जयपुर. औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने राजधानी जयपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. टीम ने जयपुर के चिरायु अस्पताल में कार्रवाई को अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि अस्पताल की ओर से ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन के दाम 3.5 गुना अधिक वसूल किए जा रहे थे.
औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के नेतृत्व में जयपुर के हाथोज स्थित चिरायु अस्पताल पर ब्लैक फंगस से संबंधित औषधि एंफोटरइसि बी के क्रय विक्रय से संबंधित जांच की गई. जांच में पाया गया कि अस्पताल द्वारा लाइसोमल एंफोटरइसिन-बी जिसकी अलग-अलग कंपनियों की कीमत लगभग 5200 से 6800 रुपये के बीच है तथा इमल्शन एंफोटरइसिन बी, जिसकी एमआरपी 1950 रुपये है, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा इमल्शन एंफोटरइसिन-बी को भी लाइसोसोम एंफोटरइसिन बी के बराबर तथा एमआरपी से लगभग 3.5 गुना अधिक दाम वसूले जा रहे थे. जबकि उक्त इंजेक्शन में राज्य सरकार द्वारा 5% मार्जिन पर विक्रय करने के निर्देश जारी किए गए हैं तथा उक्त औषधि का विक्रय का रिकॉर्ड भी संधारित नहीं किया जा रहा था.
इसके अलावा औषधि के ब्रांड नेम एवं बैच नेम से संबंधित कोई सूचना संधारित नहीं की जा रही थी. नारकोटिक्स औषधियों का संधारण भी सही नहीं पाया गया तथा औषधि ट्रामाडोल के क्रय विक्रय में भी अनियमितताएं पाई गईं. अस्पताल फार्मेसी द्वारा शेड्यूल H1 औषधियों का रिकॉर्ड भी संधारित नहीं पाया गया. ऐसे में अस्पताल फार्मेसी के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं.