाले विजिटर्स पास पर लंबे समय से रोक लगा रखी है , तो वहीं दूसरी और वीआईपी लोगों के अस्थाई पास रोजाना बन रहे हैं , मामला यह है कि हवाई अड्डा प्रशासन ने करीबन ढाई साल पूर्व सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यात्रियों को मिलने वाले विजिटर पास पर रोक लगा दी, जिससे यात्रियों को हवाई अड्डे में प्रवेश पूरी तरह से बंद हो गया , इसकी वजह से लोग अपने यात्रियों को ना तो रिसीव कर पाते हैं , और ना ही अंदर तक छोड़ पाते हैं, ऐसे में मजबूरन यात्रियों को पोर्च एरिया में सरपट दौड़ती गाड़ियों के बीच खड़ा होना पड़ता है, वहीं दूसरी और वीआईपी लोग को आराम से हवाई अड्डे पर प्रवेश मिल रहा है , रोजाना टर्मिनल मैनेजर के पास हस्तलिखित सिफारिश आती रहती हैं, जिन्हें आराम से अंदर जाने भी दिया जाता है, वहीं आमजन को किसी भी सूरत में अस्थाई पास जारी नहीं किया जाता है,

- वेटिंग रूम नहीं होने से ज्यादा दिक्कत

हवाई अड्डे पर वेटिंग रूम नहीं है, इससे यात्रियों के परिजनों को पोर्च एरिया में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है, बीमार और पहली बार यात्रा करने वाले यात्रियों को अंदर तक छोड़ना कई बार आवश्यक होता है, इसके अलावा कई बार विमान के आने में देरी होती है , जिससे इंतजार करने वाले लोगों को पोर्च में दिक्कत होती है, तो वह विजिटर पास लेकर अंदर बैठ सकते हैं, लेकिन ढाई साल से यह व्यवस्था एयरपोर्ट प्रशासन ने बंद कर दी है,

- मिल सकती है राहत

वर्तमान में जयपुर हवाई अड्डे से 21 शहरों के लिए 62 फ्लाइट संचालित हो रही है, इनमें 10000 से ज्यादा यात्री रोजाना यात्रा भी करते हैं, हाल ही में हवाई अड्डे पर नया अराइवल भी शुरू हुआ है , कुछ समय बाद नया डिपार्चर हॉल भी शुरू हो जाएगा, इन दोनों में बने वेटिंग क्षमता भी ठीक है, ऐसे में विजिटर पास की सुविधा शुरू हो तो हवाई अड्डे प्रशासन की आय में भी इजाफा होगा , साथ ही आमजन को सुविधा भी मिलेगी.


- जानिए क्या होते हैं अस्थाई पास

हवाई अड्डे में कुछ समय तक प्रवेश के लिए अस्थाई विजिटर पास बनते हैं , जिसमें 50 से 100 रुपये तक का शुल्क लिया जाता है , जिससे आमजन वेटिंग रूम तक जा सकता है, जहां अपने यात्री को रिसीव और छोड़ सकता है, यह सुविधा इस समय दिल्ली ,अहमदाबाद, लखनऊ, चंडीगढ़ समेत कई शहर के प्रमुख हवाई अड्डों पर चल रही है.


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