जयपुर. राजस्थान राज्यसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ सुभाष चंद्रा मतदान स्थल से चले गए. इससे पहले मीडिया से भी उन्होंने बात की और जीतने वाले सभी प्रत्याशियों को अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं. वहीं भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा के क्रॉस वोटिंग से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि (Dr Subhash Chandra on cross voting in Rajya Sabha election) जब मैं दूसरे से अपेक्षा कर सकता हूं कि वो मुझे वोट दें, तो फिर भाजपा ने भी कर दिया होगा तो इसमें नई और आश्चर्य वाली क्या बात है.
दरअसल चुनाव परिणाम 5 बजे बाद आने थे, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर सुभाष चंद्रा करीब 3:15 ही मतदान स्थल से दिल्ली के लिए रवाना हो गए. बकायदा इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात भी की और सभी प्रत्याशियों और जीतने वालों के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी शुभकामनाएं और बधाई दे दी. डॉक्टर चंद्रा ने भाजपा और आरएलपी का भी आभार व्यक्त किया जिनके विधायकों ने उन्हें समर्थन किया.
चंद्रा ने कहा कि मैं इन चुनाव में जीतूं या ना नहीं, लेकिन राजस्थान के साथ मेरा एक रिश्ता बन गया है और राजस्थान से जुड़े जो भी काम होंगे, उन्हें करवाने का मैं पूरा प्रयास (Dr Subhash Chandra on Rajasthan) करूंगा. माना जा रहा है कि चंद्रा को अपनी संभावित हार की जानकारी हो गई थी, लेकिन जाते-जाते उन्होंने बकायदा सभी का आभार व्यक्त किया.
शोभारानी कुशवाहा मामले में कही ये बात: वहीं भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा के क्रॉस वोटिंग से जुड़े सवाल पर चंद्रा ने कहा कि कि मुझे ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी. लेकिन जब मैं दूसरों से अपेक्षा कर सकता हूं कि वह अपना वोट मुझे दें, तो भारतीय जनता पार्टी ने भी कर दिया होगा, तो इसमें नई और आश्चर्य वाली क्या बात है. हालांकि चंद्रा ने कहा कि इसकी क्या वजह रही, मुझको नहीं पता. उन्होंने कहा क्या कुछ हुआ, यह सबकुछ आपके सामने भी आ जाएगा. वहीं कुशवाहा के वोट के दौरान चंद्रा ने जो आपत्ति निर्वाचन अधिकारी के समक्ष की थी, उससे जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि कुशवाहा ने मतदान केंद्र में मौजूद बीजेपी के चुनाव एजेंट को अपना मत दिखाने के साथ दिया और उन्होंने ले लिया.
चंद्रा से जब पूछा गया कि कुशवाहा आखिर वोट किसे दे रही थीं, क्या यह अब तक आपकी जानकारी में नहीं आया, तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के चुनाव एजेंट ने यह अभी तक डिस्क्लोज नहीं किया. मुझे पता होता तो, मैं बता देता. चंद्रा का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र और हरियाणा की तुलना में राजस्थान की राजनीति काफी आसान है. उन्होंने कहा कि चुनाव मैदान में उनके खड़े रहने से कई विधायकों के फायदे हुए. जो विधायक उन्हें वोट करना चाहते थे, उन्होंने फोन कर इसके लिए माफी भी मांगी.